देर से शादी व बच्चे की प्लानिंग से नहीं मिल रहा संतान सुख
अनियमित जीवनशैली, गलत खानपान, करियर के चक्कर में देर से मां बनना, देर से शादी होने आदि के कारण बांझपन बढ़ता जा रहा है। गणेश अस्पताल में निसंतान दंपतियों के लगे चिकित्सा शिविर में जांच कराने आए...
अनियमित जीवनशैली, गलत खानपान, करियर के चक्कर में देर से मां बनना, देर से शादी होने आदि के कारण बांझपन बढ़ता जा रहा है। गणेश अस्पताल में निसंतान दंपतियों के लगे चिकित्सा शिविर में जांच कराने आए दंपतियों की काउंसिलिंग में यह बात सामने आई। शिविर में 152 दंपतियों की जांच की गई। इनमें से अधिकतर को इलाज की सलाह दी गई।
गणेश अस्पताल में निसंतान दंपतियों के लिए शनिवार और रविवार को शिविर लगाया गया। शिविर में 152 दंपतियों की जांच की गई। मरीजों की काउंसिलिंग व जांच डॉ़ अर्चना शर्मा, डॉ़ प्रतीक शर्मा, डॉ़ मोनिशा शर्मा, डॉ़ दीप्ति अग्रवाल, डॉ़ उमेश मदान, डॉ़ अपूर्व अग्रवाल, डॉ़ मुकेश कुमार आदि ने की। शिविर में आए दंपतियों की जांच में यह सामने आया है कि आईवीएफ तकनीक से संतान सुख लेने वालों की उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच है। ऐसे दंपतियों की या तो शादी देर से हुई या फिर करियर के चक्कर में बच्चे नहीं किए।
डॉ. अर्चना शर्मा ने बताया कि गलत खानपान, देर से बच्चा पैदा करने की योजना और देर से शादी करने के चलते बांझपन के केस बढ़ रहे हैं। अगर समय पर और योग्य डॉक्टर से इलाज कराया जाए तो इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। पुरुषों में दिक्कत होती है। इसलिए दोनों की जांच जरूरी होती है।