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Hindi Newsबदली जा सकती है मेमन की फांसी की तारीख, फांसी का एनसीपी और सपा ने किया विरोध

बदली जा सकती है मेमन की फांसी की तारीख, फांसी का एनसीपी और सपा ने किया विरोध

मुंबई में वर्ष 1993 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके के दोषी और मुख्य आरोपी फरार टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन के फांसी की जगह और तारीख बदली जा सकती है। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया जा सकता है। नागपुर...

बदली जा सकती है मेमन की फांसी की तारीख, फांसी का एनसीपी और सपा ने किया विरोध
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 15 Jul 2015 09:21 PM
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मुंबई में वर्ष 1993 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके के दोषी और मुख्य आरोपी फरार टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन के फांसी की जगह और तारीख बदली जा सकती है। ऐसा सुरक्षा कारणों से किया जा सकता है।

नागपुर सेंट्रल जेल जहां याकूब मेमन कैद है वहां का जेल प्रशासन फांसी की तैयारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसे 30 जुलाई फांसी दी जानी है। पर अब इस कार्यक्रम में बदलाव हो सकता है। 

सूत्रों के मुताबिक याकूब को पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की तरह फांसी देने की तैयारी की गई है। वैसे नागपुर के जेल में फांसी दिए जाने की सुविधा है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा सप्ताह की शुरुआत में जारी डेथ वारंट के बाद से ही जेल में उसे फांसी दिए जाने की तैयारी की जा रही है। मेमन के परिवार को डेथ वारंट के बारे में बता दिया गया है। नियम के मुताबिक फांसी से 15 दिन पूर्व परिवार को सूचना देना जरूरी है। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नागपुर जेल में याकूब को 30 जुलाई को सुबह सात बजे फांसी पर लटकाए जाने की संभावना है। इस संबंध में नागपुर जेल प्रशासन को आदेश पत्र भेजा गया है। लेकिन याकूब ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरटिव याचिका दायर की है जिस पर 21 जुलाई को फैसला आना है।

सपा नेता अबू आसिम आजमी ने तो याकूब को बेगुनाह बताते हुए कहा कि याकूब को फांसी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने याकूब की फांसी की तारीख जाहिर होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे पहले कसाब और अफजल गुरू को फांसी दी गई। फांसी देने के बाद यह जानकारी सार्वजनिक की गई थी। लेकिन याकूब के मामले में राज्य सरकार पहले से घोषणा करके सांप्रदायिक माहौल गरम कर रही है। 

सूत्रों का कहना है कि याकूब की दया याचिका को राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही नकार दिया है। इस वजह से उसकी क्यूरिटव याचिका पर नकारात्मक फैसला आने की उम्मीद की जा रही है। वैसे, सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की फांसी पर रोक नहीं लगाई है। सूत्रों के मुताबिक याकूब को पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की तरह फांसी देने की तैयारी की गई है।

21 जुलाई को पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई
मुंबई धमाके में दोषी करार 53 साल के याकूब मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में में दूसरी बार पुनर्विचार याचिका ( क्यूरेटिव पेटिशन) दाखिल कर रखी है, जिसकी सुनवाई 21 जुलाई को हो सकती है।

1993 के मुंबई धमाकों का गुनाहगार
याकूब मेमन पर पर मुंबई में 1993 में हुए 13 सिलसिलेवार बम धमाकों को अंजाम देने वालों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने सहित कई आरोप साबित हुए थे। 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए धमाकों 257 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 700 से अधिक घायल हुए थे।

2007 में ठहराया गया था दोषी
याकूब मेमन को मुंबई की विशेष टाडा अदालत ने 27 जुलाई 2007 में दोषी ठहराया था। मेनन ने निचली अदालत के फैसले को बंबई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन यहां भी उसे निराशा हाथ लगी। बाद में उसने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद उसने सर्वोच्च न्यायालय में उसने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। यहां से उसे राहत नहीं मिली, जिसके बाद उसने न्यायालय में दूसरी बार पुनर्विचार याचिका दायर की है।

पेशे से चार्टड एकाउंटेंट है याकूब
पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन। वह मुंबई धमाके के मुख्य साजिशकर्ता टाइगर मेमन का छोटा भाई है, जो फिलहाल फरार है। वह अपने भाई टाइगर का गैर कानूनी एकाउंट्स संभालता था। वह अपने परिवार में सबसे पढ़ा-लिखा है। धमाके से पहले आरोपियों को पाकिस्तान जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग के लिए धन का इंतजाम याकूब ने ही किया था।

होगी पहली फांसी
1994 में काठमांडू हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था याकूब को
06 फ्लैट्स खरीदे थे याकूब ने अल हुसैनी बिल्डिंग में
22 साल बाद मुंबई धमाकों में हो सकती है पहली फांसी
123 लोग आरोपी बनाए गए थे मुंबई के धमाके में
2004 में आई फिल्म 'ब्लैक फ्राइडे' में याकूब मेमन का चित्रण किया गया था।
2014 मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की फांसी की सजा बरकरार रखी।
2015 अप्रैल में राष्ट्रपति ने याकूब की दया याचिका खारिज की।

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