पुलिस की शिकायत के लिए अलग प्राधिकार को मंजूरी
पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए केजरीवाल सरकार ने अलग शिकायत प्राधिकार के गठन के मंजूरी दे दी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 9 साल पुराने फैसले पर अमल करते हुए यह कदम उठाया है। दिल्ली...
पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए केजरीवाल सरकार ने अलग शिकायत प्राधिकार के गठन के मंजूरी दे दी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 9 साल पुराने फैसले पर अमल करते हुए यह कदम उठाया है। दिल्ली सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट में यह जानकारी दी है।
चीफ जस्टिस जी़ रोहिणी और जस्टिस जयंतनाथ की पीठ के समक्ष सरकार की ओर से कहा गया है कि मंत्रिपरिषद ने हाल ही में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने पीठ को बताया कि फिलहाल यह मासला उपराज्यपाल के समक्ष विचाराधीन है।
सरकार की ओर से वकील गौतम नारायण के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि सरकार अलग पुलिस शिकायत प्राधिकरण के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हलफनामे में कहा गया है कि मंत्रिपरिषद ने छह अक्तूबर को यह फैसला किया है।
साथ ही कहा है कि हालांकि उपराज्यपाल से मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। सरकार ने एक जनहित याचिका के जवाब में यह जानकारी दी है। मामले की सुनवाई 18 जनवरी को होगी। सरकार ने पीठ को बताया कि चूंकि पुलिस संविधान की सातवीं अनुसूची में अनुच्छेद 239एए के तहत दूसरी सूची में शामिल है, इसलिए पुलिस शिकायत प्राधिकरण के गठन की अधिसूचना को उपराज्यपाल और गृह मंत्रालय से मंजूरी हासिल करना अनिवार्य है।
गैर सरकारी संगठन 'कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइटस इनीशिएटिव ने याचिका दाखिल कर सरकार के 27फरवरी, 2012 के निर्णय को खारिज करने की मांग की थी। इस आदेश के तहत सरकार ने जन शिकायत आयोग को पुलिस शिकायत प्राधिकरण के तौर पर काम करने का अधिकार दे दिया था।