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पाक से पीओके खाली कराने पर होगी बात: भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर भारत का अधिकार जताने के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाक को पीओके खाली करने पर बातचीत के लिए कहा है। उन्होंने कहा, वार्ता पर गेंद अब...

पाक से पीओके खाली कराने पर होगी बात: भारत
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 18 Aug 2016 07:36 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर भारत का अधिकार जताने के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाक को पीओके खाली करने पर बातचीत के लिए कहा है। उन्होंने कहा, वार्ता पर गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है। 

पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर बातचीत की पेशकश के जवाब में जयशंकर ने 16 अगस्त को पाकिस्तान के विदेश सचिव को पत्र लिखा। इसमें कहा है कि हम जम्मू-कश्मीर के एक हिस्से में पाकिस्तान द्वारा अवैध कब्जे को जल्द से जल्द खाली करने पर बातचीत करना चाहते हैं। वे अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तानी समकक्ष से यह जानकारी भी चाहते हैं कि वर्ष 2008 में मुंबई हमले और पठानकोट हमले की साजिश रचने वालों पर अब तक क्या कार्रवाई हुई। 

सीमा पार आतंकवाद बंद हो
विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि विदेश सचिव नेपत्र में कहा गया है कि वे अपने पाकिस्तानी समकक्ष से बातचीत के लिए इस्लामाबाद आने को तैयार हैं। लेकिन इसके लिए पांच शर्तें रखी हैं। इसके मुताबिक पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और हिंसा को बढ़ावा देना बंद करे। 

आतंकी आकाओं पर हो कार्रवाई
पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिह्नित आतंकवादी सरगनाओं को गिरफ्तार करके उन्हें दंडित करे जो जम्मू-कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा और समर्थन दे रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि भारत चाहता है कि पाकिस्तान दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद, मसूद अजहर और सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकी सरगनाओं के खिलाफ कार्रवाई करे।

आतंकी कैंप को बंद करे 
पाकिस्तान अपने यहां आतंकी प्रशिक्षण केंद्रों को बंद करे जहां बहादुर अली जैसे आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। भारतीय कानून से बचकर भागने वालों के लिए पाकिस्तान सुरक्षित पनाहगाह न बने और ऐसे आतंकियों को शरण और समर्थन देने से पाकिस्तान मना करे।

शिमला समझौते का हवाला
भारत ने जम्मू-कश्मीर पर बातचीत के लिए शिमला समझौते की याद दिलाई है। विदेश सचिव ने कहा, पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने वर्ष 1972 में सहमति जताई थी कि दोनों देश अपने बीच विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से द्विपक्षीय बातचीत के द्वारा हल करेंगे। वर्ष 1999 में नवाज शरीफ ने लाहौर घोषणा में इस प्रतिबद्धता को दोहराया और वर्ष 2004 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तान अपनी जमीन के किसी हिस्से का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देगा।

बलूचिस्तान पर रुख नया नहीं
बलूचिस्तान पर स्वरूप ने कहा, यह कोई नीति में बदलाव नहीं है। भारत ने पहले भी बलूचिस्तान मुद्दे को उठाया है। इस बार फर्क यही है कि प्रधानमंत्री ने उस इलाके के लोगों से मिले संदेशों को आम लोगों से साझा किया है।

दक्षेस के वित्तमंत्रियों की बैठक में जेटली के जाने पर संशय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि इस्लामाबाद में 25-26 अगस्त को होने वाली दक्षेस के वित्तमंत्रियों के सम्मेलन में भारत की भागीदारी के स्तर पर उसने अब तक कोई फैसला नहीं किया है। गौरतलब है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह की पाकिस्तान यात्रा के दौरान पड़ोसी देश के व्यवहार को देखते हुए यह उम्मीद जाहिर की जा रही है कि अरुण जेटली संभवत: सार्क वित्तमंत्रियों के सम्मेलन में नहीं जाएंगे। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
 
कश्मीर से ध्यान भटका रहा भारत: पाक
पाकिस्तान ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भारत कश्मीर से ध्यान भटकाने के लिए बलूचिस्तान का मुद्दा उठा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कहा, हम अगले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे को उठाएंगे। पिछले साल प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने महासभा में कश्मीर का मामला उठाया था। जकारिया ने कहा, बलूचिस्तान का मुद्दा उठाना संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। भारत कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघनों को ढकने के  लिए बलूचिस्तान का जिक्र कर रहा है। जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान ने बैठक के लिए दक्षेस देशों के वित्त मंत्रियों को न्योता दिया है। लेकिन उसे अबतक अरुण जेटली के आने के बारे में पुष्टि का इंतजार है। 

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