भ्रामक प्रचार पर नहीं होगी सिलेब्रिटी को सजा, सिर्फ विज्ञापन करने पर पाबंदी
भ्रामक प्रचार और विज्ञापन करने पर कोई सिलेब्रिटी जेल नहीं जाएगा। केंद्र सरकार ने संसदीय समिति की सिलेब्रिटीज को जेल की सजा देने की सिफारिशों को नामंजूर करते हुए भ्रामक विज्ञापन करने की सजा के तौर पर...
भ्रामक प्रचार और विज्ञापन करने पर कोई सिलेब्रिटी जेल नहीं जाएगा। केंद्र सरकार ने संसदीय समिति की सिलेब्रिटीज को जेल की सजा देने की सिफारिशों को नामंजूर करते हुए भ्रामक विज्ञापन करने की सजा के तौर पर कुछ वक्त के लिए प्रचार करने पर पांबदी लगाने का फैसला किया है। सरकार की दलील है कि यह निर्णय वैश्विक चलन के आधार पर लिया गया है।
सरकार के सूत्रों का कहना है कि बुधवार शाम हुई वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक में सिलेब्रिटीज को भ्रामक प्रचार करने पर जेल की सजा के बजाए पाबंदी लगाने का फैसला किया है। पहली बार गलती पर सिलेब्रिटी पर एक साल तक विज्ञापन करने पर पाबंदी और बीस लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बार गलती पर तीन साल तक विज्ञापन करने पर पाबंदी और पचास लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की संसदीय समिति ने भ्रामक प्रचार और विज्ञापन करने पर दो साल की सजा और दस लाख रुपए जुर्माना करने करने की सिफारिश की थी। दोबारा गलती दोहराने पर समिति ने सिलेब्रिटीज पर पांच साल की जेल और पचास लाख रुपए तक जुर्माना करने की सिफारिश की थी। पर फिल्म कलाकार और खिलाडियों ने इस सिफारिशों का विरोध किया था।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि घटिया उत्पाद और खराब सेवा देने वाले उत्पादक पर एक साल की जेल और बीस लाख रुपए का जुर्माने के प्रावधान को बरकार रखा है। जबकि दूसरी बार गलती करने पर पांच वर्ष की जेल और पचास लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है। उपभोक्ता संरक्षण विधेयक-2015 संसद में लंबित है। माना जा रहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक को पारित कराएगी।