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व्हाट्सएप के जरिए ड्रग्स की तस्करी कर रहे नाइजीरियाई

राजधानी में ड्रग्स की तस्करी करने वाले गिरोह अब पुलिस से बचने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके जरिए ही तस्कर आर्डर लेकर उसे पहुंचाने की जगह भी तय करते हैं। यह खुलासा अपराध शाखा द्वारा...

व्हाट्सएप के जरिए ड्रग्स की तस्करी कर रहे नाइजीरियाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 19 Mar 2017 09:52 AM
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राजधानी में ड्रग्स की तस्करी करने वाले गिरोह अब पुलिस से बचने के लिए व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके जरिए ही तस्कर आर्डर लेकर उसे पहुंचाने की जगह भी तय करते हैं। यह खुलासा अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किए गए नाइजीरियाई ड्रग्स तस्करों के एक गिरोह ने किया है। 

सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार तस्करों ने पुलिस पूछताछ में यह खुलासा किया है कि अधिकांश गिरोह मोबाइल पर बातचीत करने की बजाए व्हाट्सएप चैटिंग या कॉलिंग के जरिए अपने ग्राहकों एवं अन्य तस्करों से संपर्क में रहते हैं। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली-एनसीआर के बड़े होटलों, फार्म हाउसों एवं ग्राहक द्वारा बताई गई जगहों पर ड्रग्स पहुंचाते थे। 

पुलिस ने आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस के अनुसार, 12 मार्च को अपराध शाखा की टीम को सूचना मिली थी कि कोकीन की तस्करी में लिप्त कुछ नाइजीरियाई युवक द्वारका स्थित एक नामी होटल में कुछ लोगों को कोकीन पहुंचाने आ रहे हैं। इस जानकारी पर एसीपी जसबीर मलिक की देखरेख में इंस्पेक्टर पीसी खंडूरी और एसआई राहुल की टीम ने होटल के पास जाल बिछाया। 

कुछ देर बाद कार में सवार तीन नाइजीरियाई वहां पहुंचे। कुछ देर तक किसी शख्स का इंतजार करने के बाद वह गाड़ी में बैठकर जाने लगे। पुलिस टीम भी उनके पीछे लग गई। मधु विहार के पास जाकर पुलिस टीम ने कार को रोक लिया और उसमें सवार तीन नाइजीरियाई युवकों को पकड़ लिया। तलाशी में इनके पास से 95 ग्राम कोकीन बरामद हुई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत पांच से सात लाख रुपये के बीच बताई गई है।

कैब से ग्राहक को पहुंचाने जाते थे नशा 

पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार नाइजीरियाई युवकों ने बताया कि सड़क पर पुलिस द्वारा जगह-जगह की जाने वाली जांच से बचने के लिए वह कैब का इस्तेमाल करते थे। वह नशे की खेप पहुंचाने के लिए पहले कैब बुक करते थे। कैब में सवार होकर वह अपने ग्राहक के पास जाते और फिर उसमें ही सवार होकर वापस छतरपुर स्थित अपने घर लौट आते थे।

तीन साल से नशे की तस्करी में हैं लिप्त

पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला कि आरोपी लगभग तीन साल पहले भारत आए थे। वह उपचार कराने, पढ़ने एवं घूमने का वीजा लेकर भारत आए थे। दिल्ली आने के बाद वह मादक पदार्थ की तस्करी में जुट गए। इसके बाद वह अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे थे। फिलहाल, आरोपी छतरपुर में रहते थे। उनके पास से पासपोर्ट भी बरामद नहीं हुआ है।

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