AIADMK के दो धड़े: अन्नाद्रमुक अम्मा को 'हैट', दूसरे को 'बिजली का खंभा'
तमिलनाडु में सत्ताधारी दल अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न को जब्त करने के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम और शशिकला धड़े को नया चुनावी सिंबल जारी किया। शशिकला धडे़ को हैट और...
तमिलनाडु में सत्ताधारी दल अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न को जब्त करने के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम और शशिकला धड़े को नया चुनावी सिंबल जारी किया। शशिकला धडे़ को हैट और पन्नीरसेल्वम धडे़ को बिजली का खंभा दिया है।
पन्नीरसेल्वम धडे़ को पार्टी का नाम अन्नाद्रमुक पुराची थलईवी अम्मा मिला है जबकि शशिकला धडे़ को अन्नाद्रमुक अम्मा मिला है।
#FLASH: Sasikala faction allotted 'hat' symbol with the name AIADMK Amma by Election Commission. pic.twitter.com/XLCyFUoItg
— ANI (@ANI_news) March 23, 2017
शशिकला धडे़ ने अपने लिए हैट सिंबल मांगा था, इस पर पार्टी के नेता एम थंबीदुरई ने कहा कि यह सिंबल अस्थायी है। दो पत्ती वाला सिंबल वापस उनकी ही पार्टी को मिलना है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बुधवार को तमिलनाडु में सत्ताधारी दल अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न दो पत्ती को जब्त कर लिया था। पन्नीरसेल्वम और शशिकला धड़े के बीच पार्टी पर कब्जा करने की कोशिश हो रही है।
चुनाव आयोग ने कहा था कि पार्टी के चुनाव चिह्न का अब कोई धड़ा इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
इससे पहले शशिकल कैंप और पन्नीरसेल्वम गुट ने चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने के लिए वकीलों की टीम को भेजी थी। शशिकला कैंप ने दो पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली और सलमान खुर्शीद समेत पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल मोहन प्रसन्ना को भेजा था। वहीं पन्नीरसेल्वम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील सी एस वैद्यनाथन, एस कृष्णकुमार और बी श्रीनिवासन पेश हुए थे।
आपको बता दें कि दोनों ही धड़े 12 अप्रैल को आरके नगर विधानसभा उपचुनाव एआईएडीएमके के चिह्न पर लड़ना चाहते थे और उन्होंने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। उपचुनाव के लिए 23 मार्च नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है। पार्टी चुनाव चिह्न के लिए चल रही लड़ाई के बीच 17 मार्च को पन्नीरसेलवम खेमे ने चुनाव आयोग को एक याचिका देकर दो पत्ती चिह्न उसे आवंटित करने का अनुरोध किया था।
इससे एक दिन पहले शशिकला खेमे के एक प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी नेता और लोकसभा उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई के जरिए चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंप कर बागी सदस्यों की मांग पर विचार नहीं करने को कहा था, जिन्होंने एआईएडीएमके के चिह्न पर दावा किया है। आयोग ने पन्नीरसेलवम खेमे से 20 मार्च तक अपने दावे का समर्थन करने वाले दस्तावेज भी मांगे थे।
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