फोटो गैलरी

Hindi Newsजमानत मामलाः नीलम कटारा को विकास यादव से जान का खतरा

जमानत मामलाः नीलम कटारा को विकास यादव से जान का खतरा

नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव को पेरोल पर रिहा किए जाने के मामले में पीड़ित की मां नीलम कटारा ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष आशंका जताई है कि अगर उनके बेटे की हत्या के दोषी विकास को पैरोल पर...

जमानत मामलाः नीलम कटारा को विकास यादव से जान का खतरा
एजेंसीSun, 28 Feb 2016 01:11 PM
ऐप पर पढ़ें

नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव को पेरोल पर रिहा किए जाने के मामले में पीड़ित की मां नीलम कटारा ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष आशंका जताई है कि अगर उनके बेटे की हत्या के दोषी विकास को पैरोल पर रिहा किया जाता है तो उनकी हत्या की जा सकती है।

विकास की याचिका पर विरोध जताते हुए उन्होंने कहा कि हत्या के दोषी यादव को बिना किसी छूट के 30 साल की जेल की सजा सुनाई गई है और उन्होंने दोषी के किसी और देश फरार होने की भी आशंका जताई।

उत्तर प्रदेश में अपनी पैतृक संपत्ति बेचने के लिए दो हफ्ते की पेरोल की मांग वाली विकास की याचिका का विरोध जताते हुए पीड़ित की मां ने न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मदुल के समक्ष एक हलफनामा दर्ज कराया है।

नीलम ने कहा कि अब जबकि स़प्रीम कोर्ट ने विकास यादव की विशेष अवकाश याचिका पर फैसला सुनाया है और नीतीश कटारा की हत्या का दोषी पाते हुए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है, ऐसे मामले में शिकायतकर्ता होने के नाते उन्हें डर है कि अगर याचिकाकर्ता (विकास) जमानत पर बाहर आता है तो वह उनकी और अन्य महत्वपूर्ण गवाहों की हत्या करा सकता है।

अदालत ने मामले में नीलम की याचिका पर विकास को जवाब दाखिल करने के लिए नौ मार्च की तारीख तय की है। विकास की पेरोल याचिका पर अदालत ने 27 जनवरी को नोटिस जारी कर नीलम से जवाब मांगा था, जिसके जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं।

पिछले साल दोषी के 93 वर्षीय दादा की एंजीयोप्लास्टी के मद्देनजर उनसे मिलने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विकास को सात दिन की पेरोल की इजाजत दी थी।

गौरतलब है कि पांच फरवरी, 2015 को कोर्ट ने नीतीश हत्या मामले में विकास और उसके चचेरे भाई विशाल यादव की सजा आजीवन कारावास से बिना किसी छूट के 25 साल तक बढ़ा दी और मामले में सबूत नष्ट करने के लिए अतिरिक्त पांच साल की भी सजा सुनाई। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने यादव के परिचित सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की भी आजीवन कारावास की सजा की अवधि बढ़ाकर बिना किसी छूट 20 साल कैद की सजा की।

इन तीनों को 16-17 फरवरी, 2002 की दरम्यानी रात में बिजनेस एक्जेक्यूटिव एवं आईएएस अधिकारी के बेटे नीतीश कटारा को अगवाकर उसकी हत्या करने के मामले में निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इन तीनों को नीतीश कटारा और भारती के बीच का प्रेम संबंध पसंद नहीं था।
     
दो अप्रैल, 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को ऑनर किलिंग बताया और निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने मामले में विकास और अन्य की सजा बरकरार रखी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें