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मौसम बदलते ही डायरिया ने पांव पसारे

मौसम बदलते ही डायरिया ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। एक एक बेड में दो-दो मरीजों को रखा जा रहा है। ज्यादातर मरीज कैला भट्टा, प्रताप विहार,चमन कालोनी,...

मौसम बदलते ही डायरिया ने पांव पसारे
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 23 Jun 2016 08:26 PM
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मौसम बदलते ही डायरिया ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। एक एक बेड में दो-दो मरीजों को रखा जा रहा है। ज्यादातर मरीज कैला भट्टा, प्रताप विहार,चमन कालोनी, और इस्लाम नगर के शामिल हैं। मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक है। एमएमजी अस्तपताल में दो दिनों में 25 बच्चों को भर्ती किया गया है। ज्यादातर बच्चे इन्हीं इलाकों के हैं। सीएमओ ने संबंधित इलाकों के पानी के जांच के आदेश दे दिए हैं।

पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से तापमान में अचानक उतार चढ़ाव आया है, जिससे मौसम में उमस बढ़ गई है। इस वजह से उल्टी और दस्त के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। एमएमजी अस्पताल में दो दिनों में 25 मरीज उल्टी और दस्त के भर्ती हुए हैं। इन मरीजों में कैला भट्टा, प्रताप विहार, इस्लाम नगर और चमन कालोनी के 16 बच्चे शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर संयुक्त जिला अस्पताल में दो दिनों में 9 बच्चों को भर्ती किया गया है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक-एक बेड पर दो-दो बच्चों को भी रखा जा रहा है। इसके अलावा शहर के छोटे बड़े निजी अस्पतालों में भी डायरिया के मरीज भर्ती हो रहे हैं। एमएमजी अस्पताल की बाल रोग विशेषज्ञ डा. शालिनी तिवारी ने बताया कि ओपीडी में रोजाना करीब 70 से ज्यादा बच्चे उल्टी, दस्तों की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इनमें से 8 से 10 बच्चों को भर्ती करना पड़ रहा है।

गंदा पानी है कारण
डायरिया का सबसे बड़ा कारण गंदा पानी है। प्रदूषित पानी का छोटे बच्चों पर सबसे पहले असर पड़ता है। बारिश की वजह से मरीजों की सख्या बढ़ गई है। पानी में मौजूद बैक्टीरिया पनपने के कारण बच्चों को उल्टी व दस्त शुरू हो जाते हैं।

बच्चों में डायरिया के लक्षण
- दस्त लगना
- उल्टी आना
- बुखार
- चिडचिड़ापन
- बेहोशी छा जाना

बचाव
- साफ पानी पिलाएं
- रखा हुआ खाना न खिलाएं
- खुले पेय पदार्थ न पिलाएं
- कटे हुए रखे फल न खिलाएं
-जमीन पर गिरी चीजे न खाने दे
-बच्चों के हाथ साफ रखें
-तुरंत डॉक्टर की सलाह लें

बारिश के बाद मरीजों की संख्य में इजाफा हुआ है लेकिन स्थितियां नियंत्रण में है। इमरजेंसी में सभी व्यवस्थाएं तैयार हैं। बाल रोग विशेषज्ञ और जनरल फिजीशियन को 24 घंटे कॉल ड्यूटी में रहने के निर्देश दिए गए हैं।
जेके त्यागी, सीएमएस, एममएजी अस्पताल

जिन इलाकों में उल्टी और दस्त के अधिक मरीज अधिक आ रहे हैं, उन इलाकों में पानी के जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जल्द ही इन इलाकों में पानी की जांच कराई जाएगी।
अजेय अग्रवाल, सीएमओ

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