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Hindi Newsमनुष्य की महत्वाकांक्षा से पर्यावरण का क्षरण बढ़ा : एचटी समिट पर बोले सदगुरु

मनुष्य की महत्वाकांक्षा से पर्यावरण का क्षरण बढ़ा : एचटी समिट पर बोले सदगुरु

आध्यात्मिक विचारक सदगुरु ने आगाह किया है कि सब कुछ पा लेने की मनुष्य की महत्वाकांक्षा ने धरती के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है। हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में शुक्रवार को उन्होंने मानवता...

मनुष्य की महत्वाकांक्षा से पर्यावरण का क्षरण बढ़ा : एचटी समिट पर बोले सदगुरु
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 02 Dec 2016 10:33 PM
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आध्यात्मिक विचारक सदगुरु ने आगाह किया है कि सब कुछ पा लेने की मनुष्य की महत्वाकांक्षा ने धरती के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है। हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में शुक्रवार को उन्होंने मानवता को बचाने के लिए पर्यावरण रक्षा की पुरजोर वकालत की।

सदगुरु ने कहा, ‘पिछले सैकड़ों वर्षों में मनुष्य ने असीम क्षमता हासिल की है। हमने धरती का चेहरा बदल दिया है। युद्ध, विनाश, पर्यावरण क्षरण सब मनुष्य की महत्वाकांक्षा का परिणाम है। इसका मतलब है कि हमारा विश्वास और हमारी विजय पताका हमारे ही खिलाफ जा रही है। अगर हमारे दुश्मन हमें नष्ट करते तो यह समझा जा सकता था, लेकिन अगर हमारी क्षमता और महत्वाकांक्षा यह काम कर रही है।’

सदगुरु ने पर्यावरण, ग्रामीण शिक्षा और योग के प्रसार के लिए एनजीओ ईशा फाउंडेशन की स्थापना की है। उन्होंने अफसोस जताया कि धरती पर जीवनदायक वस्तुओं को एक सामान मान लिया गया है, सांस लेनी हवा और पेट भरने वाले भोजन पर भी हम विजय पाना चाहते हैं। यह उसी तरह है कि हम जिस डाल पर बैठे हैं, उसी को काट रहे हैं।

मैं नोटबंदी का समर्थन करता हूं। यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा कदम है। हमारे देश की 60 फीसदी रकम छिपी हुई है और इस कदम से करीब 40 फीसदी तो वापस आ ही जाएगी। मैं बहुत समय से विकासशील देश हैं, अब हमें विकसित देश बनना चाहिए। -सदगुरु, आध्यात्मिक विचारक

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