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बाहर रहने का खर्च हॉस्टल से चार गुना ज्यादा

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिला प्रक्रिया पूरी होने वाली है। प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के सामने अब आवास की सबसे बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है क्योंकि विश्वविद्यालय के छात्रावासों में करीब चार...

बाहर रहने का खर्च हॉस्टल से चार गुना ज्यादा
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 10 Aug 2016 07:14 PM
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दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में दाखिला प्रक्रिया पूरी होने वाली है। प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के सामने अब आवास की सबसे बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है क्योंकि विश्वविद्यालय के छात्रावासों में करीब चार हजार ही सीटें हैं जबकि हजारों की संख्या में दिल्ली के बाहर के छात्रों ने डीयू में दाखिला लिया है। किराए पर रहना विद्यार्थियों की जेब पर बहुत भारी पड़ता है क्योंकि यहां छात्रावास के मुकाबले चार से पांच गुना अधिक खर्च होता है।

पिछले तीन वर्षों से छात्रावास की लड़ाई लड़ रहे डीयू के पूर्व छात्र प्रवीण सिंह ने बताया कि डीयू के छात्रों के लिए आवास की समस्या बहुत बड़ी है। दूसरे राज्यों से यहां पढ़ने वाले बहुत सारे विद्यार्थियों के पास इतने संसाधन नहीं होते हैं कि वे निजी रूप से किराए पर कमरा लेकर रहें। प्रवीण ने पिछले साल नॉर्थ कैंपस की आट्र्स फैकल्टी के सामने अक्तूबर में 7 दिन भूख हड़ताल की थी और इसके बाद लंगर चलाकर अपना विरोध दर्ज कराया था। 100 दिन तक चले उनके आंदोलन के बाद भी जब किसी ने उनकी नहीं सुनी तो वह दिल्ली हाईकोर्ट चले गए। अदालत में सुनवाई की अगली तिथि 1 सितंबर है।
विद्यार्थियों की मांगें

प्रवीण ने बताया कि हमने कोर्ट के सामने छात्रों की कुछ मांगें रखी हैं। इनमें सभी विद्यार्थियों को छात्रावास उपलब्ध कराना प्रमुख मांग है। हमारी दूसरी मांग है कि जब तक छात्रावासों का इंतजाम हो विद्यार्थियों को हर महीने 5,000 रुपये किराए भत्ते के रूप में मिलने चाहिए। सभी पुस्तकालय चौबीस घंटे खुलने चाहिए। विश्वविद्यालय के आसपास बिना लाभ-हानि के आधार पर कैंटिन खुली चाहिए ताकि छात्रों को उचित मूल्य पर खाना उपलब्ध हो सके।

2008 में 52 फीसदी सीटें बढ़ी, हॉस्टल बना सिर्फ एक
डीयू में वर्ष 2008 में ओबीसी आरक्षण लागू हुआ था। इस दौरान विश्वविद्यालय में 52 फीसदी सीटों का इजाफा हुआ था। तब से अब तक सिर्फ एक हॉस्टल का निर्माण हुआ है।

क्या कहती है डीयू कानून 1922 की धारा-33
दिल्ली विश्वविद्यालय एक्ट, 1922 की धारा-33 के मुताबिक विश्वविद्यालय में पढ़ने वाल हर छात्र (दूरस्थ शिक्षा के तहत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को छोड़कर) को कॉलेज के हॉल में आवास मिलेगा या कानून में बताई गई परिस्थितियों के अनुसार छात्रों को आवास दिया जाएगा।

छात्रावास का खर्च
60,000 रुपये सालाना (औसतन)
किराए पर कमरा का खर्च
किराया :  12 से 15 हजार रुपये महीना
खाना : 4 से 6 हजार रुपये महीना
बिजली : 2 से 3 हजार रुपये महीना

किराए के मकान में रहने पर सिर्फ आर्थिक नुकसान ही नहीं होता है बल्कि इससे पढ़ाई पर भी असर पड़ता है। छात्रावास में चौबीस घंटे पुस्कालय की सेवा तो उपलब्ध होती है, इसके अलावा हमें किसी अन्य सुविधा को भी जुटाना नहीं पड़ता है। -हरप्रीत सिंह, छात्र, दिल्ली कॉलेज ऑफ इकोनॉमिक्स

डीयू के नॉर्थ कैंपस के पास छात्रों के रहने के इलाके
मुखर्जी नगर, गांधी विहार, नेहरू विहार, वजीराबाद, ढाका, निरंकारी कॉलोनी, क्रिश्चन कॉलोनी, कमला नगर, ओल्ड गुप्ता कॉलोनी

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