गणतंत्र दिवस से पहले राजनाथ ने की दिल्ली की सुरक्षा समिति की समीक्षा
गणतंत्र दिवस से पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली पुलिस प्रमुख और खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली की सुरक्षा स्थिति की सोमवार को समीक्षा की। राजपथ पर...
गणतंत्र दिवस से पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली पुलिस प्रमुख और खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर दिल्ली की सुरक्षा स्थिति की सोमवार को समीक्षा की।
राजपथ पर आयोजित किए जाने वाले इस प्रमुख समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ असैन्य एवं रक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद होंगे। दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी और अन्य अधिकारियों ने दिल्ली में की जाने वाली जमीन से लेकर आसमान तक की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में गृहमंत्री को विस्तृत प्रस्तुति दी।
पठानकोट आतंकी हमलों के बाद पहले ही दिल्ली को हाईअलर्ट पर रखा जा चुका है क्योंकि ऐसी खुफिया सूचनाएं हैं कि कम से कम दो आतंकी दिल्ली में घुस चुके हैं।
एक सूत्र ने कहा कि गणतंत्र दिवस के मद्देनजर दिल्ली में उच्चतम सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। पठानकोट स्थित एयरबेस पर हमले से कुछ ही दिन पहले केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने यह जानकारी दी थी कि पाकिस्तान से आठ से दस आतंकियों ने सीमा पार की है। ऐसी ही एक रिपोर्ट पंजाब सरकार की ओर से आई थी जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान से कम से कम 15 आतंकियों ने सीमा पार की है।
सूत्रों ने कहा कि कुछ आतंकी हमले के मौके की फिराक में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ओलांद के दौरे के दौरान पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाया जा रहा है। ऐसी व्यवस्था इस बात को ध्यान में रखते हुए विशेष तौर पर की जा रही है कि हाल ही में 13 नवंबर को पेरिस में हुए आतंकी हमलों के दौरान सात बंदूकधारियों ने 130 लोगों की हत्या कर दी थी।
जमीनी स्तर पर बलों की तैनाती के अलावा सरकार विमान-रोधी बंदूकें तैनात कर और दिल्ली के कई इलाकों के उड़ान-रोधी क्षेत्र घोषित करके हवाई सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी। दिल्ली पुलिस के 80 हजार जवानों के अलावा कुल 10 हजार अर्द्धसैन्य कर्मियों को भी व्यापक सुरक्षा कवर के तहत दिल्ली में तैनात किया जाएगा। दिल्ली में अतिरिक्त अर्द्धसैन्य बलों की नियुक्ति पठानकोट आतंकी हमले के एक सप्ताह बाद कर दी गई थी।
उस हमले में सात सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। केंद्रीय खुफिया और जांच एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों और दिल्ली समेत 13 राज्यों की पुलिस ने शनिवार को गृहमंत्री के साथ बैठक की थी और उसमें सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों के जरिए युवाओं में आईएसआईएस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के कदमों पर चर्चा की गई थी।
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