ज्यादा क्षमता का सारस तैयार करेगा CSIR, होंगी 70 सीटें
केंद्र सरकार नागरिक विमान सारस की निर्माण परियोजना को फिर से शुरू करने की तैयारी में है। वैज्ञानिक एवं औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अनुसार सारस को नए सिरे से डिजाइन कर ज्यादा क्षमता के साथ...
केंद्र सरकार नागरिक विमान सारस की निर्माण परियोजना को फिर से शुरू करने की तैयारी में है। वैज्ञानिक एवं औद्यौगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के अनुसार सारस को नए सिरे से डिजाइन कर ज्यादा क्षमता के साथ आसमान में उड़ाया जाए। नया सारस 70 सीटों का हो सकता है।
सीएसआईआर के महानिदेशक डा. गिरीश साहनी ने हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में कहा कि दुर्घटना होने के कारण सारस परियोजना को बंद कर देना कोई अच्छा फैसला नहीं था। इसलिए इस पर नए सिरे से विचार किया गया है। नया सारस पहले से ज्यादा उपयोगी होगा तथा जल्द इस परियोजना पर कार्य शुरू होगा।
बता दें कि बेंगलूर स्थित सीएसआईआर की नेशनल एयरोस्पेस लेब्रोटरी (एनएएल) द्वारा दो सारस वायुयान तैयार किए गए थे। एक सारस का वजन बढ़ गया था। दूसरे का वजन तो ठीक था लेकिन परीक्षण के दौरान वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके बाद इस परियोजना के लिए केंद्र ने वित्तीय सहायता बंद कर दी थी।
एचएएल की मदद
विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भविष्य में सारस की क्षमता को बढ़ाने की योजना है। पुराने स्वरूप में यह 14 सीटों का था लेकिन अब इसे 70 सीटों का बनाया जाएगा। तीसरे, इसमें एनएएल के साथ हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को भी साथ लिया जाएगा जिसने लड़ाकू विमान तेजस तैयार किया है और अब बड़े स्तर पर इसका व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने जा रहा है।
निजी भागीदार भी संभव
सूत्रों के अनुसार सीएसआईआर निजी क्षेत्र को भी इस परियोजना में भागीदारी बना सकता है। टाटा और महेन्द्रा कंपनियों से भी इस बारे में बातचीत की जाएगी। महेन्द्रा ने विदेश में एक छोटा विमान तैयार किया है जहां उसके परीक्षण चल रहे हैं।
दो हजार छोटे वायुयान चाहिए
सीएसआईआर ने कहा कि भारत को अगले 20 सालों के दौरान दो हजार छोटे वायुयानों की जरूरत है। जिस प्रकार सरकार की योजना छोटे हवाई अड्डों पर विमान सेवा आरंभ करने की है, उसके मद्देनजर ये विमान चाहिए। इसलिए स्वदेशी उत्पादन पर जोर दिया जाएगा।