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नोटबंदी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, केंद्र ने गिनाए फायदे

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान संसद के दोनों सदनों में जहां विपक्ष ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा, वहीं सरकार ने अपनी उपलब्धियां गिनाईं।  जेब फटी अब कुर्ता फटेगा सरकार की ओर से लोकसभा...

नोटबंदी पर विपक्ष ने सरकार को घेरा, केंद्र ने गिनाए फायदे
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 06 Feb 2017 10:15 PM
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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान संसद के दोनों सदनों में जहां विपक्ष ने केंद्र सरकार को जमकर घेरा, वहीं सरकार ने अपनी उपलब्धियां गिनाईं। 

जेब फटी अब कुर्ता फटेगा
सरकार की ओर से लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि कुछ नेताओं को नोटबंदी से बहुत तकलीफ हुई। कालेधन के खिलाफ लड़ाई में अभी केवल जेब फटी है। अब कुर्ता भी फटने वाला है। नोटबंदी के बाद जितना धन आया है, उसका इस्तेमाल देश के विकास में, गरीबों के कल्याण के लिए किया जाएगा। शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी कई कदम उठाए और कालेधन के खिलाफ एसआईटी के गठन का निर्णय लिया। नोटबंदी का कठोर निर्णय लिया। आठ नवंबर को लिया गया नोटबंदी का फैसला भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ था।
 
इंदिरा गांधी ने टाल दिया था
उन्होंने कहा कि 1976 में भी बड़े नोटों को बंद करने का सुझाव आया था लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने यह कहकर टाल दिया था कि चुनाव आने वाले हैं। हमारे प्रधानमंत्री ने यह नहीं सोचा कि दो महीने बाद ही चुनाव हैं। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ और देश को आगे रखते हुए भ्रष्टाचारियों पर कुठाराघात किया। यह फैसला भ्रष्टाचारियों, नक्सलवादियों, आतंकवादियों, नकली नोट छापने वालों के खिलाफ था। लेकिन विपक्ष ने इस फैसले का विरोध करके आजादी के बाद पहली बार भ्रष्टाचारियों का साथ दिया।

उन्होंने कहा कि आज जब विश्व की अर्थव्यवस्था मंदी में है, भारत की अर्थव्यवस्था नित नए कीर्तिमान गढ़ रही है। पूरा विश्व हमें मार्गदर्शक के रूप में देख रहा है। 

सैनिकों से सबूत मांगना शर्मनाक
शर्मा ने कहा कि उरी आतंकी हमले के बाद सीमापार की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष ने सैनिकों की राष्ट्रभक्ति के सबूत मांगे। यह शर्म की बात है। मंत्री ने कहा कि विपक्ष से अपील है कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर, सैनिकों के सम्मान और देश की सीमाओं की सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

सरकार ने योजनाएं शुरू कीं
शर्मा ने कहा कि एनडीए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के कोष से मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाएं शुरू की, जिनका उद्देश्य युवाओं को रोजगार मांगने की लाइन में लगने के बजाय रोजगार देने में सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार पर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगते हैं लेकिन ये योजनाएं दर्शाती हैं कि सरकार की योजनाएं केवल उद्योगपतियों, कारोबारियों तक सीमित नहीं है। नोटबंदी का फैसला भी गरीबों के लिए था।

घोषणाएं पूरा करने को 56 इंच का सीना चाहिए
शर्मा ने कहा, कांग्रेस को आजादी के बाद 70 साल का मौका मिला। इस सरकार के बनने से पहले उसे 10 साल तक लगातार मौका मिला। लेकिन उसने अपनी घोषणाओं को पूरा नहीं किया। मंत्री ने कहा, इन सब कामों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्प और 56 इंच का सीना चाहिए। 70 साल के बाद भी अंतिम पायदान पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक आजादी की रोशनी नहीं पहुंची है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की सोच के साथ गरीबों, वंचितों और किसानों के समग्र विकास की दिशा में यह सरकार काम कर रही है और अपनी घोषणाओं को पूरा कर रही है। इस दौरान प्रधानमंत्री सदन में उपस्थित थे।
 
जेएनयू मुद्दा उठा
भाजपा के वीरेन्द्र सिंह ने प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए केंद्र सरकार पर लग रहे सांप्रदायिकता फैलाने के आरोपों के संदर्भ में कहा कि भारत सनातन धर्म पर टिका है और उसने चारों दर्शन को अपने में समाहित किया है। उन्होंने सवाल भी किया, जेएनयू में देशभर के छात्र पढ़ते हैं वहां उत्तर प्रदेश के भी छात्र हैं। मैं सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या जेएनयू में भारत माता के खिलाफ नारे लगाने पर अधिक नंबर मिलते हैं क्या।

पीएम नोटबंदी के जिम्मेदार
उधर, कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने नोटबंदी के निर्णय से हुए नुकसान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया। प्रमुख विपक्षी दल ने कहा कि नोटबंदी से आम लोग तबाह हुए हैं। देश की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक प्रतिशत नीचे जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिना तैयारी के नोटबंदी के फैसले का निर्णय अकेले प्रधानमंत्री ने लिया। उन्होंने इस बारे में वित्तमंत्री और मुख्य आर्थिक सलाहकार से परामर्श तक नहीं किया। इस फैसले से लोगों को बहुत बड़ा झटका लगा है। लोग तंग और तबाह हो गए हैं। किसानों के पास खाद के लिए पैसे नहीं है। खेती-किसानी प्रभावित हुई।  खडगे ने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस फैसले की घोषणा से पहले करोड़ो रुपये की जमीन बिहार, बंगाल, राजस्थान में खरीदी। 

खडगे ने कहा कि प्रधानमंत्री को खुद पर खतरे की बात नहीं करनी चाहिए। अगर प्रधानमंत्री ही कमजोर बात करेगा तो फिर लोगों का क्या होगा। उन्होंने सरकार द्वारा बजट में एससी/एटी को किए गए आवंटन को दोगुना बताने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 2012-13 में कुल बजट का 2.23 प्रतिशत आवंटन हुआ था। इस बार 2.44 प्रतिशत है, दोगुना कहां से हुआ। कांग्रेस नेता ने दो करोड़ नौकरियां सृजित करने के वादे की याद दिलाते हुए बीते समय में आपको पांच करोड़ नौकरियां मुहैया करानी चाहिए थी। लेकिन आप तो सिर्फ 1.5 लाख लोगों को ही मौका दे पाए हैं। 

बदले की भावना
उधर, राज्यसभा में कांग्रेस के अहमद पटेल ने केंद्र सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने सत्ताधारी दल पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह के भाषण हो रहे हैं, उसे रोक दीजिए। नोटबंदी के फैसले से हर वर्ग को परेशानी का उल्लेख करते हुए पटेल ने कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई और जब तक प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संदेश नहीं हुआ मंत्रियों को बाहर नहीं जाने दिया गया। 

पीएम को सही फीडबैक दें
पटेल ने आरोप लगाया कि सरकार पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का नाम हटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कितना भी प्रयास कर ले देश कांग्रेस मुक्त नहीं हो सकता। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री व्यस्त रहते हैं लेकिन उनके साथ के लोगों को चाहिए कि महिमामंडन के बजाए उन्हें सही फीडबैक दें। 

राजनीतिक फंडिंग पर रोक लगे
माकपा नेता सीता राम येचुरी ने येचुरी ने कहा कि चुनाव सुधार करना है तो उम्मीदवारों के व्यय को ही नहीं राजनीतिक दलों के खर्च को भी प्रतिबंध के दायरे में लाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की फंडिग पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।

मनरेगा में आधार अनिवार्य नहीं किया है
सरकार ने कहा है कि मनरेगा में आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं किया गया है। राज्यों यदि अनुरोध करेंगी तो मनरेगा के तहत पंजीकृत लोगों के लिए आधार नामांकन कराने की समय सीमा 31 मार्च से आगे बढ़ाई जा सकती है। यह जानकारी ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसी साल तीन जनवरी को एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें कहा गया कि मनरेगा के तहत पंजीकृत जिस व्यक्ति ने अब तक अपना आधार नामंकन नहीं कराया है, उन्हें 31 मार्च 2017 तक आधार के लिए आवेदन करना होगा।

सैन्यकर्मियों को समुचित सुविधाएं देने की मांग
राज्यसभा में देश की रक्षा के लिए विषम परिस्थितियों ड्यूटी कर रहे जवानों को समुचित सुविधाएं देने की मांग उठी। सदस्यों ने कहा कि सुविधाओं में खामी के चलते सैन्य कर्मियों को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सैन्य कर्मी की सेवा शर्ते सख्त होती हैं। वह कठिन व विषम परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी करते हैं। उसके बावजूद जवानों को गुणवत्तारहित खाद्य सामग्री आपूर्ति की जाती है। उन्हें समय पर छुट्टियां नहीं मिलती है। इसके चलते वह तनावग्रस्त होते हैं। यही कारण है कि अपनी मांगों को लेकर उन्हें सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा, यह बेहद शर्मनाक है।

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