राष्ट्रपति पर सवाल न उठाएं केजरीवाल: भाजपा
संसदीय सचिव संबंधी विधेयक को अस्वीकार करने पर राष्ट्रपति कार्यालय की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार करते हुए भाजपा ने आज आरोप लगाया कि वह बिना...
संसदीय सचिव संबंधी विधेयक को अस्वीकार करने पर राष्ट्रपति कार्यालय की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार करते हुए भाजपा ने आज आरोप लगाया कि वह बिना किसी कारण के ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने की आशक्ति से ग्रस्त हो गये हैं।
भाजपा प्रवक्ता डा़ संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल हताश हो गये हैं क्योंकि उनकी उड़ान भरती आकांक्षा ध्वस्त हो गई है। उन्हें राष्ट्रपति के फैसले को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए पात्रा ने कहा, भारत के राष्ट्रपति और चुनाव आयोग का कार्यालय एक स्वतंत्र संस्था हैं और उनकी काफी विश्वसनीयता है।
आपकी (केजरीवाल) कुछ राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हो सकती हैं, लोकतांत्रिक प्रणाली में यह सही भी है लेकिल भगवान के लिए भारत के राष्ट्रपति की विश्वसनीयता को कमतर नहीं करे क्योंकि अंतत: आप इस देश के लोकतंत्र को कमतर करेंगे।
केजरीवाल ने विधेयक को नामंजूर किये जाने के मुद्दे पर आज सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा, आप से डरती है और दिल्ली में पराजय को नहीं पचा पाई है।
यह पूछे जाने पर कि विधेयक नामंजूर करने में प्रधानमंत्री की क्या भूमिका हो सकती है जबकि इस विधेयक को राष्ट्रपति ने अस्वीकार किया है, केजरीवाल ने कहा, राष्ट्रपति कोई निर्णय नहीं करते हैं। संभवत: फाइल उनके पास भी नहीं जाती है। निर्णय सरकार और गह मंत्रालय करता है।
बहरहाल, भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 21 विधायकों को आयोग्य ठहराने का मुददा राष्ट्रपति और चुनाव आयोग के समक्ष है। पात्रा ने कहा, यह मुददा भाजपा के पास नहीं है। हमें इस बारे में कुछ नहीं करना है। उन्होंने साथ ही याद दिलाया कि इस मामले में शिकायतकर्ता एक स्वतंत्र वकील हैं।
उन्होंने कहा कि 2006 में तैयार कानून के तहत दिल्ली एक संसदीय सचिव की पात्रता रखता है और केजरीवाल को 21 विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त करने से पहले इसमें संशोधन करना सुनिश्चित करना चाहिए था। पात्रा ने कहा, लेकिन वे पिछली तिथि से इसमें संशोधन करने का प्रयास कर रहे हैं और रंगे हाथ पकड़े गए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल काम नहीं कर रहे हैं और केवल दूसरों पर निशाना साधने में लगे हैं और सुबह से शाम तक वह अपने मंत्रियों के साथ मोदी की आशक्ति से ग्रस्त रहते हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में आप के विधायक देश में सबसे अधिक वेतन पाने वाले विधायकों में शामिल हैं और उनके वेतन में 400 प्रतिशत की वद्धि की गई।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली विधानसभा सदस्य कानून 1997 में एक संशोधन करने की पहल की थी। विधेयक के जरिए आप सरकार संसदीय सचिवों के लिए अयोग्यता प्रावधानों से पूर्व प्रभावी छूट चाहती थी। उपराज्यपाल नजीब जंग ने विधेयक केंद्र को भेज दिया था। केंद्र ने अपनी टिप्पणियों के साथ इसे राष्ट्रपति को भेज दिया था। आधिकारिक सूत्रों ने कल बताया कि मुददे की समीक्षा करने के बाद राष्ट्रपति ने विधेयक को अपनी मंजूरी नहीं दी है। केजरीवाल ने 13 मार्च 2015 को अपनी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त करने का आदेश पारित किया था।