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बजट 2017: Income Tax में बदलाव, जानिए आपका फायदा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2017-18 में मध्यम वर्ग को राहत देते हुए इनकम टैक्स स्लैब में बढ़ोत्तरी की है। अब तीन लाख रुपये तक आय वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देने पड़ेगा। इसके अलावा 3 से 5 ला

लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Feb 2017 05:47 PM

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2017-18 में मध्यम वर्ग को राहत देते हुए इनकम टैक्स स्लैब में बढ़ोत्तरी की है। अब तीन लाख रुपये तक आय वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देने पड़ेगा। इसके अलावा 3 से 5 लाख तक की आय वाले लोगों पर टैक्स 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया।

पढ़ें टैक्स से जुड़ी खास बातें

  • एक करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार बना रहेगा।
  • 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया जाएगा।
  • छोटे कारोबारियों के लिए अनुमानित कर देनदारी के लिए कारोबारी सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये की गई।
  • छोटी कंपनियों के कॉरपोरेट टैक्स को 5% घटाया गया। अब 30 फीसदी की जगह देना होगा 25% टैक्स।
  • पांच लाख तक की आय वालों को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय सिर्फ एक पेज का फॉर्म भरना होगा। पहली बार रिटर्न भरने वालों को एक साल तक स्क्रूटिनी से छूट मिलेगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुये कहा कि नोटबंदी के बाद वेतनभोगियों को उम्मीद थी कि उन पर टैक्स का बोझ कम होगा। सरकार ने उनकी उम्मीद पूरी करते हुए पांच लाख रुपये के स्लैब में आयकर की दर 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। जेटली ने कहा कि इससे सरकार को 15,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।

अगली स्लाइड में पढ़ें वित्त मंत्री ने क्या कहा 

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जेटली ने कहा कि देश में 3.7 करोड़ लोग आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। इनमें 99 लाख लोग अपनी आमदनी ढाई लाख रुपये से कम दिखाते हैं यानी वे आयकर के दायरे से बाहर हैं। डेढ़ करोड़ लोग अपनी आमदनी ढाई लाख रुपये से पांच लाख रुपये के बीच, 52 लाख लोग पांच लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच और सिर्फ 25 लाख अपनी आमदनी 10 लाख रुपये से अधिक दिखाते हैं।

उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से कर चोरी की जा रही है जिससे ईमानदार करदाताओं पर कर का बोझ ज्यादा पड़ता है। पचास लाख रुपये से अधिक की आमदनी दिखाने वालों की संख्या सिर्फ 1.72 लाख है जबकि कारों की बिक्री तथा विदेश यात्रा के आंकड़े काफी ज्यादा हैं। जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में अप्रैल से दिसंबर के बीच प्रत्यक्ष कर संग्रह 34.8 प्रतिशत बढ़ा है जो आज से पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि इसमें नोटबंदी का भी काफी योगदान है क्योंकि लोगों ने बड़ी मात्रा में अग्रिम कर जमा कराये हैं।

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