दिल्ली-नोएडा टोल ब्रिज पर टैक्स नहीं, सुप्रीम कोर्ट का रोक लगाने से इनकार
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) फ्लाईओवर को टोल फ्री करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से आज इन्कार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि डीएनडी फ्लाई ओवर अगले आदेश तक टोल...
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) फ्लाईओवर को टोल फ्री करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से आज इन्कार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि डीएनडी फ्लाई ओवर अगले आदेश तक टोल फ्री रहेगा। उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार करते हुए कहा कि वह इस मामले की विस्तृत सुनवाई दीपावाली के अवकाश के बाद करेगा।
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मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने डीएनडी बनाने वाली कंपनी की खिंचाई करते हुए कहा, 'आपने महज 10 किलोमीटर सड़क बनायी है, लेकिन आप बातें तो ऐसी कर रहे हैं कि आपने चांद पर जाने का रास्ता बनाया हो।' डीएनडी पर पथ कर वसूलने वाली कंपनी ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कल न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया था और त्वरित सुनवाई करने का आग्रह किया था, जिसे पीठ ने स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए आज की तारीख मुकर्रर की थी।
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इससे पहले गत बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने डीएनडी फ्लाई वे को टोल फ्री कर दिया था। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान सख्त लहजे में कहा था कि नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड मनमाने तरीके से पथ कर वसूली कर रही है। कंपनी की इसी मनमानी के विरोध में पिछले चार साल से संघर्ष चल रहा था। न्यायालय में डीएनडी को टोल फ्री करने को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई थीं। नौ किलोमीटर लंबे आठ लेन वाले डीएनडी को टोल फ्री करवाने के लिए दो महीने पहले भी कई संगठनों ने जोरदार प्रदर्शन किया था। उल्लेखनीय है कि फरवरी 2001 में शुरू हुए डीएनडी पर टोल टैक्स बढ़कर पांच गुना हो चुका है। फ्लाईओवर पर मोटरसाइकिल से गुजरने पर 12 रुपये देने होते हैं, वहीं कार से गुजरने पर 28 रुपये चुकाने पड़ते हैं। यहां से रोजाना 25 हजार से भी ज्यादा गाड़यिां गुजरती हैं।