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दक्षिण चीन सागरः कोर्ट से चीन को झटका, भारत ने कहा- आदेश का हो सम्मान

भारत ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण के फैसले को लेकर सभी संबंधित पक्षों से मंगलवार को कहा कि वे बिना किसी धमकी या बल प्रयोग के शांतिपूर्ण ढंग से विवाद का निपटारा करें...

दक्षिण चीन सागरः कोर्ट से चीन को झटका, भारत ने कहा- आदेश का हो सम्मान
एजेंसीWed, 13 Jul 2016 07:42 AM
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भारत ने दक्षिण चीन सागर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण के फैसले को लेकर सभी संबंधित पक्षों से मंगलवार को कहा कि वे बिना किसी धमकी या बल प्रयोग के शांतिपूर्ण ढंग से विवाद का निपटारा करें तथा इस फैसले के प्रति पूरा सम्मान दिखाएं।

न्यायाधिकरण ने मंगलवार को फैसला दिया कि दक्षिण चीन सागर में द्वीपों पर ऐतिहासिक अधिकार का दावा करने का चीन का कोई कानूनी आधार नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के आधार पर नौवहन तथा निर्बाध वाणिज्य की स्वतंत्रता का समर्थन करता है।

उसने कहा, भारत का मानना है कि संबंधित देशों को धमकी या बल प्रयोग किए बिना शांतिपूर्ण ढंग से विवादों को निवारण करना चाहिए तथा ऐसी गतिविधियां करने में संयम बरतना चाहिए जिससे विवाद जटिल हो अथवा बढ़े।

दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय दावे को लेकर चल रहे गतिरोध में चीन के खिलाफ फैसला देते हुए परमानेन्ट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने फैसला दिया कि नाईन डैशन लाइन के तहत आने वाले समुद्री क्षेत्र पर ऐतिहासिक अधिकार जताने का चीन का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।

चीन ने कहा कि वह फैसले को स्वीकार नहीं करता और इसे मान्यता नहीं देता और फैसले को अमान्य करार दिया।

चीन अपने दक्षिण पूर्व एशियाई पड़ोसी देशों के दावे के विपरीत सामरिक रूप से महत्वपूर्ण लगभग सभी जल क्षेत्र पर अपना अधिकार जताता है।

फिलीपीन ने 2013 में बीजिंग के खिलाफ याचिका देते हुए कहा था कि 17 वर्ष तक चर्चा के बाद सभी राजनीतिक और कूटनीतिक मार्ग बंद हो गए हैं।

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