गोपीचंद से सिंधू तक: ये है वो शख्स जो खिलाड़ियों को गिफ्ट करता है BMW
भारतीय जिमनास्ट दीपा करमाकर ने हाल ही में अपनी बीएमडब्ल्यू कार के रखरखाव में परेशानियों का सामना करने के संकेत दिए थे। अगले ही दिन 25 लाख का चेक दीपा के अकाउंट में ट्रांसफर करा दिया गया था।...
भारतीय जिमनास्ट दीपा करमाकर ने हाल ही में अपनी बीएमडब्ल्यू कार के रखरखाव में परेशानियों का सामना करने के संकेत दिए थे। अगले ही दिन 25 लाख का चेक दीपा के अकाउंट में ट्रांसफर करा दिया गया था। इतनी बड़ी रक्म ट्रांसफर करने वाले कोई और नहीं बल्कि वी.चामुंडेश्वरनाथ थे। ये वही शख्स हैं जिन्होंने दीपा करमाकर को रियो ओलंपिक में बेहरतीन प्रदर्शन करने पर बीएमडब्ल्यू कार गिफ्ट की थी।
कौन हैं वी.चामुंडेश्वरनाथ
ये घटना भले ही असाधारण हो, लेकिन दीपा की परेशानी सुलझाने वाला ये शख्स ना कहने के लिए नहीं जाना जाता। वी.चामुंडेश्वरनाथ खेलों को बढ़ावा देने के लिए इससे पहले भी खिलाड़ियों को 17 कारें गिफ्ट कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे दीपा की परेशानी का अहसास हुआ कि अगरताला जैसी छोड़ी सी जगह में बीएमडब्ल्यू रखने में उन्हें कितनी दिक्कत आ रही होगी।
अगर आप हैदराबाद के सोशल सर्किल का हिस्सा नहीं हैं या स्टेट लेवल की राजनीति से अंजान हैं, तो ऐसा हो सकता है कि आपने कभी वी. चामुंडेश्वरनाथ का नाम ना सुना हो। चामुंडेश्वरनाथ आंद्रप्रदेश के पूर्व बल्लेबाज रह चुके हैं, जिन्होंने 44 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं। 1991-92 में सन्यांस के बाद उन्हें 2009 वर्ल्ड टी-20 के लिए टीम इंडिया का मैनेजर बनाया गया था। चामुंडेश्वरनाथ को उनके दोस्त प्यार से चामुंडी भी कहते हैं।
ऐसे करते कारें गिफ्ट
खेल से अलग, चामुंडेश्वरनाथ के टॉप कॉर्पोरेट हाउस से अच्छे रिश्ते हैं और जो लोग बिजनेस में बड़े ब्रेक की तलाश में हैं उनके लिए चामुंडेश्वरनाथ को जनना जरूरी है। बड़े क्रिकेट स्टार्स से दोस्ती के लिए भी चामुंडेश्वरनाथ को जाना जाता है। चामुंडेश्वरनाथ ने अपने इन्ही बिजनेस और क्रिकेटिंग लिंक्स की मदद से पीवी सिंधू, पी. गोपीचंद, साक्षी मलिक और दीपा करमाकर को रियो ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन के लिए 4 बीएमडब्ल्यू गिफ्ट की थीं। उन्होंने बताया कि क्योंकि सिंधू और गोपीचंद, दोनों हैदराबाद के हैं इसलिए पहले सिर्फ उनको ही कार गिफ्ट करी जानी थी। इसके लिए उन्होंने एनआरआई, फिल्म निर्माता और हैदराबाद के उद्योगपतियों से पैसा इकट्ठा किया था।
उन्होंने बताया कि मेरे दोस्त और मेरे पास दो बीएमडब्ल्यू कारें खरीदने के ही पैसे थे। फिर सचिन ने बीएमडब्ल्यू से हमें डिस्काउंट दिलाने में मदद की। जिसकी मदद से हम दो की जगह चार कारें ले पाए। ये सचिन का ही आइडिया था कि हमें साक्षी और दीपा को भी कारें गिफ्ट करनी चाहिए। तो ऐसे सिंधू और गोपीचंद के साथ साक्षी और दीपा भी लिस्ट में शामिल हो गईं।
कई सालों से कर रहे हैं कारें गिफ्ट
मार्केट रेट के अनुसार बीएमडब्ल्यू का ऑनरोड प्राइस 1.25 करोड़ है। लेकिन टैलेंट प्रमोटर के नाम से जाने जाने वाले चामुंडेश्वरनाथ एक दशक से ज्यादा से लक्जरी कारें गिफ्ट करते आ रहे हैं। 2001 में जब गोपीचंद ने ऑल इंग्लैंड टाइटल जीता था तब भी उन्हें हुंडई एसेंट गिफ्ट की गई थी। दो साल बाद जब सानिया मिर्जा ने विंबलडन गर्ल्स डबल्स टाइटल जीता था, तब उन्हें फिएट पालियो दी थी।
2012 में सायना नेहवाल के लंदन ओलंपिक में ब्रोन्ज जीतने पर उन्हें बीएमडब्ल्यू दी थी। चामुंडी ने बताया कि एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सिंधू से वादा करते हुए कहा था कि अगर वो ओलंपिक मेडल जीतेंगी तो उन्हें भी सचिन कार की चाबी सौपेंगे। हम खिलाड़ियों को मोटीवेट करने के लिए सचिन तेंदुलकर से चाबी भेट करवाते हैं।
वर्ल्ड नं 10 खिलाड़ी के.श्रीकांत को भी चीन सुपर सीरीज में लेजेंड लिन डैन को हराने पर फोर्ड इकोस्पोर्ट दी गई थी। चामुंडी ने कहा कि आज भी लोग क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों को प्रमोट नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि मैंने और सचिन ने हाल ही में पैरा-ओलंपिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक करोड़ रुपए दिये थे। मैं खुद अपनी जेब से पैसा खर्च करते हूं क्योंकि अगर मैं खुद न करूं तो मैं अपने दोस्तों से कैसे उम्मीद कर सकता हूं।
विवादों में भी रहे
हालांकि चामुंडी कई विवादों से भी जुड़े रहे हैं। 2009 में उन्हें पैसों की हेर-फेर के लिए आंद्र क्रिकेट असोसिएशन के सेक्रेटेरी के पद से हटाया गया था। आंद्रा की महिला क्रिकेटर्स ने भी उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का इल्जाम लगाया था। इस बारे में चामुंडी ने कहा कि वो सारे केस खत्म हो चुके हैं, ये दुश्मनों की साजिश थी।
क्रिकेट के बाद बैडमिंटन से जुड़े
फिर चामुंडी बैडमिंटन की तरफ चले गए और उन्होंने सुनील गावस्कर के साथ इंडियन बैडमिंटन लीग की टीम मुंबई मास्टर्स खरीदी। आजकल, वो हैदराबाद बैडमिंटन असोसिएशन के अध्यक्ष और तेलंगना बैडमिंटन असोसिएशन के उप-अध्यक्ष हैं।
चामुंडी ने कहा कि उनका अभी बिजनेस में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं खुद खिलाड़ी रह चुका हूं और अब खिलाड़ियों को प्रमोट करता हूं। बहुत लोग ये नहीं जानते लेकिन सायना 12 साल की थीं और उनके पास विदेशी टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए पैसे नहीं थे तब भी मैंने 25 हजार का चेक दिया था। मैंने मिताली राज को टीम इंडिया की कप्तान बनने से पहले शेवरोले कार गिफ्ट की थी।