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पलामू में दहेज के खिलाफ उलगुलान

मेदिनीनगर के शिवाजी मैदान में मंगलवार को तिलक-दहेज की मांग के खिलाफ एक दिवसीय महासम्मेलन हुआ। इसमें विभिन्न समुदाय के करीब तीन हजार लोगों ने शिरकत की। सभी ने सामूहिक रूप से समाज में फैले दहेज रूपी...

पलामू में दहेज के खिलाफ उलगुलान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 08 Mar 2017 12:33 AM
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मेदिनीनगर के शिवाजी मैदान में मंगलवार को तिलक-दहेज की मांग के खिलाफ एक दिवसीय महासम्मेलन हुआ। इसमें विभिन्न समुदाय के करीब तीन हजार लोगों ने शिरकत की। सभी ने सामूहिक रूप से समाज में फैले दहेज रूपी दानव को मिटाने का संकल्प लिया। महासम्मेलन का आयोजन मुतालबा-ए-दहेज व तिलक रोको अभियान की ओर से किया गया था। उद्घाटन झारखंड पूर्वमंत्री केएन त्रिपाठी, मनिका के पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह, डीसी अमित कुमार, हाजी मुमताज अली समेत कई लोगों ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि दहेज आज के समय में समाज के लिए अभिशाप है। दहेज की खातिर बेटियों की हत्या की जा रही है। इसे रोकने के लिए समाज के सभी समुदाय के लोगों को आगे आना होगा। पलामू की धरती से दहेज और तिलक के खिलाफ उलगुलान हुआ है। यह देश स्तर पर जाए, इसके लिए मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।

मनिका के पूर्व विधायक श्री सिंह ने कहा कि अभियान के प्रमंडलीय अध्यक्ष हाजी मुमताज अली ने पोखरीकला से 2016 में दहेज के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था, आज यह क्रांति का रूप धारण करने की ओर अग्रसर है। दहेज के कारण कन्या भ्रूण हत्या बढ़ गयी है। दहेज पर रोक लगने से ही कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लग जाएगी।

डीसी अमित कुमार ने कहा कि समाज को जागरूक कर ही दहेज पर काबू पाया जा सकता है। ऐसे कार्य में जिला प्रशासन हमेशा खड़ा रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि जबरी दहेज ने समाज को बदसूरत बना दिया है। दहेज की बीमारी आज के समय में आम हो गई है। इसका इलाज मात्र युवाओं के हाथों में है। आज की बेटियां दांव पर लगी हुई है। बेटियों को बचाने के लिए समाज को जागरूक होना होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमंडलीय अध्यक्षता हाजी मुमताज अली और संचालन मास्टर समीम ने किया। महासम्मेलन में अफजल अहमद, जमाल अहमद, हाजी संजर नवाज, सरताज खां, मो. हारूण रसीद, हाजी जुमराही, समसुद होदा, डॉ कोनेन अंसारी, मास्टर यासीन, मो. मुस्तफा, शैलेश चंद्रवंशी, अविनाश देव, मुमताज अहमद खां, अहमद आलम, मो. इफ्तेखार अहमद, वृजेश शुक्ला, अखिल भारतीय भूतपूर्व सैनिक सेवा परिषद सुशील कुमार मंगलम समेत अन्य लोगों ने अपने विचार रखे।

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