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केरल मंदिर हादसाः पीड़ित के शरीर से निकाले कंकरीट के आधा किलो टुकड़े

केरल के कोल्लम स्थित पुत्तिंगल मंदिर में पटाखों के भंडार में आग लगने के बाद हुए विस्फोट में घायल हुए 35 वर्षीय एक आदमी के शरीर से लगभग आधा किलो कंकरीट पत्थर और टुकड़े निकाले गए हैं। केआईएमएस में...

केरल मंदिर हादसाः पीड़ित के शरीर से निकाले कंकरीट के आधा किलो टुकड़े
एजेंसीWed, 13 Apr 2016 02:01 PM
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केरल के कोल्लम स्थित पुत्तिंगल मंदिर में पटाखों के भंडार में आग लगने के बाद हुए विस्फोट में घायल हुए 35 वर्षीय एक आदमी के शरीर से लगभग आधा किलो कंकरीट पत्थर और टुकड़े निकाले गए हैं।

केआईएमएस में भर्ती यह व्यक्ति जीवन रक्षक प्रक्रिया के तहत गुजरा, जिसमें डॉ मोहम्मद नजीर और डॉ मदन मोहन के नेतृत्व वाले एक दल ने उसके शरीर से आधा किलो कंकरीट पत्थर और टुकड़े निकाले।

चिकित्सकों ने कहा, पीड़ित को ऐसी हालत में केआईएमएस लाया गया था कि उसकी चोटें युद्धक्षेत्र में हुए विस्फोट से आई चोटों जैसी थीं। उसे तत्काल सर्जरी के लिए ले जाया गया। सर्जरी तीन घंटे तक चली।

अस्पताल लाए गए एक अन्य पीड़ित के फेफड़ों में किसी बाहरी वस्तु की मौजूदगी पाई गई थी। मरीज की कोहनी क्षतिग्रस्त हो गई थी। डॉ शाहजी पालानगदान और डॉ मोहम्मद नजीर ने उसकी आपात सर्जरी की। सफल ऑपरेशन के जरिए उसकी जिंदगी बचाई जा सकी और अब वह खतरे से बाहर है।

सिर पर कंकरीट का टुकड़ा गिरने से 22 वर्षीय एक व्यक्ति के सिर में भारी चोट आई थी और उसके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा था। इस व्यक्ति को भी अस्पताल में एक बड़ी जीवन रक्षक प्रक्रिया से गुजारा गया।

एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इस व्यक्ति के सुबह साढ़े छह बजे से रात 11 बजे तक 11 बड़े जीवन रक्षक ऑपरेशन किए गए और इसे 25 अन्य प्रक्रियाओं से भी गुजारा गया। ये ऑपरेशन केआईएमएस त्रिवेंद्रम के तीन ऑपरेशन थियेटरों में किए गए, जिन्हें परवूर पीड़ितों के उपचार के लिए अलग रखा गया था।

त्रिवेंद्रम और कोल्लम स्थित केआईएमएस प्रबंधन के दो अस्पताल कई घायलों को समय पर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाने में कामयाब रहे।

समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ एम आई शाहदुल्ला ने रविवार सुबह से ही आपदा प्रबंधन दल का नेतृत्व शुरू कर दिया था। अस्पताल का आपदा प्रबंधन दल किसी भी किस्म की आपदा से निपटने के लिए दिन रात काम कर रहा है। इस दल में वरिष्ठ विशेषज्ञ, विशेष तौर पर प्रशिक्षित चिकित्सीय और नर्सिंग पेशेवर शामिल हैं।

केरल के 100 वर्ष से भी पुराने इस मंदिर में रविवार तड़के हो रही अनधिकृत आतिशबाजी से चिंगारी निकलकर पटाखों से भरे गोदाम में चली गई थी। इसके बाद विस्फोट हो गए थे।

मरने वालों की पहचान के लिए की जायेगी डीएनए जांच
आग में मरने वाले 13 लोगों की पहचान के लिए यहां राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केंद्र (आरजीसीबी) में डीएनए जांच की जायेगी। इन शवों की पहचान अब तक नहीं हो सकी है।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राधाकष्ण पिल्लई ने बताया, जांच की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। आज दोपहर से नमूने मिलने शुरू हो जायेंगे। डीएनए जांच के परिणाम में लगने वाले समय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह इस पर निर्भर करता है कि नमूने कैसे आते हैं हम लोगों को निकट परिजनों के अंगुली के निशानों का डीएनए करना होगा। हम लोग पांच से सात दिन के भीतर परिणाम की आशा करते हैं।

उन्होंने कहा, हम लोग इसे निशुल्क और जितनी जल्दी संभव होगा उतनी जल्दी करेंगे।

कोल्लम के पुलिस आयुक्त पी प्रशांत ने 13 शवों की डीएनए जांच में सहायता के लिए आरजीसीबी से आग्रह किया था। पुलिस को अब तक कोल्लम के पुत्तिंगल देवी मंदिर परिसर में लगी आग में 21 लोगों के लापता होने की शिकायत मिली है। इस भीषण आग में अब तक 113 लोगों की जान जा चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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