Hindi Newsसुषमा स्वराज के समर्थन में उतरे कीर्ति आजाद, बताया आस्तीन के सांप की साजिश
सुषमा स्वराज के समर्थन में उतरे कीर्ति आजाद, बताया आस्तीन के सांप की साजिश
सुषमा स्वराज द्वारा ललित मोदी की मदद किए जाने का मामला लगातार सुर्खियों में है। इस मामले पर बीजेपी नेता कीर्ति आजाद ने कहा है कि सुषमा अपनों का ही शिकार बनी हैं। कीर्ति आजाद ने ट्वीट कर कहा कि...
एजेंसीMon, 15 Jun 2015 01:15 PM
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सुषमा स्वराज द्वारा ललित मोदी की मदद किए जाने का मामला लगातार सुर्खियों में है। इस मामले पर बीजेपी नेता कीर्ति आजाद ने कहा है कि सुषमा अपनों का ही शिकार बनी हैं।
कीर्ति आजाद ने ट्वीट कर कहा कि आस्तीन के सांप ने ही सुषमा के खिलाफ साजिश की है। उनके ट्वीट के बाद इस बात पर बहस छिड़ गई है कि आखिर वह आस्तीन का सांप किसे कह रहे हैं।
कीर्ति आजाद के बयान पर जब शत्रुघ्न सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कीर्ति आजाद मेरे अच्छे दोस्त हैं, उन्होंने जो कहा है सोच समझ कर कहा होगा।
विवादों में फंसी सुषमा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विवादों के केंद्र में हैं। उन्होंने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की पिछले साल जुलाई में पुर्तगाल जाने में मदद की थी, जिसे आज (रविवार) उन्होंने स्वीकार कर लिया। विवाद की वजह यह है कि सुषमा ने उस व्यक्ति की मदद की, जिसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था।
प्रवर्तन निदेशालय ने ललित मोदी के खिलाफ मामला शुरू किया था और मार्च 2010 में मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था।
सुषमा ने कहा, 'मैंने मोदी की देश से बाहर जाने में मानवीय आधार पर मदद की थी।' वहीं कांग्रेस ने इस प्रकरण पर उनसे इस्तीफे की मांग की है।
लगातार 14 ट्वीट किए सुषमा ने
सुषमा ने लगातार 14 ट्वीट कर कहा, "ललित मोदी ने पिछले साल जुलाई में उनसे कहा था कि उनकी पत्नी कैंसर से जूझ रही हैं, और उनका पुर्तगाल में इलाज चल रहा है, इसलिए मैंने उनकी मदद की।" ललित वित्तीय अनियमितता के आरोपों के कारण 2010 से लंदन में रह रहे हैं।
सुषमा ने हालांकि, इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने इसके बदले में ससेक्स यूनिवर्सिटी में कानून के पाठ्यक्रम में अपने भतीजे ज्योतिर्मय कौशल के दाखिले को लेकर कोई मदद मांगी थी।
विवाद में घिरीं विदेश मंत्री ने अपने नाराजगी भरे ट्वीट में कहा, "मैंने ललित मोदी को क्या फायदा पहुंचाया- यही न कि वह कैंसर से जूझ रही अपनी पत्नी की सर्जरी कराने से संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकें? उस वक्त वह लंदन में थे। पत्नी की सर्जरी के बाद वह फिर लंदन चले गए। मैंने इसमें क्या बदल दिया?"
समर्थन में भाजपा और सपा
माना जा रहा है कि सुषमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बातचीत की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह उनके समर्थन में आ खड़े हुए हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा,‘सरकार और भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह सुषमा के साथ है। किसी भारतीय ने विदेश में मदद मांगी तो उसके लिए लंदन में सांसद से बात की। यहां भोपाल त्रासदी के बाद जैसे हालात नहीं थे, जब एंडरसन या क्वात्रोची को देश से भगा दिया गया था।’
कई भाजपा नेता और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव सुषमा स्वराज के समर्थन में आए हैं। रामगोपाल यादव ने कहा, "सुषमा ने कुछ भी गलत नहीं किया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस मामले को इतना बड़ा बना रहे हैं।"
ब्रिटिश अखबार में छपी रिपोर्ट
सुषमा की ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है, जब एक ब्रिटिश अखबार 'संडे टाइम्स' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है ब्रिटेन में भारतीय मूल के सबसे लंबे समय से सांसद कीथ वाज ने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए ब्रिटेन के शीर्ष आव्रजन अधिकारी सारा रैप्सन पर दबाव बनाने के लिए सुषमा स्वराज के नाम का इस्तेमाल किया था।
संडे टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, "लीक हुए पत्राचार से पता चलता है कि कैसे वाज ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम का हवाला देते हुए ललित मोदी के मामले में तेजी लाने के लिए कहा था।"
सुषमा की सफाई
सुषमा ने कहा, "मोदी ने मुझसे कहा था कि उनकी पत्नी कैंसर से जूझ रही हैं और चार अगस्त को पुर्तगाल में उनकी सर्जरी होनी है। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने के लिए अस्पताल में मौजूद रहना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझे बताया था कि उन्होंने लंदन में यात्रा दस्तावेजों के लिए आवेदन दिया था। ब्रिटेन सरकार उन्हें यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए तैयार थी। लेकिन संप्रग सरकार के एक संदेश के कारण वे इससे बच रहे हैं, क्योंकि उसमें कहा गया था कि इससे भारत-ब्रिटेन संबंधों में खटास आएगी।"
सुषमा ने कहा, "मानवीय पहलू को देखते हुए, मैंने ब्रिटिश उच्चायोग से कहा कि ब्रिटिश सरकार को ब्रिटेन के नियमों के आधार पर ललित मोदी के आग्रह की जांच करनी चाहिए। यदि ब्रिटिश सरकार मोदी को यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराती है तो इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध नहीं बिगड़ेंगे।"
उन्होंने कहा, "कीथ वाज ने मुझसे भी बात की और मैंने उन्हें साफतौर पर वह सब कुछ बताया जो ब्रिटिश उच्चायोग से मैंने कहा था।"
सुषमा ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इस तरह की स्थिति में किसी भारतीय नागरिक को आपात यात्रा दस्तावेज देने से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध खराब नहीं हो सकते और न ही होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके चंद दिनों बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें मोदी का पासपोर्ट जब्त करने की बात कही गई थी।
सुषमा ने अपने भतीजे के दाखिले के संबंध में कहा, "जहां तक ज्योतिर्मय के दाखिले की बात है, उसे सामान्य प्रवेश प्रक्रिया के जरिए 2013 में दाखिला मिल गया था, वह भी मेरे मंत्री बनने के एक साल पहले।"
विपक्ष ने मांगा इस्तीफा
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "ललित मोदी की मदद करने वाली सुषमा स्वराज नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें।"
उन्होंने कहा, "भारत की विदेश मंत्री ने ललित मोदी जैसे एक व्यक्ति की मदद की, जिसके खिलाफ यहां लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। यह बहुत गंभीर मामला है। विदेश मंत्री ऐसे व्यक्ति की मदद कर रही हैं, जो फरार है।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इससे धन की हेराफेरी करने वाले और 'मैच फिक्सर' ललित मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ घनिष्ठ संबंधों का पता चलता है।
उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि यदि कल दाऊद इब्राहिम मानवीय आधार पर मदद मांगे तो क्या उसकी भी मदद की जाएगी?"
उन्होंने भी नैतिकता के आधार पर सुषमा के इस्तीफे की मांग की, इस पूरे मामले पर सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण भी मांगा।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि इस मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि इस मामले की जांच हो। हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।"
कीर्ति आजाद ने ट्वीट कर कहा कि आस्तीन के सांप ने ही सुषमा के खिलाफ साजिश की है। उनके ट्वीट के बाद इस बात पर बहस छिड़ गई है कि आखिर वह आस्तीन का सांप किसे कह रहे हैं।
कीर्ति आजाद के बयान पर जब शत्रुघ्न सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कीर्ति आजाद मेरे अच्छे दोस्त हैं, उन्होंने जो कहा है सोच समझ कर कहा होगा।
विवादों में फंसी सुषमा
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विवादों के केंद्र में हैं। उन्होंने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की पिछले साल जुलाई में पुर्तगाल जाने में मदद की थी, जिसे आज (रविवार) उन्होंने स्वीकार कर लिया। विवाद की वजह यह है कि सुषमा ने उस व्यक्ति की मदद की, जिसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था।
प्रवर्तन निदेशालय ने ललित मोदी के खिलाफ मामला शुरू किया था और मार्च 2010 में मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया था।
सुषमा ने कहा, 'मैंने मोदी की देश से बाहर जाने में मानवीय आधार पर मदद की थी।' वहीं कांग्रेस ने इस प्रकरण पर उनसे इस्तीफे की मांग की है।
लगातार 14 ट्वीट किए सुषमा ने
सुषमा ने लगातार 14 ट्वीट कर कहा, "ललित मोदी ने पिछले साल जुलाई में उनसे कहा था कि उनकी पत्नी कैंसर से जूझ रही हैं, और उनका पुर्तगाल में इलाज चल रहा है, इसलिए मैंने उनकी मदद की।" ललित वित्तीय अनियमितता के आरोपों के कारण 2010 से लंदन में रह रहे हैं।
सुषमा ने हालांकि, इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने इसके बदले में ससेक्स यूनिवर्सिटी में कानून के पाठ्यक्रम में अपने भतीजे ज्योतिर्मय कौशल के दाखिले को लेकर कोई मदद मांगी थी।
विवाद में घिरीं विदेश मंत्री ने अपने नाराजगी भरे ट्वीट में कहा, "मैंने ललित मोदी को क्या फायदा पहुंचाया- यही न कि वह कैंसर से जूझ रही अपनी पत्नी की सर्जरी कराने से संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकें? उस वक्त वह लंदन में थे। पत्नी की सर्जरी के बाद वह फिर लंदन चले गए। मैंने इसमें क्या बदल दिया?"
समर्थन में भाजपा और सपा
माना जा रहा है कि सुषमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बातचीत की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह उनके समर्थन में आ खड़े हुए हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा,‘सरकार और भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह सुषमा के साथ है। किसी भारतीय ने विदेश में मदद मांगी तो उसके लिए लंदन में सांसद से बात की। यहां भोपाल त्रासदी के बाद जैसे हालात नहीं थे, जब एंडरसन या क्वात्रोची को देश से भगा दिया गया था।’
कई भाजपा नेता और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव सुषमा स्वराज के समर्थन में आए हैं। रामगोपाल यादव ने कहा, "सुषमा ने कुछ भी गलत नहीं किया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस मामले को इतना बड़ा बना रहे हैं।"
ब्रिटिश अखबार में छपी रिपोर्ट
सुषमा की ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है, जब एक ब्रिटिश अखबार 'संडे टाइम्स' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है ब्रिटेन में भारतीय मूल के सबसे लंबे समय से सांसद कीथ वाज ने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए ब्रिटेन के शीर्ष आव्रजन अधिकारी सारा रैप्सन पर दबाव बनाने के लिए सुषमा स्वराज के नाम का इस्तेमाल किया था।
संडे टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है, "लीक हुए पत्राचार से पता चलता है कि कैसे वाज ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम का हवाला देते हुए ललित मोदी के मामले में तेजी लाने के लिए कहा था।"
सुषमा की सफाई
सुषमा ने कहा, "मोदी ने मुझसे कहा था कि उनकी पत्नी कैंसर से जूझ रही हैं और चार अगस्त को पुर्तगाल में उनकी सर्जरी होनी है। उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने के लिए अस्पताल में मौजूद रहना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा, "उन्होंने मुझे बताया था कि उन्होंने लंदन में यात्रा दस्तावेजों के लिए आवेदन दिया था। ब्रिटेन सरकार उन्हें यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए तैयार थी। लेकिन संप्रग सरकार के एक संदेश के कारण वे इससे बच रहे हैं, क्योंकि उसमें कहा गया था कि इससे भारत-ब्रिटेन संबंधों में खटास आएगी।"
सुषमा ने कहा, "मानवीय पहलू को देखते हुए, मैंने ब्रिटिश उच्चायोग से कहा कि ब्रिटिश सरकार को ब्रिटेन के नियमों के आधार पर ललित मोदी के आग्रह की जांच करनी चाहिए। यदि ब्रिटिश सरकार मोदी को यात्रा दस्तावेज उपलब्ध कराती है तो इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध नहीं बिगड़ेंगे।"
उन्होंने कहा, "कीथ वाज ने मुझसे भी बात की और मैंने उन्हें साफतौर पर वह सब कुछ बताया जो ब्रिटिश उच्चायोग से मैंने कहा था।"
सुषमा ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि इस तरह की स्थिति में किसी भारतीय नागरिक को आपात यात्रा दस्तावेज देने से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध खराब नहीं हो सकते और न ही होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके चंद दिनों बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें मोदी का पासपोर्ट जब्त करने की बात कही गई थी।
सुषमा ने अपने भतीजे के दाखिले के संबंध में कहा, "जहां तक ज्योतिर्मय के दाखिले की बात है, उसे सामान्य प्रवेश प्रक्रिया के जरिए 2013 में दाखिला मिल गया था, वह भी मेरे मंत्री बनने के एक साल पहले।"
विपक्ष ने मांगा इस्तीफा
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "ललित मोदी की मदद करने वाली सुषमा स्वराज नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें।"
उन्होंने कहा, "भारत की विदेश मंत्री ने ललित मोदी जैसे एक व्यक्ति की मदद की, जिसके खिलाफ यहां लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। यह बहुत गंभीर मामला है। विदेश मंत्री ऐसे व्यक्ति की मदद कर रही हैं, जो फरार है।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इससे धन की हेराफेरी करने वाले और 'मैच फिक्सर' ललित मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ घनिष्ठ संबंधों का पता चलता है।
उन्होंने कहा, "मैं प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि यदि कल दाऊद इब्राहिम मानवीय आधार पर मदद मांगे तो क्या उसकी भी मदद की जाएगी?"
उन्होंने भी नैतिकता के आधार पर सुषमा के इस्तीफे की मांग की, इस पूरे मामले पर सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण भी मांगा।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि इस मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि इस मामले की जांच हो। हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।"