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बादल के मंत्री ने कहा, मोगा हादसा 'भगवान की मर्जी'

पंजाब के शिक्षा मंत्री सुरजीत सिंह राखड़ा ने यह कहकर एक विवाद को हवा दे दी है कि मोगा में छेड़छाड़ के बाद बस से धकेली गई लड़की की मौत ईश्वर की मर्जी थी। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को बादल परिवार की एक...

बादल के मंत्री ने कहा, मोगा हादसा 'भगवान की मर्जी'
एजेंसीSat, 02 May 2015 02:38 PM
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पंजाब के शिक्षा मंत्री सुरजीत सिंह राखड़ा ने यह कहकर एक विवाद को हवा दे दी है कि मोगा में छेड़छाड़ के बाद बस से धकेली गई लड़की की मौत ईश्वर की मर्जी थी। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को बादल परिवार की एक परिवहन कंपनी की बस में यह हादसा हुआ, जिसमें एक मां बेटी के साथ छेड़छाड़ के बाद दोनों को चलती बस से नीचे धकेल दिया गया, जिसमें बेटी की मौत हो गई और मां घायल हो गई। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को कोई रोक नहीं सकता। जो कुछ हुआ वह ईश्वर की मर्जी थी।

राखड़ा ने कहा कि हमारे साथ कभी भी दुर्घटना हो सकती है, जो कुछ हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। आप कुदरत की मर्जी के खिलाफ नहीं जा सकते। इस बीच हादसे की शिकार लड़की के परिजनों ने सरकारी मुआवजे को ठुकराते हुए वाहन के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और लड़की का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।

मोगा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जतिन्दर सिंह खेहरा ने कहा, इस मामले (लड़की के अंतिम संस्कार) पर कोई रास्ता नहीं निकल पाया है। लड़की का शव यहां सिंघावाला गांव में एक शव गृह में रखा गया है।

राज्य सरकार की लड़की के परिवार को उसके अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की सारी कोशिशें बेकार रहीं। उन्होंने 20 लाख रुपये के मुआवजे, लड़की की मां के लिए सरकारी नौकरी, उसका निशुल्क इलाज और मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में कराने जैसी तमाम पेशकश ठुकरा दी।

परिवार इस बात पर जोर दे रहा है कि बस के मालिकों ओरबिट एविएशन के खिलाफ अपराध के सिलसिले में मामला दर्ज किया जाए, उसका परमिट रद्द किया जाए। आम आदमी पार्टी लड़की के परिजन की इस मांग का समर्थन कर रही है। लड़की के पिता ने कल कहा था, मैं इंसाफ चाहता हूं। मैं अपनी बेटी के लिए इंसाफ चाहता हूं। वह बस जिन लोगों की है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह सुखबीर बादल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना चाहते हैं, उन्होंने कहा, उसके (बादल के) खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो सकती है आखिरकार वह भी तो एक इंसान ही है। उन्होंने इसके साथ ही कल सवाल किया था, क्या दुनिया में ऐसा कोई नहीं है, जो उनके (बादल के) खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सके।

गुरुवार को 13 साल की लड़की को उसकी मां के साथ बस में सवार कुछ लोगों ने, जिनमें बस का कंडक्टर शामिल था, चलती बस से नीचे धकेल दिया था क्योंकि उन दोनों ने छेड़छाड़ का विरोध किया था। इस बीच प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली पंजाब कांग्रेस ने राज्य में कानून और व्यवस्था के बिगड़ते हालात और किसानों की समस्याओं की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए दोपहर में एक घंटे के लिए रेल रोको आंदोलन का आहवान किया है।

बाजवा ने कहा, कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति रेल रोको अभियान का हिस्सा होगी, जिसका मुख्य जोर किसानों की समस्याओं पर होगा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि लड़की का परिवार पीड़िता का अंतिम संस्कार इसलिए नहीं कर रहा है, क्योंकि पुलिस उनपर समझौते के लिए दबाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि अकाली दल-भाजपा सरकार के मंत्री असंवेदनशील वक्तव्य दे रहे हैं। यह अमानवीय है और उनमें सत्ता का घमंड इस कदर बढ़ गया है कि वह मानवता के मूल गुणों को भूल गए हैं।

शिरोमणि अकाली दल के विधायक जोगिन्दर सिंह जैन ने विपक्षी दलों पर आग में घी डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सरकार ने अब तक तमाम मुमकिन कदम उठाए हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सहित विपक्षी दल आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। वह परिवार को बरगला रहे हैं और लड़की की गरिमा का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक मुआवजे की बात है, यह अनुदान के रूप में दिया गया है, घूस के तौर पर नहीं। विपक्ष घटनाक्रम को देख रहा है और कर कुछ नहीं रहा है। वह (लड़की का परिवार) हमसे मुआवजा लेने तक को तैयार नहीं हैं। हालांकि पहले उन्होंने ही धन और नौकरी की मांग की थी। जैन ने कहा, हमने उनके 16 वर्ष के लड़के को नौकरी देने के लिए सरकार से खास अनुमति ली है।

हालांकि इस बीच राखड़ा ने मोगा बस हादसे के संबंध में इस तरह का कोई असंवेदनशील बयान देने से इंकार करते हुए कहा कि उन्हें संदर्भ से हटकर उद्धत किया गया है। उच्च शिक्षा, भाषा और जल आपूर्ति मंत्री ने कहा कि इस हादसे के बाद से वह मोगा नहीं गए हैं। उन्होंने कहा, मैंने मोगा बस हादसे के बारे में न तो किसी सवाल का जवाब दिया और न ही कोई टिप्पणी की। मेरी बातों को मीडिया ने घुमा फिराकर पेश किया है और मुझे संदर्भ से हटकर उद्धत किया गया है।

मंत्री ने कहा कि वह एक गर्ल्स हॉस्टल का उदघाटन करने के लिए कल पटियाला गए थे। उन्होंने कहा, वहां यह सुझाव दिया गया कि आसपास के इलाकों में भी लड़कियों के कॉलेज खोले जाने चाहिएं और इस बात के उपाय किए जाने चाहिएं कि दुर्घटनाएं न हों, क्योंकि लड़कियां दूर दराज के इलाकों से इन कॉलेजों में पढ़ने आती हैं। मैंने तब कहा था कि आप तमाम दुर्घटनाओं को नहीं रोक सकते। उन्होंने (मीडिया ने) मोगा की घटना के बारे में सवाल उठाया, लेकिन मैंने कहा कि मुझे इस घटना के बारे में कोई सीधी जानकारी नहीं है क्योंकि मैं वहां नहीं था। उन्होंने कहा, लेकिन उन्होंने (मीडिया ने) मेरी बात को तोड़ मरोड़कर पेश किया और उसे मोगा के हादसे से जोड़ दिया जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

इससे पूर्व राखड़ा ने पटियाला में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि दुर्घटनाएं होना ईश्वर की मर्जी है। राखड़ा ने कहा था कि कुदरत से कौन लड़ सकता है। दुर्घटनाएं तो हमारे घरों में भी होती है। विमान दुर्घटनाएं भी होती हैं और यह सब कुदरत की मर्जी से होता है।

 

 

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