फोटो गैलरी

Hindi Newsदिल्ली उच्च न्यायालय विधेयक राज्यसभा में पारित

दिल्ली उच्च न्यायालय विधेयक राज्यसभा में पारित

अरसे से लंबित दिल्ली उच्च न्यायालय विधेयक को राज्यसभा ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस विधेयक में दिल्ली उच्च न्यायालय को दो करोड़ रुपये तक के मामलों की सुनवाई का अधिकार मिल जाएगा। जबकि अभी धन संबंधी...

दिल्ली उच्च न्यायालय विधेयक राज्यसभा में पारित
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 06 May 2015 10:20 PM
ऐप पर पढ़ें

अरसे से लंबित दिल्ली उच्च न्यायालय विधेयक को राज्यसभा ने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस विधेयक में दिल्ली उच्च न्यायालय को दो करोड़ रुपये तक के मामलों की सुनवाई का अधिकार मिल जाएगा। जबकि अभी धन संबंधी मामलों में दिल्ली उच्च न्यायालय सिर्फ 20 लाख रुपये तक के मामलों की ही सुनवाई कर पाता था। पिछले सत्र में भी यह विधेयक राज्यसभा में लटक गया था।

कानून मंत्री डी. वी. सदानंद गौड़ा ने दिल्ली उच्च न्यायालय संशोधन विधेयक 2014 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस प्रस्तावित कानून से दिल्ली में लोगों को न्याय मिलने में सहूलियत होगी और दिल्ली उच्च न्यायालय पर मामलों का बोझ भी कम हो सकेगा। गौड़ा के जवाब के बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।

गौड़ा ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय में वर्तमान में करीब 60 हजार मामले लंबित हैं। इस विधेयक के कानून बनने के बाद उच्च न्यायालय में लंबित 11 हजार मामले जिला अदालतों में स्थानांतरित कर दिए जाएंगे। विधेयक में दिल्ली उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश को यह अधिकार दिया गया है कि वे किसी लंबित मुकदमे को निचली अदालत को भेज सकते हैं।

चर्चा में कई सदस्यों द्वारा अपने राज्यों में संबंधित उच्च न्यायालयों की पीठ गठित करने की मांग पर गौड़ा ने कहा कि ऐसी पीठ बनाने के लिए संबंधित राज्य को वहां के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से सहमति लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेजना होता है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य से भी ऐसे प्रस्ताव आएंगे, केंद्र उन पर कार्रवाई करेगा।

उच्च न्यायालयों में स्थानीय भाषा में कार्यवाही करने की मांग पर उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय की एक पूर्णपीठ ने एक फैसले में व्यावहारिक दिक्कतों का हवाला देते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि पांच अपै्रल को मुख्यमंत्रियों और विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।

उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही  है ताकि इसका कोई समाधान निकाला जा सके।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें