फोटो गैलरी

Hindi NewsLIVE: हड़ताल का असर, बंगाल में माकपा-टीएमसी कार्यकर्ताओं में झड़प

LIVE: हड़ताल का असर, बंगाल में माकपा-टीएमसी कार्यकर्ताओं में झड़प

ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत आम हड़ताल के दौरान माकपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच आज झड़प हो गई। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर और कुछ अन्य जगहों पर...

LIVE: हड़ताल का असर, बंगाल में माकपा-टीएमसी कार्यकर्ताओं में झड़प
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 02 Sep 2015 03:30 PM
ऐप पर पढ़ें

ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत आम हड़ताल के दौरान माकपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच आज झड़प हो गई। पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर और कुछ अन्य जगहों पर माकपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गयी। हालांकि इस संबंध में विस्तृत सूचना अभी प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में माकपा के छह कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।

माकपा ने आरोप लगाया कि यहां टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया जिसमें उसके 15 कार्यकर्ता घायल हो गये। माकपा जिला सचिवालय के सदस्य सच्चिदानंद कंडारी ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हड़ताल के समर्थकों पर ईंटों और लाठियों से हमला किया जिसमें पूर्व सांसद मैनुल हसन समेत पार्टी के 15 लोग घायल हो गये। आरोपों को खारिज करते हुए वरिष्ठ टीएमसी नेता मन्नान हुसैन ने कहा कि जब माकपा कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया तब वे पार्टी के ट्रेड यूनियन कार्यालय में बैठे हुए थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि माकपा कार्यकर्ताओं ने उनकी कार को क्षतिग्रस्त कर दिया।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने से पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, केरल और कर्नाटक सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

ट्रेड यूनियन नेताओं का दावा है कि संगठित क्षेत्र से करीब 15 करोड़ कामगार यूनियन की 12 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं। भाजपा समर्थित बीएमएस और एनएफआईटीयू ने हालांकि हड़ताल से दूरी बना रखी है। इस हड़ताल का देश के विभिन्न हिस्सों में परिवहन एवं बैंकिंग परिचालनों समेत अन्य सेवाओं पर असर दिख रहा है।

सार्वजनिक क्षेत्र के 23 बैंक, निजी क्षेत्र के 12 बैंक, 52 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं 13,000 से अधिक सहकारी बैंक आज हड़ताल में शामिल हुए हैं। हालांकि एसबीआई, आईओबी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं। आल इंडिया बैंक एंप्लाईज एसोसिएशन के महासचिव सी़एच़ वेंकटचलम ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में कार्यरत दस लाख कर्मचारियों में से आधे से अधिक हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं।

कोलकाता में उपनगरीय ट्रेनों पर आंशिक असर देखा गया, जबकि ज्यादातर इलाकों में दुकानें, बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं। राज्य प्रशासन बड़ी संख्या में सार्वजनिक परिवहन की बसें चला रहा है, जबकि निजी बसों व टैक्सियों के परिचालन पर आंशिक असर देखा गया। राष्ट्रीय राजधानी में लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि बड़ी संख्या में ऑटो और टैक्सी नहीं चल रहे हैं।

केरल में सरकारी और निजी बस सेवाएं, टैक्सी व आटोरिक्शा नहीं चल रहे। केवल कुछ निजी कारें व दोपहिया वाहन सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। राज्य में दुकानें, होटल और यहां तक कि चाय की दुकानें तक बंद हैं। त्रिपुरा में सड़कों पर वाहन नहीं चल रहे, जबकि बाजार बंद हैं। राज्य में बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थान, स्कूल व कालेज बंद हैं और सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बहुत मामूली है। ओएनजीसी इकाई और त्रिपुरा जूट मिल के प्रवेश द्वार बंद हैं।

कर्नाटक में हड़ताल से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है और राज्य सरकार के परिवहन विभाग के कर्मचारी प्रस्तावित मोटर विधेयक के खिलाफ हड़ताल में शामिल हुए हैं जिससे सड़कों से बस व आटोरिक्शा नदारद है। इससे आफिस जाने वाले लोगों व अन्य लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। पुदुचेरी में हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है, लेकिन तमिलनाडु बहुत हद तक इससे अप्रभावित है।

पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सार्वजनिक परिवहन जैसी कई सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं। लोगों को आवागमन में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि निजी बसें चल रही हैं। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डी़एल़ सचदेव ने गुड़गांव में कहा कि पांच लाख औद्योगिक कामगार हड़ताल पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन के चलते कर्मचारी मारुति सुजुकी के कारखाने में नहीं आए और राजस्थान रोडवेज के कर्मचारी भी हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं। मानेसर में होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर का संयंत्र बंद है।

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के महासचिव गुरदास दासगुप्ता ने कहा कि हड़ताल का देशभर में असर हुआ है। कई इलाकों में बीएमएस के लोग भी हड़ताल में शामिल हुए हैं। कई स्थानीय एवं सबद्ध यूनियने भी हड़ताल में शामिल हुई हैं। उन्होंने कहा,  हड़ताल से पता चलता है कि लोग सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति से कितना अधिक झुब्ध हैं।

गोवा में सुबह सड़कों पर सन्नाटा पसरा था क्योंकि निजी बसें व सरकारी कदंबा ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन की बसें सड़कों पर नहीं चलीं। वहीं दिल्ली में लोगों को कई जगहों पर आटोरिक्शा के लिए घंटों इंतजार करते देखा गया। ओडिशा में कई जगहों पर ट्रेन सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित हुईं क्योंकि आंदोलनकारियों ने कटक, भुबनेश्वर, संबलपुर, भद्रक, छत्रपुर और खालीकोट जैसे रेलवे स्टेशनों पर मार्ग अवरुद्ध कर दिए।

सरकार ने ट्रेड यूनियनों से कामगारों व राष्ट्र के हित में अपना आंदोलन वापस लेने की कल अपील की थी। हालांकि यूनियनों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाले मंत्रिसमूह के साथ उनकी बातचीत सिरे नहीं चढ़ सकी थी। ट्रेड यूनियनों की मांगों में महंगाई पर काबू पाने के लिए तत्काल उपाय, बेरोजगारी पर अंकुश, प्राथमिक श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करना, सभी कामगारों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवर और प्रतिमाह 15,000 रुपये का न्यूनतम वेतन शामिल हैं।

साथ ही वे कामगारों की पेंशन बढ़ाने, सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश बंद करने, ठेका प्रथा बंद करने, बोनस व भविष्य निधि पर सीमा समाप्त करने, 45 दिनों के भीतर ट्रेड यूनियनों का अनिवार्य पंजीकरण, श्रम कानूनों में मनमाने ढंग से बदलाव नहीं करने और रेलवे, रक्षा आदि क्षेत्र में एफडीआई रोकने की भी मांग कर रहे हैं।

दिल्ली
देश के दस प्रमुख ट्रेड यूनियन (श्रमिक संगठन) की बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर दिल्ली में दिखने लगा है। दिल्ली में DTC बसों और फीडर में भारी भीड़, पश्चिम विहार, पंजाबी बाग, संसद मार्ग पर भी ऑटो बहुत कम चल रहे हैं। वहीं,  ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के तहत दिल्ली में 90 हजार ऑटो रिक्शा नहीं चल रहे हैं। इसके चलते सुबह के समय ऑफिस जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

photo1

photo2

photo3

photo4

उत्तराखंड
उत्तराखंड में हड़ताल को लेकर हरिद्वार स्थित बीएचईएल (भेल) में हंगामे, मारपीट और एक दूसरे के कपड़े फाड़ने की खबर आ रही है।

धनबाद
देशव्यापी हड़ताल का कोयलांचल-संथाल में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। कोयला उद्योग पर सबसे अधिक असर हुआ है। बीसीसीएल की खदानों में उत्पादन ठप हो गया है। बैंक और बीमा कार्यालय में भी काम नहीं होने की खबर है। सुबह से ही बंद समर्थक सड़कों पर उतर गए हैं। धनबाद में माले समर्थकों ने पहाड़ीगोड़ा के पास स्वर्णरेखा एक्सप्रेस ट्रेन को रोका है। सुबह 7 बजे के बाद से दुमका-देवघर छोड़ कर सभी रूट पर बस सेवा ठप। दुमका से होकर गुजरने वाली 250 बसों का चक्का जाम।

मुरादाबाद
ट्रेड यूनियन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के क्रम में मुरादाबाद में भी रोडवेज बसों का भी चक्का जाम रहा, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि हड़ताल का असर रामपुर, अमरोहा, संभल और चंदौसी में दिखाई नहीं दिया। तयशुदा कार्यक्रम के तहत मुरादाबाद डिपो से बसें बाहर नहीं निकलीं। चालकों ने बस अड्डा और पीतल नगरी वर्कशाप कटघर पर बसें खड़ी कर दीं। जिससे यात्रियों को डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ा। हड़ताल का असर रेलवे स्टेशन पर भी दिखाई दिया, वहां भी यात्रियों की भीड़ रही।

photo5

photo6

पश्चिम बंगाल
केंद्र में भाजपा नीत राजग सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ 10 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा की जा रही देशव्यापी हड़ताल का आज पश्चिम बंगाल में सामान्य जनजीवन पर आंशिक असर पड़ा है। दक्षिण पूर्व रेलवे की ट्रेन सेवाएं सामान्य रहीं, जबकि पूर्वी रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि कुछ जगहों पर अवरोध खडे किए जाने से सियालदह दक्षिण खंड में उपनगरीय सेवाएं कुछ समय के लिए प्रभावित हुईं।

अधिकारियों ने कहा कि मेट्रो रेल सेवाएं सामान्य रूप से चालू रहीं। वहीं ज्यादातर इलाकों में दुकानें, बाजार और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। राज्य प्रशासन बड़ी संख्या में सार्वजनिक परिवहन की बसें चला रहा है जबकि निजी बसों व टैक्सियों को भी चलते देखा गया है। हालांकि अन्य दिनों के मुकाबले इनकी संख्या कम है।

केरल
विभिन्न ट्रेन यूनियनों की ओर से की गई 24 घंटे की हड़ताल से बुधवार को केरल बुरी तरह रहा। हड़ताल के चलते सड़कों से सार्वजनिक बसें नदारद रहीं और बैंक बंद रहे। कोझिकोड में एक निजी कंपनी के अधिकारी ने कहा कि मैं हैदराबाद में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम निपटाकर आया हूं और अब मुझे यहां स्टेशन पर शाम तक बैठना पड़ेगा। मैं घर कब पहुंचूंगा?

कोच्चि बंदरगाह पर भी सभी संचालन प्रभावित रहे। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी और जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ जारी इस देशव्यापी हड़ताल में केरल के 17 ट्रेड यूनियन भाग ले रहे हैं। उधर, हड़ताल की वजह से टेक्नोपार्क और इंफोपार्क स्थित अधिकांश आईटी कंपनियां में बहुत कम उपस्थिति देखी गई। वहीं, केरल सरकार ने कहा है कि काम पर न पहुंचने वाले सरकारी कर्मचारियों को उस दिन के वेतन से हाथ धोना पड़ेगा। राज्य के अलग-अलग विश्वविद्यालयों ने बुधवार को होने वाली सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। हड़तालियों ने कोच्चि हवाईअड्डे से हज जाने वालों को बख्श दिया है।

मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल सहित अन्य इलाकों में बुधवार को देशव्यापी ट्रेड यूनियन हड़ताल का व्यापक असर दिखाई दिया। नगर परिवहन सेवा और अंतर नगरीय बस सेवा बुरी तरह प्रभावित रही, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।  ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को केंद्र सरकार की आर्थिक, मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ  और 12 सूत्रीय मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल का आहवान किया। हड़ताल को सफल बनाने के लिए वि्भिन्न मजदूर संगठनों से जुड़े लोग सड़कों पर नजर आए। नगर परिवहन सेवा भी पूरी तरह बंद रही।

राजधानी के आईएसबीटी बस स्टैंड से लेकर, हबीबगंज, नौदरा बस स्टैंड पर यात्राी बसें न चलने से परेशान दिखे। स्थिति यह रही कि नगर परिवहन सेवा की सामान्य बसें और लो फ्लोर बसें भी सड़कों से गायब रहीं। हड़ताल का ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन आदि जगहों पर भी सुबह से ही व्यापक असर दिखाई दिया। हड़ताल को केंद्रीय कर्मचारियों का भी समर्थन प्राप्त है, जिसके चलते केंद्र सरकार के कार्यालयों में भी कामकाज ठप रहा।

तमिलनाडु
तमिलनाडु में बुधवार को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन के देशव्यापी बंद से सामान्य जनजीवन ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर देशव्यापी बंद का आान किया है, जिसे विभिन्न क्षेत्रों के कई श्रमिक संघों ने भी समर्थन दिया है। तमिलनाडु में सड़कों पर सिटी बसों और ऑटोरिक्शा की आवाजाही सामान्य दिनों की तरह ही है, हालांकि सड़कों पर भीड़भाड़ कम देखी जा रही है।

स्कूल और कॉलेज सामान्य दिनों की तरह ही खुले हैं। राज्य के अलग अलग जिलों से मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक, बंद के कारण बस यातायात प्रभावित हुआ है। तमिलनाडु एवं केरल के बीच अंतर-राज्य परिवहन भी बंद के कारण प्रभावित है। कपड़ों के व्यवसाय के लिए विख्यात तिरुप्पुर शहर में बंद के कारण दुकानें बंद हैं।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) एवं इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) को छोड़कर कई राष्ट्रीय बैंकों में काम बंद है। बैंकिंग क्षेत्र के कई बड़े संघ बंद का समर्थन कर रहे हैं। बुधवार को देशव्यापी बंद का आहवान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन की 12 सूत्री मांग के समर्थन के लिए भी किया गया है।

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र भी देशभर में सरकारी, निजी सेक्टर, वित्तीय सेक्टर, बैंक, वित्तीय संस्थानों और कृषक समुदाय के 30 करोड़ कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल में शामिल रहा। एक शीर्ष आयोजक ने यहां बुधवार को कहा कि कर्मचारी सरकार की 'कर्मचारी विरोधी' नीतियों का विरोध कर रहे हैं। तड़के-तड़के शुरू हुई हड़ताल में सरकार, बंदरगाह, कॉलेजों के प्रोफेसर, राज्य परिवहन और अन्य सेक्टरों का एक बहुत बड़ा तबका शामिल रहा। हड़ताल से सबसे ज्यादा वित्त और व्यापार सेक्टर प्रभावित हुए, जिन पर देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई निर्भर करती है।

ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉयज एसोसिएशन (एआईबीईए) के उपाध्यक्ष वी. उतगी ने कहा कि बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा क्षेत्र में करीब करीब पूरी तरह हड़ताल है। राज्य परिवहन की बसें लगभग सड़कों से नदारद हैं। इसी तरह मुंबई पोर्ट ट्रस्ट में भी काम प्रभावित है। महाराष्ट्र के 15 लाख सरकारी कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हैं। प्रमुख यूनियनों से संबद्ध कुछ निजी क्षेत्र की कंपनियां और कार्यालय भी बंद हैं। दिन में हजारों कर्मचारी और उनकी यूनियन एवं प्रतिनिधि बुधवार के आंदोलन की सफलता को दर्शान के लिए दक्षिण मुंबई में एक महारैली निकालेंगे। हड़ताल शांतिपूर्ण रही। मुंबई या महाराष्ट्र में कहीं किसी तरह की अप्रिय घटना घटने की खबर नहीं है।

यूनियनों की 12 सूत्रीय मांगें
इससे पहले, 12 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 12 सूत्रीय मांगों के समर्थन में हड़ताल का आहवान किया था। उनकी मांगों में श्रम कानून में प्रस्तावित श्रमिक विरोधी संशोधन को वापस लेना और सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश व निजीकरण रोकना शामिल है। इसके अलावा यूनियनों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 15 हजार रुपये किया जाए। आल इंडिया ट्रेड यूनियन के सचिव डीएल सचदेव ने कहा कि मांगों के समर्थन में श्रम मंत्री को पत्र भी लिखा गया है। हम सरकार की ओर से दिए गए आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए दस ट्रेड यूनियन और 40 स्टेट यूनियन हड़ताल पर रहेंगी। उन्होंने दावा किया यह 2013 की हड़ताल से भी बड़ी हड़ताल साबित होगी।

दो यूनियन हड़ताल से हटे
बीएमएस और नेशनल फ्रंट आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस बाद में इस हडत़ाल से हट गई। इन संगठनों का कहना है कि सरकार ने कुछ प्रमुख मांगों को पूरा करने का जो आश्वासन दिया है, उसके लिए उसे समय दिया जाना चाहिए। बीएमएस के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने कहा, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्य कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हड़ताल पर नहीं जा रहे हैं। एनटीपीसी, एनएचपीसी और पावर ग्रिड जैसे पीएसयू हड़ताल पर नहीं रहेंगे। ऐसे में बिजली और तेल एवं गैस आपूर्ति सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी। बीएमएस से जुड़ी नेशनल ऑर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) ने भी बुधवार की हड़ताल में शामिल नहीं होने का निर्णय किया है।

कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य
पश्चिम बंगाल सरकार ने राष्ट्रीय मजदूर संगठन की देशव्यापी हड़ताल के दौरान अपने कर्मचारियों की उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है। देशभर में मजदूरों की हड़ताल को देखते हुए राज्य के वित्त विभाग ने एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों को कार्यालय आने का आदेश दिया गया है। परिपत्र के मुताबिक, अगर कोई कर्मचारी हड़ताल के दौरान अनुपस्थित रहता है तो उसका वेतन काट लिया जाएगा।
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें