अघोषित संपत्ति पर टैक्स और जुर्माना चुकाने की समयसीमा बढ़ी
सरकार ने गुरुवार को अघोषित संपत्ति की घोषणा करने वालों को राहत देते हुए कर और जुर्माना के भुगतान की समय सीमा बढ़ा दी है। सरकार ने कालाधन घोषणा योजना के तहत कर और जुर्माना के भुगतान की समय सीमा बढ़ाकर...
सरकार ने गुरुवार को अघोषित संपत्ति की घोषणा करने वालों को राहत देते हुए कर और जुर्माना के भुगतान की समय सीमा बढ़ा दी है। सरकार ने कालाधन घोषणा योजना के तहत कर और जुर्माना के भुगतान की समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर 2017 कर दी है। साथ ही, अब आय घोषणा योजना 2016 के तहत कर और जुर्माने के भुगतान को तीन किस्तों में चुकाने की छूट भी दी है।
इससे पहले, कालाधन खुलासा योजना के तहत कर, जुर्माना और अधिभार का भुगतान 30 नवंबर 2016 तक किया जाना था।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, आय घोषणा योजना के भागीदारों के समक्ष आने वाली व्यावहारिक दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए भुगतान की समयसीमा में बदलाव किया गया है। मंत्रालय ने इस योजना को लेकर देश के कई हिस्सों में बैठक व संगोष्ठियां की हैं। इन बैठकों में भागीदारों ने यह चिंता जताई कि कर आदि के भुगतान की समयावधि कम है। उद्योग संगठनों, चार्टर्ड एकाउंटेंटों और कर पेशेवरों ने पिछले महीने वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ अपनी बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था।
बता दें कि आय घोषणा योजना (आईडीएस) की घोषणा 2016-17 के बजट में की गई थी। योजना के तहत घोषणा की अवधि 30 सितंबर को खत्म हो जाएगी। इसके तहत, देश के भीतर कालाधन रखने वाला कोई भी व्यक्ति अघोषित संपत्ति की घोषणा कर सकता है, जिस पर वह कर और जुर्माने सहित कुल 45 प्रतिशत कर का भुगतान कर अपनी स्थिति पाक साफ कर सकता है। इसके बाद वह परेशानी और दंडात्मक कार्रवाई से बच सकता है।
तीन किस्तों में कर सकेंगे भुगतान
- 25 प्रतिशत राशि 30 नवंबर 2016 तक
- 25 प्रतिशत राशि 31 मार्च 2017 तक
- 50 प्रतिशत राशि 30 सितंबर 2017 तक
अघोषित आय से कर अदायगी नहीं
सरकार ने गुरुवार को स्पष्ट किया आयकर अनुपालन की एक समय के लिए दी जा रही सुविधा का उपयोग करने वाले व्यक्ति अपनी देनदारी कम करने के लिए अघोषित आय से कर एवं जुर्माना अदा नहीं कर सकते। ऐसा करने वालों के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी। आयकर विभाग ने कुछ सावालों को लेकर गुरुवार को आईडीएस से जुड़े सवालों पर चौथा स्पष्टीकरण जारी किया। विभाग से स्पष्टीकरण मांगा गया था कि क्या इस योजना के तहत बिना आय की घोषणा किए अघोषित परिसंपत्ति में से भुगतान किया जा सकता है। इस तरह की छूट से इस योजना के तहत कर, अधिभार और जुर्माने की दी प्रभावी दर 45 प्रतिशत से घटकर करीब 31 प्रतिशत रह जाएगी।
तीन लाख से ज्यादा के नकद लेनदेन पर रोक लगे
अर्थव्यवस्था में कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए तीन लाख रुपये से अधिक राशि के नकद लेनदेन पर रोक लगाए जाने की सिफारिश कालेधन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने की है। एसआईटी ने व्यक्तिगत स्तर पर 15 लाख से ज्यादा नकद राशि रखने पर भी रोक लगाए जाने का सुझाव शीर्षस्थ अदालत को दिया है।
सेवानिवृत्त जस्टिस एमबी शाह की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी पांचवी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें अर्थव्यवस्था में कालेधन को कम करने के लिए ये सुझाव दिए गए हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि नकद लेनदेन को लेकर विभिन्न देशों में किए गए उपायों, न्यायालयों की रिपोर्टों और टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए एसआईटी का यह मत है कि नकद लेनदेन की ऊपरी सीमा तय की जानी चाहिए।