फोटो गैलरी

Hindi Newsआरबीआई ने नोटबंदी के फैसले का कारण बताने से किया इनकार

आरबीआई ने नोटबंदी के फैसले का कारण बताने से किया इनकार

रिजर्व बैंक ने यह बताने से साफ इनकार कर दिया है कि आखिर क्यों सरकार ने अचानक 500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला लिया। केंद्रीय बैंक का मानना है कि घोषणा के कारणों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।...

आरबीआई ने नोटबंदी के फैसले का कारण बताने से किया इनकार
एजेंसीThu, 29 Dec 2016 09:30 PM
ऐप पर पढ़ें

रिजर्व बैंक ने यह बताने से साफ इनकार कर दिया है कि आखिर क्यों सरकार ने अचानक 500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला लिया। केंद्रीय बैंक का मानना है कि घोषणा के कारणों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। साथ ही इन नोटों की भरपाई करने में लगने वाले समय के बारे में जानकारी देने से मना कर दिया गया है। 

एक आरटीआई के जवाब में बैंक ने कहा, ‘सवाल किसी घटना की भविष्य की तारीख पूछने की प्रकृति का है, जो आरटीआई कानून की धारा दो (एफ) के अनुसार सूचना के रूप में परिभाषित नहीं है।’ रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून की धारा आठ (1) (ए) का हवाला देते हुए देश में हुई नोटबंदी का कारण बताने से भी इंकार कर दिया। यह धारा कहती है कि ऐसी सूचना जिसका खुलासा देश की संप्रभुता और एकता, सुरक्षा, राज्य के रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, किसी दूसरे राष्ट्र के साथ संबंध पर पूवार्ग्रहपूर्ण प्रभाव डाले या अपराध के लिए उकसाए, उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। हाल में बैंक ने आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के मुद्दे पर फैसले के लिए हुई बैठक का ब्यौरा देने से इंकार किया था।

पूर्व सूचना आयुक्त ने उठाए सवाल
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनहित का उपबंध वहां लागू होगा, जहां छूट वाला उपबंध आवेदक द्वारा मांगी गई सूचना पर लागू होता हो। मगर इस मामले में मांगी गई सूचना किसी छूट उपबंध में नहीं आती। उन्होंने कहा कि कानून बहुत स्पष्ट है कि जब कोई लोक प्राधिकार सूचना देने से इंकार करता है, तो उसे स्पष्ट कारण बताने चाहिए कि इस मामले में छूट उपबंध कैसे लागू होता है।

सिर्फ दो घंटे पहले घोषणा !
हाल में मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी संबंधी घोषणा से महज दो घंटे पहले ही रिजर्व बैंक ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक बुलाकर नोटबंदी की सिफारिश की थी। इस बैठक में 10 अहम सदस्यों में से 8 ही मौजूद थे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें