अधिवक्ता पर जानलेवा हमला, एसआईटी कर रही है जांच
जिला कोर्ट के अधिवक्ता आरएन यादव ने पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जताया है। उनका कहना है कि पुलिस मामले को गंभीरता से जांच नहीं कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस दबाव में काम कर रही है। पीडि़त...
जिला कोर्ट के अधिवक्ता आरएन यादव ने पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जताया है। उनका कहना है कि पुलिस मामले को गंभीरता से जांच नहीं कर रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस दबाव में काम कर रही है।
पीडि़त अधिवक्ता आर.एन. यादव और जिला बार एसोसिएशन तथा पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल के सदस्यों ने सोमवार को प्रेस कॉफ्रेंस किया। पीडि़त ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाही न करने पर रोष व्यक्त किया।
बार काउंसिल के प्रवेश यादव ने कहा कि पीडि़त अधिवक्ता ने सांसद सुखबीर जौनापुरिया के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया हुआ है लेकिन पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की है। पीडि़त को ही पूछताछ के लिए बुलाया जाता रहा है। पुलिस को पूरी जानकारी उपलब्ध कराई हुई है। जिला बार एसोसिएशन के सचिव विनोद राव ने आरोप लगाया कि पुलिस पर दबाव है, तभी तो सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं हो रही है।
दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि गर्मी के अवकाश समाप्त होने के बाद काउंसिल व एसोसिएशन अपने स्तर पर कार्रवाही करेगी। प्रदेश सरकार को भी पूरे प्रकरण से अवगत कराया जाएगा। सांसद और उनके सहयोगियों के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं होती है तो पूरे प्रदेश की अदालतों में वर्क सस्पेंड और हड़ताल भी कराई जाएगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार की होगी। पीडि़त अधिवक्ता ने बताया कि घटना में जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया, वह घटना के दिन तक नॉर्थ स्टार टॉवर्स एंड अपार्टमेंट्स के नाम थी। यह कंपनी सांसद की ही है।
घटना के बाद गाड़ी को राजस्थान टोंक के मुकेश गुर्जर के नाम पर ट्रांसफर कराया है। उन्होंने कहाकि पुलिस को सीसीटीवी कैमरे की फुटेज वगैहरा भी उपलब्ध करा दी थी लेकिन उस सबके बावजूद भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है।
गौरतलब है कि अधिवक्ता आरएन यादव पर 16 मई को जानलेवा हमला किया गया था। अधिवक्ता को कई दिनों तक उपचार हेतु अस्पताल में भी भर्ती होना पडम था। अधिवक्ता ने पुलिस में मामला भी दर्ज करा दिया था। जिला बार एसोसिएशन ने अदालत में वर्क सस्पेंड कर पुलिस आयुक्त से आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की थी लेकिन एक माह बाद भी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हुई है। दूसरी ओर सांसद भी पुलिस कमिश्नर से मिलकर निपक्ष जांच की मांग किया था। जिस पर मामले की जांच के लिए एसआईटी बना दी गई थी। एसआईटी मामले की जांच कर रही है।