इन 2 भारतीय महिलाओं ने किया ऐसा कारनामा, सबके लिए बन गईं मिसाल
भारूलता कांबले बन गई हैं मिसाल.. महिलाएं किसी से कम नहीं ये तो आपने खूब सुना होगा लेकिन 2 भारतीय महिलाओं ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे ये पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गई हैं। पहली हैं हैदर
भारूलता कांबले बन गई हैं मिसाल..
महिलाएं किसी से कम नहीं ये तो आपने खूब सुना होगा लेकिन 2 भारतीय महिलाओं ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिससे ये पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गई हैं। पहली हैं हैदराबाद की रहने वालीं पर्वतारोही नेल्लिमा पुडोता जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर के प्रति अवेयरनेस फैलाने के लिए विजयवाड़ा से विशाखापत्तनम तक करीब 350 किलोमीटर तक नंगे पांव दौड़ लगाई। ऐसे ही मिसाल बन गईं दूसरी महिला हैं, प्रवासी भारतीय भारूलता कांबले। कांबले ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' मिशन के तहत लंदन से भारत तक करीब 32,000 किलोमीटर का लंबा सफर अपनी कार से तय कर सबको चौंका दिया है।
जानिए कौन हैं भारूलता कांबले
भारूलता गुजरात के नवसारी की रहने वाली हैं जो अब ब्रिटेन में रह रहीं हैं। उन्होंने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' मिशन के तहत लंदन से भारत तक करीब 32,000 किलोमीटर का सफर अपनी कार के जरिए तय किया है। गुजरात के नवसारी जिले की रहने वाली प्रवासी भारतीय इस महिला ने अकेले ही लंदन से भारत तक सफर तय किया है। आपको बार दें कि भारूलता ने ये काम भारत में लड़कियों के लिए एक बेहतरीन अस्पताल खोलने का सपना पूरा करने के लिए किया है। बता दें कि वो बीती वह आठ नवंबर को मणिपुर के मारेह चौक पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने नौ पर्वतमालाओं, तीन बड़े मरुस्थल और दो महाद्वीप पार किये। उनकी इस यात्रा को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया जायेगा।
कितना वक़्त लगा इस यात्रा में
करीब 32 देशों की यात्रा करने के बाद भारत पहुंचने वाली 43 वर्षीय भारूलता कांबले का कहना है कि इस यात्रा को तय करने में उन्हें कुल 57 दिन का समय लगा और करीब 32 देशों के लोगों से उनका संपर्क हुआ है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने 32 देशों में इसका संदेश पहुंचाया है। भारूलता कांबले बताती हैं कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने नवसारी में एक बेहतरीन अस्पताल खोलने के लिए इन 32 देशों से फंड भी इकट्ठा किया है। उन्होंने बताया कि नवसारी में उन्होंने अपने दादा को अस्पताल में अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते देखा है, क्योंकि वहां आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं नहीं थीं। उन्होंने कहा कि वह ऐसी पहली महिला हैं, जिसने 57 दिन में 32 हजार किमी का सफर तय किया है।
अगली स्लाइड में जानिए कौन हैं नेल्लिमा पुडोता...

इन 2 भारतीय महिलाओं ने किया ऐसा कारनामा, सबके लिए बन गईं मिसाल
आखिर क्यों लोग मिलना चाहते हैं नेल्लिमा पुडोता से
नेल्लिमा पुडोता एक पर्वतारोही हैं और उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर के प्रति अवेयरनेस के लिए जो काम किया है उसके बाद वो देश भर में चर्चाओं में आ गयी हैं। हैदराबाद की रहने वालीं 30 बर्षीय नेल्लिमा ने विजयवाड़ा से विशाखापत्तनम तक करीब 350 किलोमीटर नंगे पांव दौड़ लगाकर सबको हैरान कर दिया है। नेल्लिमा तब पहली बार चर्चाओं में आईं थीं जब वो इसी साल अप्रैल में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेहद करीब पहुंच गई थीं लेकिन जब वो सिर्फ 200 मीटर दूर थीं उनकी तबियत बिगड़ गई और उन्हें वापस लौटना पड़ा।
नेल्लिमा कहती हैं- 'मैंने नंगे पांव दौड़ने का फैसला सिर्फ इसलिए लिया क्योंकि मेरा मानना है कि मनुष्य जन्म से ही एक रनर होता है। इसलिए नंगे पांव दौड़ लगाना उसके लिए नेचुरल है। हालांकि जब मैंने विजयवाड़ा से विजाग तक नंगे पांव दौड़ने का फैसला लिया तो मशहूर सुपर मॉडल रहे मिलिंद सोमन ने मुझे सैंडल्स इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने मुझसे कहा कि ये मेरी गति को बनाए रखने में मदद करेंगे। यहां तक कि उन्होंने मुझे इसके लिए एक जोड़ी सैंडल्स गिफ्ट में भी दी थीं। मैंने भी सिबह के वक़्त नंगे पांव और शाम के वक़्त सैंडल्स का इस्तेमाल किया क्योंकि रोड काफी गर्म हो जाया करती थीं।' बता दें कि नेल्लिमा ने इस दौड़ के दौरान कई जगह साड़ी भी पहनी जिससे वो शादीशुदा महिलाओं को सेहत के प्रति जागरूक कर सकें।
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