फोटो गैलरी

Hindi Newsलर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस में उच्च शिक्षित हो रहे फेल

लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस में उच्च शिक्षित हो रहे फेल

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले कई लोगों के लिए हिन्दी मुसीबत बन रही है। ये लोग लर्निंग लाइसेंस के लिए होने वाले लिखित टेस्ट में फेल हो रहे हैं। टेस्ट पेपर हिन्दी में होता है और ये लोग हिन्दी ठीक से...

लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस में उच्च शिक्षित हो रहे फेल
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 11 Aug 2016 06:31 PM
ऐप पर पढ़ें

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले कई लोगों के लिए हिन्दी मुसीबत बन रही है। ये लोग लर्निंग लाइसेंस के लिए होने वाले लिखित टेस्ट में फेल हो रहे हैं। टेस्ट पेपर हिन्दी में होता है और ये लोग हिन्दी ठीक से समझ नहीं पाते हैं। खास बात यह है कि फेल होने वालों में उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों से लेकर सेवानिवृत्त विंग कमांडर भी शामिल हैं।

लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लिखित टेस्ट पेपर पास करना जरूरी होता है। बिना टेस्ट पास किए लाइसेंस नहीं बन सकता है। सामान्तय: टेस्ट पेपर हिन्दी में होता है, इसमें 15 सवाल होते हैं। 9 सही जवाब देने वाले आवदेक को ही पास माना जाता है।

ऐसा होता है टेस्ट पेपर
टेस्ट पेपर वैकल्पिक होता है। इसमें सड़क से संबंधित संकेतक दिए होते हैं और उनके चार उत्तर होते हैं, सही उत्तर को टिक करना होता है। मसलन संकरी पुलिया का संकेत दिया गया है और उसके आगे विकल्प के रूप में मोड़, रेलवे क्रासिंग, जेब्रा क्रासिंग और संकरी पुलिया लिखा होता है। इसमें सही जवाब बताना होता है। पेपर में साधारण शब्दावली का प्रयोग किया जाता है। टेक्स पेपर का फार्मेट मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के अनुसार बना है। इस तरह 26 साल से टेस्ट की इसी प्रकिया से आवेदक को गुजरना होता है।

इस वजह से होते हैं फेल
पेपर हिन्दी में होता है। ऐसे लोग जो इंग्लिश मीडियम में शिक्षा प्राप्त करते हैं और हिन्दी के संपर्क में कम रहते हैं। वे संकेतक समझते जरूर हैं लेकिन हिन्दी में सही जवाब नहीं दे पाते हैं और फेल हो जाते हैं। कुल फेल होने वालों आवेदकों में 25 फीसदी के करीब भाषा की वजह से फेल होते हैं। पिछले दिनों संभागीय परिवहन विभाग ने लर्निंग के लिए हुए टेस्ट में फेल हुए आवेदकों के प्रोफाइल की जांच की । इसमें सेवानिवृत्त विंग कमांडर से लेकर विदेश से शिक्षा छात्र शामिल मिले।

विश्वजीत प्रताप सिंह,
एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह ने बताया कि टेस्ट पेपर हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध हैं लेकिन सामान्यत: हिन्दी में टेस्ट पेपर दिया जाता है। जब कोई अंग्रेजी में टेस्ट पेपर मांगता है तो उसे अंग्रेजी वाला दिया जाता है। ज्यादातर लोगों इस बात की जानकारी नहीं होती है कि पेपर अंग्रेजी में भी उपलब्ध है, इसलिए वे हिन्दी वाला पेपर हल कर देते हैं और फेल हो जाते हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें