फोटो गैलरी

Hindi Newsदिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन में महिला ने दिया बच्चे को जन्म

दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन में महिला ने दिया बच्चे को जन्म

दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन में रविवार सुबह एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। महिला अपने परिवार के साथ ट्रेन से हरियाणा जा रही थी। बाद में पीसीआर कर्मियों ने जच्चा-बच्चा दोनों को बाड़ा हिंदुराव अस्पताल...

दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन में महिला ने दिया बच्चे को जन्म
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 29 May 2016 10:37 PM
ऐप पर पढ़ें

दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन में रविवार सुबह एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। महिला अपने परिवार के साथ ट्रेन से हरियाणा जा रही थी। बाद में पीसीआर कर्मियों ने जच्चा-बच्चा दोनों को बाड़ा हिंदुराव अस्पताल में भर्ती कराया जहां दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार भिंड निवासी वीरेंद्र सोनीपत के पास समालखां में एक दुकान में काम करता है। शनिवार को वह अपनी गर्भवती पत्नी आरती, पिता कांशीराम और मां के साथ दादर एक्सप्रेस से सोनीपत जा रहा था। ट्रेन फरीदाबाद पहुंची थी कि आरती को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इसके बाद कांशीराम ने तुरंत मामले की जानकारी कोच के टीटी को दी। तब तक सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन आ गया। टीटी ने स्टेशन मास्टर को घटना के बारे में बताया और परिवार को रविवार सुबह 5.30 बजे सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर उतार दिया।

केवल परेशान होने की सूचना दी
रेलवे अधिकारी की तरफ से 100 नंबर पर फोन पीसीआर को खबर कर दी। लेकिन फोन पर सिर्फ यह बताया गया कि एक परिवार परेशान है। मौके पर पहुंचे पीसीआर कर्मी हेड कांस्टेबल संजीव और कांस्टेबल संजय ने स्ट्रेचर पर आरती को लादकर अस्पताल की तरफ रुख किया। लेकिन आरती को बेतहाशा प्रसव पीड़ा शुरू हुई लगा कि अब बच्चा पीसीआर वैन में ही जन्म ले लेगा। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह वैन को घेरा और आरती ने वैन में ही बच्चे (लड़का) को जन्म दिया।
इसके बाद पीसीआर कर्मियों ने तुरंत जच्चा-बच्चा को बाड़ा हिंदुराव अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पहले से तैयारा डॉक्टरों ने दोनों का इलाज शुरू कर दिया। अब दोनों को सामान्य वार्ड में भेज दिया गया है।

आधे घंटे में पूरा किया अभियान
महिला को वैन में रखने, बच्चा होने और अस्पताल पहुंचाने तक पूरे अभियान में पुलिसकर्मियों ने मात्र आधे घंटे का वक्त लिया। समय रहते इलाज मिलने की वजह से जच्चा बच्चा की जान बच गई। महिला के पति वीरेंद्र ने बताया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वे सोनीपत जाएंगे।

किशनगंज अखाड़े के पास रहती है पीसीआर
पीसीआर एस 46 किशनगंज अखाड़े के पास खड़ी रहती है। संजीव और संजय की ड्यूटी रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक थी। उन्होंने जच्चा बच्चा भर्ती कराने के साथ ही उन्होंने बच्चे को 151 रुपये भी दिए।

इससे पहले भी जान बचाई है
पीसीआर में ढाई साल से तैनात संजीव ने एक साल पहले सदर बाजार इलाके में आत्महत्या करने जा रहे व्यक्ति को रोका था। वह व्यक्ति दरवाजा बंदकर आत्महत्या करने जा रहा था। लेकिन संजीव ने दरवाजा तोड़कर फांसी का फंदा बना रहे व्यक्ति को जान देने से रोक दिया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें