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लश्कर आतंकी टुंडा बम विस्फोटों से जुड़े मामले में बरी

वर्ष 1997 में दिल्ली में बम धमाकों की साजिश के आरोपी लश्कर-ए-तैयबा के कथित आतंकी अब्दुल करीम टुंडा समेत चार लोगों को अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया है। अदालत ने आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए कहा कि...

लश्कर आतंकी टुंडा बम विस्फोटों से जुड़े मामले में बरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 05 Mar 2016 09:46 PM
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वर्ष 1997 में दिल्ली में बम धमाकों की साजिश के आरोपी लश्कर-ए-तैयबा के कथित आतंकी अब्दुल करीम टुंडा समेत चार लोगों को अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया है। अदालत ने आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए कहा कि पुलिस इनके खिलाफ मुकदमा चलाने लायक साक्ष्य पेश नहीं कर पाई है। टुंडा दिल्ली अदालत में लंबित आखिरी मामले से भी आरोपमुक्त हो गए हैं।

74 वर्षीय टुंडा उन 20 आतंकियों की सूची में शामिल था जिनकी सूची मुम्बई हमले (26/11) के आतंकियों के तौर पर भारत की तरफ से पाकिस्तान को सौंपी गई थी। टुंडा के खिलाफ दिल्ली में चार मुकदमे दर्ज थे। चारों मामलों में वह सबूतों के अभाव के चलते आरोपमुक्त हो गए हैं। टुंडा के खिलाफ वर्ष 1996 में इंटरपोल के माध्यम से रेड कार्नर नोटिस भी जारी हो चुका है। इस मामले में टुंडा के अलावा उसके ससुर मोहम्मद जकरिया व उनके दो अन्य साथी अल्लाऊद्दीन एवं बशीरुद्दीन भी आरोपमुक्त हुए हैं।

देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का था आरोप
बचाव पक्ष के अधिवक्ता एम एस खान ने बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने टुंडा समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र में इनके खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, युद्ध छेड़ने की साजिश रचने एवं विस्फोटक अधिनियम, विदेशी व आर्म्स एक्ट के तहत आरोप लगाए गए थे। आरोपपत्र में कहा गया था कि अल्लाऊद्दीन व बशीरुद्दीन आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा में शामिल होने से पहले टुंडा से वर्ष 1994 में मिले थे। पुलिस के मुताबिक टुंडा ने पाकिस्तानी व बाग्लादेशी नागरिकों को देश के अलग-अलग हिस्सों में घुसपैठ करने में मदद की थी। लेकिन इन सब आरोपों के समर्थन में पुलिस अदालत में कोई पुख्ता साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। जिसके बाद अदालत ने टुंडा समेत सभी चार आरोपियों को आरोपमुक्त करने का फैसला सुनाया।

इंडिया-नेपाल सीमा से हुई थी गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस ने टुंडा को 16 अगस्त 2013 को इंडिया-नेपाल सीमा के बनबसा से गिरफ्तार किया था। टुंडा देशभर में हुए 40 से अधिक बम धमाकों में वांछित था। जबकि अन्य आरोपी जाकिर, अल्लाऊद्दीन और बशीरुद्दीन अलग मामलों में पश्चिम बंगाल की जेल में बंद थे। टुंडा की गिरफ्तारी के बाद इन तीनों को भी प्रोडक्शन वारंट पर दिल्ली अदालत में पेश किया गया था।

दिल्ली के इन मामलों में भी हुए आरोपमुक्त
-1 अक्तूबर 1997 को सदरबजार में हुए दो धमाकों के मामलों में पिछले वर्ष अदालत ने टुंडा को कर दिया था आरोपमुक्त। सदरबाजार में दो जगह हुए धमाकों में कई लोग जख्मी हो गए थे।
-28 अक्तूबर 1997 को करोलबाग में हुए ब्लास्ट मामले में भी टुंडा को गत वर्ष आरोपमुक्त कर दिया गया था। इस धमाके में एक व्यक्ति मारा गया था। जबकि कई लोग जख्मी हुए थे। जबकि एक जिंदा बम भी बरामद किया गया था।
-टाडा एवं आतंकवादी गतिविधियों को लेकर दर्ज तीसरे में मामले भी टुंडा को गत वर्ष ही पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपमुक्त किया था।

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