फ्रेंच ओपन : सेरेना और सफारोवा के बीच होगी खिताबी भिडन्त
विश्व की 13वें नंबर की खिलाड़ी चेक गणराज्य की लूसी सफारोवा ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए सातवीं सीड एना इवानोविच को गुरुवार को फ्रेंच ओपन के महिला एकल सेमीफाइनल में सीधे सेटों में 7-5, 7-5 से हराकर...
विश्व की 13वें नंबर की खिलाड़ी चेक गणराज्य की लूसी सफारोवा ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए सातवीं सीड एना इवानोविच को गुरुवार को फ्रेंच ओपन के महिला एकल सेमीफाइनल में सीधे सेटों में 7-5, 7-5 से हराकर पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश कर लिया, जहां उनका मुकाबला शीर्ष वरीयता प्राप्त अमेरिका की सेरेना विलियम्स से होगा।
दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी सेरेना ने खराब शुरुआत के बाद जबर्दस्त वापसी करते हुए 23वीं सीड स्विट्जरलैंड की टिमिया बासस्निज्की को 4-6, 6-3, 6-0 से पराजित कर फाइनल में प्रवेश किया। रोलां गौरो पर अपना तीसरा और करियर का 20वां ग्रैंड स्लैम जीतने से एक कदम दूर सेरेना खिताबी मुकाबले में सफारोवा से भिड़ेंगी। सेरेना चौथी बार फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहुंची है।
लाल बजरी पर दो बार की चैंपियन रह चुकी सेरेना ने पहला सेट गंवाने के बाद अपने चिर परिचित अंदाज में खेलना शुरू किया और दूसरा सेट जीतने के बाद तीसरे सेट में स्विस खिलाड़ी को कोई चुनौती पेश नहीं करने दी। सेरेना ने 37 विनर्स और आठ ऐस लगाए जबकि टिमिया ने 26 विनर्स और चार ऐस लगाए।
सर्बिया की इवानोविच ने मैच में बेहतरीन शुरुआत करते हुये अपना दबदबा बनाया लेकिन 13वीं सीड सफारोवा ने शानदार अंदाज में खेलते हुये पहले सेट के फाइनल पांच गेम जीत लिये। छह बार डब्ल्यूटीए खिताब अपने नाम करने वाली सफारोवा ने 112 मिनट तक चले इस मुकाबले में चार ब्रेक अंकों को भुनाया जबकि इवानोविच दो ही ब्रेक अंकों को भुना सकीं।
चेक गणराज्य की सफारोवा ने सात ऐस लगाये जबकि इवानोविच ने मैच में पांच ऐस लगाये। सफारोवा ने जैसे ही दूसरा सेट जीता तो वह कोर्ट पर ही बैठ गयीं और फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहली बार पहुंचने का जश्न मनाने लगीं। इससे पहले वह 2014 में विंबलडन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचीं थीं।
सफारोवा ने जीत के बाद कहा कि यह एक सपने के पूरे होने जैसा है। मैं भरोसा ही नहीं कर पा रही हूं। मैंने धीमी शुरुआत की थी लेकिन अपने स्तर को बनाये रखा और बाद में आक्रामक खेल दिखाना शुरू किया क्योंकि जीत के लिये यही रास्ता था।
सफारोवा ने कहा कि आक्रामक खेल की वजह से ही मेरी जीत का रास्त बना और मैं पहली बार ग्रैंड स्लेम के फाइनल में जगह बनाने में सफल हो सकी। सचमुच मुझे अभी भी भरोसा नहीं हो रहा है। आप सभी का सहयोग मुझे मिला, मैं आपका धन्यवाद करती हूं। थैंक्स पेरिस।