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Hindi Newsपुलिस से बोला बदमाश,'मुझे छुड़ा लेगी माशूका'

पुलिस से बोला बदमाश,'मुझे छुड़ा लेगी माशूका'

‘आप लोग कुछ कर लीजिये, मैंने जो किया मुझे अफसोस नहीं..मुझे तो कानूनी पचड़ों से मेरी माशूका ही छुड़वाएगी। हर बार वही मेरी मदद करती रही है और इस बार भी करेगी..।’ किडनैपर किंग अजय सिंह ने...

पुलिस से बोला बदमाश,'मुझे छुड़ा लेगी माशूका'
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 10 May 2015 01:59 PM
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‘आप लोग कुछ कर लीजिये, मैंने जो किया मुझे अफसोस नहीं..मुझे तो कानूनी पचड़ों से मेरी माशूका ही छुड़वाएगी। हर बार वही मेरी मदद करती रही है और इस बार भी करेगी..।’ किडनैपर किंग अजय सिंह ने रिमाण्ड पर शनिवार को जब पुलिस के सवालों का पूरी बेबाकी से जवाब देते हुए यह रहस्य खोला तो बिहार, राजस्थान, झारखण्ड पुलिस और एसटीएफ के अधिकारी हैरत में पड़ गए।

पुलिस ने उससे पूछा कि किडनैप करने पर उसे पकड़े जाने का डर नहीं रहता। उसने जवाब दिया कि वह कई बार पकड़ा गया लेकिन अपहरण करने से पहले ही वह रिहाई का भी इंतजाम कर लेता है। उसकी माशूका ही उसे छुड़ाती है। इस बार भी वही उसकी जमानत करवाएगी।

कई दूसरे सवालों पर भी वह बेखौफ जवाब देता रहा। झारखण्ड और बिहार पुलिस ने लम्बी पूछताछ की। शनिवार सुबह अजय कुमार को कई अफसरों ने पूछताछ के लिए घेरा तो वह बोला कि एक-एक कर सवाल करिएगा। इस पर एक पुलिस अधिकारी ने उसे डांट भी लगाई। थोड़ी देर बाद सवाल-जवाब शुरू हुए।

उसने कहा कि वह फिरौती से मिलने वाली रकम से कुछ हिस्सा अपनी माशूका को भी देता है। बिहार में वह जब भी पकड़ा गया, उसकी जमानत माशूका ने ही कराई। उसके नम्बर के बारे में जब बिहार पुलिस ने पूछा तो वह टाल गया। उसने कहा कि वह जेल में ही उससे मुलाकात करने आती थी। झारखण्ड से दो थानेदार भी पूछताछ करने लखनऊ आए हैं। इन लोगों ने शनिवार को पूछताछ की और दो अपहरण के बारे में पूछा।

अपने परिवार के बारे में अजय कुछ भी बोलने से बचता रहा। बेटे के बारे में पूछा गया तो सिर्फ इतना ही कहा कि वह बहुत तेज है और इस समय आईआईटी में तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। एसटीएफ ने पूछा कि बेटा अपना परिचय कैसे देता होगा तो वह चुप हो गया। एसटीएफ ने उसे काफी कुरेदा लेकिन इस बारे में उसने कुछ नहीं बोला। अजय सिंह के पिता एसपी थे और चाचा डीआईजी होकर रिटायर हुए थे।

एसटीएफ को खूब उलझाया

किडनैपर किंग अजय कुमार ने शनिवार को पूछताछ के दौरान एसटीएफ को खूब उलझा दिया। अजय को हार्निया की बीमारी की वजह से पुलिस उससे लगातार पूछताछ भी नहीं कर पा रही थी। अजय ने एसटीएफ को बताया कि उसे सिर्फ एक मामले में ही सजा हुई थी। कई मामलों में उसे फर्जी तरीके से फंसा दिया गया।

अजय के छह बैंक खातों के बारे में जरूर महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। इस खातों की पड़ताल अब सोमवार को एसटीएफ करेगी। एसटीएफ के एएसपी शहाब राशिद खान, गोमती नगर पुलिस और बिहार पुलिस के अधिकारियों ने शनिवार को करीब चार घंटे तक उससे पूछताछ की। इस दौरन उसने कोटा, जयपुर, पटना और कई जगह में हुई किडनैपिंग में अपनी भूमिका के बारे में बताया।

अजय को दबोचने के लिए डान बबलू की मदद लेनी पड़ी थी

गया के डा. पंकज गुप्ता का अपहरण करने में गिरफ्तार अजय सिंह इतना शातिर है कि उसे करीब एक दशक पहले दबोचने के लिए राजस्थान पुलिस को अंडरवर्ल्ड डान बबलू श्रीवास्तव की मदद लेनी पड़ी थी।

जी हां, जयपुर से आए आईजी ने लखनऊ जेल में बबलू से मुलाकात की। तब कहीं अजय सिंह गैंग का नाम आने पर राजस्थान के मशहूर सर्राफा व्यापारी की साठ वर्षीय पत्नी मुक्त हो सकी थीं।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, अजय सिंह ने वर्ष 2003 में जयपुर के मशहूर सर्राफा व्यापारी की पत्नी उमेधा दुर्लभ (60) का अपहरण कर लिया था। जयपुर पुलिस अपहरण करने वाले गिरोह की तलाश कर थक हार गई। हफ्तों बाद भी उमेधा दुर्लभ का कोई सुराग नहीं लगा। जयपुर पुलिस ने लखनऊ एसटीएफ से मदद मांगी।

जयपुर के तत्कालीन आईजी एम.एल. शर्मा लखनऊ आए। सर्विलांस के जरिये अपराधी गिरोहों की सुरागरसी की गई। जयपुर पुलिस को संदेह था कि लखनऊ जेल में बंद डान बबलू श्रीवास्तव ने अपने गुर्गो के जरिये फजलुर्रहमान से अपहरण करवाया है। इस अपहरण के लिए 5 करोड़ फिरौती मांगी जा रही थी। उस वक्त तक सिर्फ यूपी की एसटीएफ ही सर्विलांस में माहिर थी।

तय किया गया कि आईजी एमएल शर्मा लखनऊ जेल में बबलू श्रीवास्तव से पूछताछ करेंगे। गुपचुप तरीके से समय तय हुआ तो जयपुर पुलिस के हाथों कुछ नहीं लगा। आईजी शर्मा के साथ लखनऊ एसटीएफ के एक तत्कालीन डीएसपी अरविंद चतुवेर्दी भी जेल में गए। बबलू से तमाम तहकीकात के बाद भी कुछ सुराग हाथ नहीं लगा और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।

तभी बबलू के एक डायलॉग ने पुलिस टीम के चेहरे पर रौनक बिखेर दी। बकौल एसटीएफ, बबलू बोला-‘आप कहें तो मैं अपना नेटवर्क इस्तेमाल कर बताऊं कि ये अपहरण किसने कराया है?’ बबलू को कुछ ऐसी सुविधाएं मुहैया कराई गईं, ताकि वह अपने नेटवर्क से संपर्क कर सके। दो दिन बाद ही जयपुर पुलिस को बता दिया गया कि अपहरण बिहार के गैंग अजय सिंह ने किया है। इसके बाद ही सर्विलांस के जरिये उमेधा दुर्लभ को हरियाणा में बरामद किया गया।

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