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2050 में भारत बन जाएगा दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश

अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, वर्ष 2050 तक दुनिया में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा भारत में होगी। इस समय विश्व में सबसे बड़ा संप्रदाय ईसाई समुदाय है और इसके बाद इस्लाम धर्म आता है। अभी...

2050 में भारत बन जाएगा दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 04 Mar 2017 11:04 PM
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अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, वर्ष 2050 तक दुनिया में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा भारत में होगी। इस समय विश्व में सबसे बड़ा संप्रदाय ईसाई समुदाय है और इसके बाद इस्लाम धर्म आता है। अभी विश्व की कुल मुस्लिम आबादी का 62 फीसदी हिस्सा एशिया पेसिफिक में रहता है।

मुस्लिम आबादी के मामले में इंडोनेशिया पहले स्थान पर है और भारत दूसरे स्थान पर आता है। बांग्लादेश तीसरे और ईरान चौथे नंबर पर आता है। लेकिन प्यू रिचर्स के मुताबिक, 2050 में हिंदू बहुल राष्ट्र भारत में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा होगी। इतना ही नहीं विश्व में मुस्लिम आबादी सबसे अधिक होगी। वर्ष 2050 तक मुस्लिम जनसंख्या 300 मिलियन के पार हो जाएगी।

प्यू के मुताबिक, आने वाले दशकों में दुनिया की आबादी में 35 फीसदी वृद्धि होने की संभावना है और 2050 तक मुस्लिम आबादी में 73 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है। वहीं ईसाई धर्म की आबादी 35 फीसदी और हिंदू धर्म की आबादी में 34 फीसदी की वृद्धि होगी।

इस हिसाब से 2050 तक दुनिया में 2.8 अरब मुस्लिम जनसंख्या की संभावना जताई गई है। वहीं 2050 तक हिन्दू जनसंख्या 1.3 बिलियन और ईसाई आबादी 35 मिलियन तक पहुंच जाएगी। वहीं दुनियाभर के अन्य धर्मों के मुकाबले मुस्लिम युवाओं की औसत आयु (30 साल) होगी। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुमान के अनुसार, साल 2050 तक यूरोप की मुस्लिम आबादी में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं अमेरिका में 2050 तक मुस्लिम आबादी कुल जनसंख्या का 2.1 प्रतिशत हो सकती है। अभी अमेरिका में मुस्लिम आबादी करीब एक प्रतिशत है।

मुस्लिम देशों से दूसरे देशों में जाने वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से भी अन्य देशों में मुस्लिम आबादी बढ़ेगी। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, मुसलमानों की आबादी बढ़ने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला, मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर बाकी धर्मों से ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर मुस्लिम महिला के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं जबकि बाकी धर्मों का ये औसत 2.3 है।

रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि, उनके माइग्रेशन और आईएस जैसे आतंकी संगठनों की हिंसक कार्रवाई ने कई देशों में इस धार्मिक समूह को डिबेट के बीच खड़ा कर दिया है। यह खबर अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट पर आधारित है।

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