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नगर निगम के साथ प्रशासन के अधिकारी मौके पर जाएंगे

पानी के नमूने फेल होने वालों स्थानों की प्रशासन दोबारा से जांच कराएगा। प्रशासन ने गत माह ऐसे 18 से अधिक लोगों को नोटिस जारी कर किया था, जिनके यहां पर पानी का नमूना फेल पाया गया था। इन सभी को पानी की...

नगर निगम के साथ प्रशासन के अधिकारी मौके पर जाएंगे
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 04 Jun 2016 08:34 PM
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पानी के नमूने फेल होने वालों स्थानों की प्रशासन दोबारा से जांच कराएगा। प्रशासन ने गत माह ऐसे 18 से अधिक लोगों को नोटिस जारी कर किया था, जिनके यहां पर पानी का नमूना फेल पाया गया था। इन सभी को पानी की गुणवत्ता सुधारने को लेकर 7 दिन का नोटिस दिया गया था।

पिछले माह नगर निगम द्वारा चलाए गए अभियान में स्कूलों, जलाशयों और होटल, ढाबों से पानी के  नमूने लिए। जांच में कई स्थानों के नमूने फेल पाए गए। सामान्य पीने योग्य पानी में टीडीएस की मात्रा 50 से 200 के बीच होनी चाहिए, लेकिन इन स्थानों में साढ़े 500 से 750 के बीच पाई गई थी। इसके अलावा बगैर क्लोरीन वाले पानी को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। इसमें कई प्रकार के बैक्टेरिया पनप सकते हैं और पानी में कीड़े पड़ सकते हैं।

गर्मियां और अधिक खतरा रहता है। निगम ने पिछले माह यह रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी थी। प्रशासन ने नोटिस देकर 7 दिन में पानी की गुणवत्ता सुधारने का समय दिया था।

यहां होगी दोबारा जांच

सेंट पॉल स्कूल राजनगर, इंग्राहम आशा विद्यालय जीटी रोड,इंग्राहम इंग्लिश मीडियम स्कूल, जीटी रोड़ सेंट मैरी कांवेंट स्कूल शास्त्रीनगर, रवि शुद्ध भोजनालय,शर्मा ढाबा पुराना बस अड्डा,पाकिजा ढाबा पुराना बस अड्डा, सलीम ढाबा पुराना बस अड्डा, आरके चिकन, विशाल ढाबा, अमित भोजनालय, स्विस होटल, सिद्धार्थ विहार, प्रताप विहार, गगन विहार, गांधी नगर जलाशय आदि।

अचानक होगी छापेमारी
प्रशासन ने इसकी जिम्मेदारी एएसडीएम नितिन मदान को सौंपी है। मदान ने बताया कि इन सभी स्थानों की दोबारा से जांच की जाएगी। जंाच का कोई शिड्यूल नहीं बनाया जाएगा। टीम औचक छापेमारी की कार्रवाई करेगी।

पिछले साल 200 नमूने हुए फेल
पिछले साल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर में विभिन्न स्थानों से पानी के करीब 400 नमूने लिए थे। इनमें 200 से ज्यादा नमूने फेल पाए गए। करीब एक दर्जन से ज्यादा स्थान पर पानी में ई-कोलाई बैक्टीरिया पाए गए। इसके अलावा डीटीएस की मात्रा भी कई गुना अधिक पाई गई है।

दूषित पानी से होने वाली बीमारियां
हैजा, पीलिया, उल्टी-दस्त, बुखार, टाइयफाइड, पेट और लीवर संबंधित समस्याएं।

सभी स्थानों की दोबारा से जांच की जाएगी। जांच में यह देखा जाएगा कि पानी की गुणवत्ता और साफ सफाई दुरस्त हुई है या नहीं। अगर इस पर अमल नहीं किया गया तो संबंधित व्यक्ति पर खाद्य सुरक्षा विभाग के नियमों के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है।
विमल कुमार शर्मा, डीएम

 

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