भारत के तेवर कड़ेः चीन अंदरूनी मामलों में दखल न दे, अरूणाचल हमारा
तिब्बती बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा की तवांग यात्रा को लेकर चीन की आपत्ति करने पर भारत ने कड़े तेवर दिखाए हैं। भारत ने चीन से कहा है कि वह हमारे अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे क्योंकि...
तिब्बती बौद्ध धर्मगुरू दलाई लामा की तवांग यात्रा को लेकर चीन की आपत्ति करने पर भारत ने कड़े तेवर दिखाए हैं। भारत ने चीन से कहा है कि वह हमारे अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे क्योंकि अरूणाचल प्रदेश हमारा अभिन्न हिस्सा है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने मंगलवार को कहा कि दलाई लामा की अरूणाचल यात्रा पूरी तरह धार्मिक है और इसका कोई राजनीतिक तात्पर्य नहीं निकाला जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक चीन नीति का सम्मान करता है, हम चीन से भी इसी तरह की उम्मीद करते हैं।
India never interfere into the internal affairs of China.We expect that China also should not interfere in our internal matter: Kiren Rijiju pic.twitter.com/LXyVfxeoWp
— ANI (@ANI_news) April 4, 2017
उन्होंने कहा कि सभी समुदाय के धार्मिक भावनाओं को स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। किसी को भी दलाई के अरूणाचल दौरे से कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
गौरतलब है कि दलाई लामा चार से 13 अप्रैल तक अरूणाचल प्रदेश का दौरा करेंगे। उनकी यात्रा को देखते हुए वेस्ट कमेंग जिले के बोमडिला में स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। उनका का यह दौरा उस वक्त हो रहा है जब कई मुद्दों को लेकर भारत—चीन संबंधों में तनाव चल रहा है।
चीन—पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के प्रयास को अवरूद्ध करने तथा जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के कदम को बीजिंग द्वारा रोकने को लेकर भारत—चीन संबंधों में तनाव आया है।
दलाई लामा का तवांग दौरे को देखते हुए चीन ने अपने कान खड़े कर लिए हैं तथा वह इस पर पैनी नजर रखे हुए है।
चीन ने रविवार रात कहा था कि दलाई लामा 1959 में भारत गए और वह अलगाववादी गतिविधि में शामिल रहे हैं।
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