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म्यांमार अभियान: पर्रिकर ने पाक पर ली चुटकी, कुछ लोग भयभीत हैं

म्यांमार अभियान को बदली सोच का परिचायक करार देते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को पाकिस्तान पर चुटकी ली और कहा कि जो लोग भारत के नए रुख से भयभीत हैं, उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करनी शुरू...

म्यांमार अभियान: पर्रिकर ने पाक पर ली चुटकी, कुछ लोग भयभीत हैं
एजेंसीThu, 11 Jun 2015 11:15 PM
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म्यांमार अभियान को बदली सोच का परिचायक करार देते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने गुरुवार को पाकिस्तान पर चुटकी ली और कहा कि जो लोग भारत के नए रुख से भयभीत हैं, उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करनी शुरू कर दी है।

यहां एक सेमिनार को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा कि अगर सोच के तरीके में बदलाव आता है, तब कई चीजें बदल जाती हैं। आपने पिछले 2-3 तीन दिनों में ऐसा देखा। उग्रवादियों के खिलाफ एक सामान्य कार्रवाई ने देश में सम्पूर्ण सुरक्षा परिदृश्य के बारे में सोच को बदल दिया।

रक्षा खरीद प्रक्रिया के सरलीकरण की जरूरत पर अपने विचार व्यक्त करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इस बारे में सोच में बदलाव की जरूरत है। अभियान का ब्यौरा देने से इंकार करते हुए पर्रिकर ने कहा कि जो लोग भारत के नए रुख से भयभीत है, उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करनी शुरू कर दी है।

रक्षा मंत्री ने सैन्य कार्रवाई के संबंध में मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देने से मना कर दिया।

पाकिस्तान के गृह मंत्री निसार अली खान ने कल कहा था, पाकिस्तान म्यांमार की तरह नहीं है, साथ ही उन्होंने भारत को चेतावनी दी थी कि उनका देश सीमापार से धमकी के आगे नहीं झुकेगा।

खान का बयान सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर की उस टिप्पणी पर आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मणिपुर में 18 सैनिकों को मारने वाले विद्रोहियों के खिलाफ म्यामां में सैन्य कार्रवाई अन्य देशों को संदेश है। राठौर की टिप्पणी की व्याख्या पाकिस्तान को चेतावनी के रूप में की गई।

खान ने कहा कि भारत के सामने यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि पाकिस्तान म्यांमार जैसा देश नहीं है। उन्होंने कहा कि जिनकी पाकिस्तान के खिलाफ बुरी सोच है, उन्हें ध्यान से सुन लेना चाहिए कि हमारे सुरक्षा बल ऐसे किसी दुस्साहस का उसी तरह से जवाब देने में सक्षम हैं।
 
भारतीय सेना ने म्यांमार के अधिकारियों की जानकारी में सफल सीमापार कार्रवाई में कम से कम 38 उग्रवादियों को मार गिराया जिनके बारे में समझा जाता है कि वे चार जून को घात लगाकर किए गए हमले में शामिल थे। चार जून को किए गए इस हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए थे।

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