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मौसम विभाग की चेतावनी नहीं मानी, इसीलिए नदी में समा गई कामायनी एक्सप्रेस?

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में हुए रेल हादसे की वजह मौसम विभाग द्वारा जारी की गई भारी बारिश की चेतावनी को नजरअंदाज किया जाना बताया जा रहा है। वहीं भोपाल रेल मंडल के डीआरएम आलोक कुमार ने ऐसी किसी सूचना...

मौसम विभाग की चेतावनी नहीं मानी, इसीलिए नदी में समा गई कामायनी एक्सप्रेस?
एजेंसीSat, 08 Aug 2015 07:56 AM
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मध्य प्रदेश के हरदा जिले में हुए रेल हादसे की वजह मौसम विभाग द्वारा जारी की गई भारी बारिश की चेतावनी को नजरअंदाज किया जाना बताया जा रहा है। वहीं भोपाल रेल मंडल के डीआरएम आलोक कुमार ने ऐसी किसी सूचना होने की बात नकार दी।

पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल-खंडवा रेल खंड के हरदा जिले के खिरकिया-हरदा रेल्वे स्टेशन के बीच पड़ने वाली काली माचक नदी के पुल पर मंगलवार की रात को हादसा हुआ था। नदी के पुल पर से गुजरते समय मुंबई से वाराणासी की ओर जा रही गाड़ी संख्या 11071 कामायनी एक्सप्रेस अनियंत्रित हो गई और उसकी सात बोगियां पटरी से उतरकर नदी में जा समाई।

इस हादसे के बाद दूसरी ओर से राजेंद्र नगर (पटना) से मुंबई जा रही गाड़ी संख्या 13201 जनता एक्सप्रेस का इंजन और चार बोगियां पटरी से उतरकर नदी के पानी में डूब गई। इस हादसे में कुल 28 लोग मारे गए हैं।

इस घटना की वजह अलग-अलग बताई जा रही है। मौसम विभाग के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक अनुपम कश्यपी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए यह कहकर सनसनी मचा दी कि उनकी ओर से हरदा क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी को नजरअंदाज किया गया। वे कहते हैं कि अगर उनकी चेतावनी को रेलवे गंभीरता से लेता तो इस हादसे को रोका जा सकता था।

वहीं रेलवे के डीआरएम आलोक कुमार ने स्पष्ट किया कि उनके विभाग को भारी बारिश की कोई चेतावनी नहीं थी। उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि इस हादसे को रोक पाना संभव नहीं था, प्राकृतिक आपदा पर किसी का वश नहीं है।

15 शवों की अब तक शिनाख्त नहीं

रेल हादसे में मारे गए 28 यात्रियों में से 15 के शवों की शुक्रवार तक पहचान नहीं हो पाई है। वहीं 11 शवों को परिजन ले जा चुके हैं और दो मृतकों के परिजन शुक्रवार को हरदा पहुंचे हैं। हरदा के जिलाधिकारी रजनीश श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बताया कि मंगलवार को हुए हादसे में मारे गए लोगों में से 28 के शव बरामद किए गए हैं। इन मृतकों में से 11 के शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके है, दो शव शुक्रवार को मृतकों के परिजनों को सौंपे जा सकते है। इसके बाद 15 शव अब भी ऐसे है, जिनका कोई परिजन अब तक हरदा नहीं पहुंचा है।

50 गाड़ियां रद्द और 21 का मार्ग परिवर्तित

रेल हादसे के बाद हरदा-खंडवा रेल खंड पर रेल यातायात बहाल नहीं हो पाया है। इस मार्ग पर चलने वाली गाड़ियां निरस्त करने के साथ परिवर्तित मार्ग से चलाई जा रही हैं। शनिवार को 50 गाड़ियां निरस्त रहेंगी, वहीं 21 गाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जाएगा।

पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि शनिवार को प्रस्थान स्थान से चलने वाली 50 गाड़ियां निरस्त रहेंगी वहीं 21 को परिवर्तित मार्ग से चलाया जाएगा। इसी तरह रविवार नौ अगस्त को 39 निरस्त रहेगी और 25 गाड़ियां परिवर्तित मार्ग से होकर चलेंगी। सोमवार 10 अगस्त को 48 गाड़ियों को निरस्त कर 21 गाड़ियों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जाना प्रस्तावित है।

हादसे के तीन दिन गुजर जाने के बाद भी पटरी से उतरी बोगियों को हटाने का काम चल रहा है, वहीं पटरियों को दुरुस्त किया जा रहा है, मगर यातायात शुरू होने में अभी पांच दिन से ज्यादा का वक्त लग सकता है।

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