सीपीआई पोलित ब्यूरो के सदस्य पी विजयन बने केरल के 22वें मुख्यमंत्री
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो सदस्य पिनाराई विजयन ने बुधवार को सेंट्रल स्टेडियम मैदान में केरल के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। केरल के राज्यपाल पी सतशिवम ने 18...
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो सदस्य पिनाराई विजयन ने बुधवार को सेंट्रल स्टेडियम मैदान में केरल के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
केरल के राज्यपाल पी सतशिवम ने 18 कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई, जिनमें 11 माकपा, चार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), कांग्रेस (सेक्यूलर) के एक, जनता दल (सेक्यूलर) के एक तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक मंत्री शामिल हैं।
ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब शपथ ग्रहण समारोह परंपरागत रूप से राजभवन में न होकर उसके बाहर आयोजित हुआ।
राज्य में 16 मई को हुए चुनाव में माकपा नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) ने कुल 140 सीटों वाली राज्य विधानसभा में 91 सीटों पर जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही ओमन चांडी की कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी।
Thiruvananthapuram: LDF's Pinarayi Vijayan takes oath as the CM of Kerala pic.twitter.com/RT7Kd7RK0c
— ANI (@ANI_news) May 25, 2016
एलडीएफ सरकार जनता की सरकार होगी: विजयन
पिनरई विजयन ने कहा था कि केरल में माकपा नीत नयी एलडीएफ सरकार जनता की सरकार होगी और यह जाति, धर्म एवं राजनीतिक दायरे से परे हटकर कामकाज करेगी। उन्होंने राज्य की बेहतरी के लिए समाज के सभी वर्ग के लोगों से मदद भी मांगी।
उन्होंने कहा, यह जनता की सरकार होगी और लोगों के कल्याण के लिए काम करेगी। जाति, धर्म और राजनीतिक दायरे का बंधन नहीं होगा और हम इसी भावना के साथ काम करेंगे।
उन्होंने कहा, इस सरकार में हर किसी का हक है और समाज को समझना चाहिए कि अगर लोग पीठ दिखाएंगे तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। यह लोगों का सहयोग है जो लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। विजयन ने कहा कि यह सरकार न्याय, भाईचारे, समृद्धि और विकास के लिए काम करेगी।
चुनाव के नतीजे
विधानसभा चुनाव में माकपा नेतृत्व वाली एलडीएफ ने कांग्रेस नीत यूडीएफ को भारी शिकस्त देकर आसान जीत हासिल की। एलडीएफ ने 140 सदस्यीय विधानसभा में 91 सीटें जीतीं, जिनमें उसके समर्थन से चुनाव लड़ने वाले छह निदर्लीय उम्मीदवारों की सीटें शामिल हैं। गठबंधन सहयोगियों में माकपा को 58, भाकपा को 19, राकांपा को दो और केसी (बी), सीएमपी, आरएसपी (एल), जेडी (एस) और कांग्रेस (एस) को एक-एक सीटें मिलीं। यूडीएफ में कांग्रेस को 22, आईयूएमएल को 18, केसी(एम) को छह, केसी(जे) एक सीटें मिलीं। कांग्रेस नेतृत्व वाले मोर्चे को 47 सीटें मिलीं।