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धर्म परिवर्तन का आरोप, हिरासत में आठ लोग

धर्म परिवर्तन के नाम पर एक बार फिर शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। आगरा रोड स्थित गांव मईनाथ में दलित परिवार को बरगला कर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में पुलिस ने आठ लोगों को शनिवार को हिरासत में...

धर्म परिवर्तन का आरोप, हिरासत में आठ लोग
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 19 Apr 2015 12:33 AM
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धर्म परिवर्तन के नाम पर एक बार फिर शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई। आगरा रोड स्थित गांव मईनाथ में दलित परिवार को बरगला कर धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में पुलिस ने आठ लोगों को शनिवार को हिरासत में ले लिया। उधर, हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ाने के लिए शहर की कोतवाली में हजारों की भीड़ एकत्र हो गई।

कोतवाली के घेराव से शहर का माहौल एकाएक गरमा गया। सराफा बाजार, बड़ा बाजार, हलवाई खाना समेत कई बाजारों के शटर धड़ाधड़ गिर गए और भगदड़ मच गई। इस तरह के हालात देखकर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए और मडराक थाने में धर्मांतरण के आरोप में हिरासत में लिए लोगों को रिहा करने को मजबूर होना पड़ा। इसके बाद ही भीड़ कोतवाली से हटी।

शहर के करीब 12 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर गांव मईनाथ है। इस गांव में 95 फीसदी लोग दलित (घुमुंतू) जाति के लोग रहते हैं। गांव प्रधान सतीश चंद्र लोधी के मुताबिक पिछले छह माह से गांव के ही सूरजपाल के यहां कुछ लोग आ रहे थे। वह लोग दलित परिवार के लोगों को पक्का मकान बनवाने और अच्छा खाना-पीना मुहैया कराकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाते थे। शुक्रवार की शाम गांव में तीन महिलाएं और आठ पुरुष फिर सूरजपाल के घर आए।

आरोप है कि शनिवार की सुबह उन्होंने घर में ही नमाज अदा की और बाहर निकलकर कुछ लोगों से धर्म की बातें करने लगे। इसको लेकर पिछले कुछ समय से नाराज ग्रामीणों ने इन लोगों को पकड़ लिया। ग्राम प्रधान ने लेखपाल संजय शर्मा और कानूनगो चमनलाल को बुला लिया। दोनों के साथ दर्जनों की संख्या में ग्रामीण सभी को पकड़कर थाना मडराक ले आए। गांव मईनाथ निवासी देवेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र पाल, रामबाबू, राजवीर और देवराज ने संयुक्त तहरीर पुलिस को दी। 

तहरीर में साफ तौर पर आरोप है कि पिछले करीब छह माह से सभी लोग बराबर गांव में आ रहे थे। वे यहां के लोगों से संपर्क कर उन्हें धर्म बदलकर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए कह रहे हैं। रात में ग्रामीणों के लिए इन लोगों ने खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था की और बिरयानी व फल आदि बांटे। तहरीर के आधार पर पुलिस ने महिलाओं को छोड़ दिया, जबकि कथित धर्मांतरण कराने वाले आठ लोगों के अलावा सूरजपाल को हिरासत में ले लिया।
 
थाने में दोनों पक्षों में हुई नोक-झोंक
मामले की सूचना मिलते ही मेयर शकुंतला भारती और तमाम हिन्दूवादी संगठन के लोग पहुंच गए। उन्होंने हिरासत में लिए लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की। इसी बीच दूसरे पक्ष के भी लोग थाना मडराक  पहुंच गए। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच थाने में ही नोक-झोंक हो गई। हालात यहां तक हो गए कि दोनों पक्ष एक दूसरे खिलाफ नारेबाजी करने लगे। खबर मिलते ही एडीएम प्रशासन संजय चौहान भी भारी पुलिस फोर्स लेकर पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों से बात की और उन्हें समझाया।

ऊपरकोट पर एकत्र हुई भीड़
उधर समुदाय विशेष के आठ लोगों को थाना मडराक पुलिस द्वारा हिरासत में लेने की खबर मिली तो शहर का माहौल गरमा गया। समुदाय विशेष की भारी भीड़ पहले जामा मस्जिद के बाहर एकत्र हुई, फिर पास में ही स्थित शहर कोतवाली जा पहुंची। नगर विधायक जफर आलम के अलावा पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी कोतवाली पहुंचे। भीड़ मडराक थाने में हिरासत में लिए आठों लोगों को रिहा करने की मांग कर रही थी। दो घंटे तक चले घेराव और हंगामा के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया और आठों लोगों को रिहा कर दिया गया।

भीड़ अड़ी, हमें दिखाओ
पुलिस द्वारा छोड़े जाने की जानकारी जामा मसजिद के लाउडस्पीकर से दी गई, लेकिन भीड़ को भरोसा ही नहीं हुआ। वह रिहा किए गए लोगों को उनके बीच लाने की बात पर अड़े रहे। उसके बाद उन्हें भीड़ के बीच लाया गया, उसके बाद ही भीड़ कोतवाली से हटी।

इनके खिलाफ दी गई तहरीर
ग्रामीणों ने सलमाल पुत्र वाहिद खान निवासी टावर वाली गली, भुजपुरा, शान मोहम्मद पुत्र यासीन निवासी मथुरा, फैसल पुत्र बशीर निवासी भुजपुरा, आदि पुत्र छोटे निवासी भुजपुरा, इस्तियाक पुत्र हनीफ निवासी मुल्लापाड़ा, रान मोहम्मद पुत्र मुन्ने खां निवासी मुल्लापाड़ा, नसीमुल हसन पुत्र सईद हुसैन निवासी भुजपुरा और सरफद्दीन पुत्र नूर मोहम्मद निवासी भुजपुरा के खिलाफ तहरीर दी है।

जमात के थे लोग
दूसरे पक्ष की ओर से गुलजार अहमद निवासी ऊपरकोट ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। कहा है कि जिन लोगों पर धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया जा रहा है, वे लोग जमात के लोग थे। ये लोग इस्लाम और इंसानियत का प्रचार करते हैं। जो लोग जमात के लोगों को परेशान करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

पूरा गांव हिन्दू, फिर क्या करने गई थी जमात
गांव मईनाथ में सभी हिन्दू हैं। वहां पर एक भी परिवार समुदाय विशेष का नहीं है। फिर आखिर वह जमात के लोग हिन्दुओं में क्या करने गए थे। जमात अमूमन अपने समुदाय के लोगों में ही जाती है। साफ तौर पर यह धर्मांतरण कराने की कोशिश है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
- शकुंतला भारती, मेयर।

तहरीर में जिन लोगों को नामजद किया गया है वह गांव में हमेशा से ही मस्जिद बनाने की बात करते हैं और लोगों को नमाज पढ़ने के लिए भी कहते हैं। उनका कहना है कि अगर यह सब करोगे तो तुमको सारी सुख-सुविधाएं देंगे।
- दिनेश, निवासी गांव मईनाथ

‘‘तहरीर के आधार पर कुछ लोगों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है। यदि बाद में पुलिस की छानबीन में तहरीर में नामजद लोगों के खिलाफ सबूत मिलते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। साथ ही किसी भी व्यक्ति को कानून-व्यवस्था हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। शहर के अमन-चैन को कायम रखने के लिए हर मुफीद कदम उटाए जाएंगे
- जे रविन्द्र गौड़, एसएसपी।’’

 

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