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ताजमहल की रक्षा के लिए बहुआयामी रणनीति की जरूरत

संसद की एक समिति ने विश्व विरासत की धरोहर ताजमहल की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए बहुआयामी रणनीति बनाए जाने की सिफारिश की है। समिति की यह सिफारिश ताजमहल की रंगत फीकी पड़ने की रिपोर्टों के बीच आई है।...

ताजमहल की रक्षा के लिए बहुआयामी रणनीति की जरूरत
एजेंसीSun, 10 May 2015 05:43 PM
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संसद की एक समिति ने विश्व विरासत की धरोहर ताजमहल की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए बहुआयामी रणनीति बनाए जाने की सिफारिश की है। समिति की यह सिफारिश ताजमहल की रंगत फीकी पड़ने की रिपोर्टों के बीच आई है। समिति ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से इस संबंध में जल्द एक कार्ययोजना सौंपने को कहा है।

पर्यावरण मंत्रालय की वर्ष 2015-16 की अनुदानों की मांगों से संबंधित समिति के अनुसार, ताजमहल के अलौलिक सौंदर्य के संरक्षण की चुनौती के समाधान के लिए बहुआयामी रणनीति बनाए जाने की जरूरत है। इसके लिए समिति ने कुछ सिफारिशें की हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, पुरातत्व विभाग को जल्द से जल्द एक कार्ययोजना सौंपने और ताजमहल के संरक्षण के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। आगरा और शहर के आसपास के इलाकों में वाहन प्रदूषण पर रोक लगाने तथा इसके आसपास के यमुना नदी के जलभराव वाले इलाके के विकास और पर्यावरण अनुकूल संरक्षण के लिए तत्काल बहुआयामी नीति को कड़ाई से लागू किया जाए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार की अध्यक्षता वाली समिति ने ताजमहल के आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर वनीकरण की भी सिफारिश की है। समिति ने आईआईटी कानपुर के दो वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध का संज्ञान लिया है। इसमें कहा गया है कि ताजमहल की रंगत कार्बन अणुओं तथा जीवश्म ईंधन के उपयोग और बायोमास से पैदा होने वाली धूल के कारण फीकी पड़ रही है।

समिति ने कहा है कि पर्यावरण मंत्रालय, ताज ट्रेपेजियम जोन अथॉरिटी, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एएसआई द्वारा प्रयास किए जाने के दावों के बावजूद प्रदूषण लगातार ताजमहल पर असर डाल रहा है। इसकी बदहाली से स्पष्ट है कि संबंधित प्रशासन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहा है। समिति ने सिफारिश की है कि पर्यावरण मंत्रालय को ताज के संरक्षण का मुद्दा यूपी सरकार के साथ आगे बढमना चाहिए।

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