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Hindi NewsVIDEO: इन 10 कारणों से दिल्ली मेट्रो से बेहतर है जयपुर मेट्रो

VIDEO: इन 10 कारणों से दिल्ली मेट्रो से बेहतर है जयपुर मेट्रो

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज मेट्रो रेल को हरी झंडी दिखाकर जयपुर शहर को नई पहचान दी। मानसरोवर मेट्रो स्टेशन पर आज काफी गहमा गहमी रही तथा बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री,...

VIDEO: इन 10 कारणों से दिल्ली मेट्रो से बेहतर है जयपुर मेट्रो
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 03 Jun 2015 09:10 PM
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राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज मेट्रो रेल को हरी झंडी दिखाकर जयपुर शहर को नई पहचान दी। मानसरोवर मेट्रो स्टेशन पर आज काफी गहमा गहमी रही तथा बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री के साथ मंत्री, सांसद, विधायक एवं पार्टी कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।

राजे ने सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर हरी झंडी दिखाने से पहले मेट्रो कंट्रोलरुम एवं यार्ड का निरीक्षण कर पट्टिका का लोकार्पण किया। इसके बाद राजे उसी ट्रेन में बैठकर चांदपोल स्टेशन पहुंची। मानसरोवर से चांदपोल तक नौ किलोमीटर का लंबा सफर 23 मिनट में पूरा हुआ। बाद में वह लौटकर सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर उतर गई। राजे ने मेट्रो में सफर के लिए पंद्रह रुपये का टिकट खरीदा था।

इस अवसर पर राजे को मेट्रो रेल की प्रतिकृति भेंट की गई। राजे ने मेट्रो की लोको पायलट को पहला सफर तय करने के लिए बधाई भी दी। मेट्रो रेल के उदघाटन के बाद दोपहर दो बजे से यात्रियों के लिये पहली मेट्रो रेल चलेगी, जो चांदपोल तक जायेगी। हर दस मिनट के अन्तराल में मेट्रो रात नौ बजे तक चलेगी।

कांग्रेस शासन में मेट्रो रेल को दो चरणों में चलाने की योजना तैयार की गई थी। इनमें पहले चरण में मानसरोवर से बड़ी चौपड़ का था, जिसमें चांदपोल तक ही लाइन डालने का काम पूरा हुआ है। बड़ी चौपड़ तक का काम जून 2018 तक पूरा होने की उम्मीद है। मेट्रो के चांदपोल तक पहले चरण में 2,023 करोड़ रुपये का खर्च आया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जयपुर मेट्रो के 24 चालकों में पांच महिला चालक शामिल हैं।

इसके साथ ही जयपुर मेट्रो के सफर वाला देश का छठा शहर बन गया है। उदघाटन के बाद बुधवार को दोपहर दो बजे से आम यात्रियों के लिए मेट्रो शुरू हो जाएगी। जयपुर मेट्रो मानसरोवर क्षेत्र से परकोटे के बाहर चांदपोल गेट तक चलेगी। इसके बाद के सफर के लिए परकोटे में खुदाई चल रही है। इसमें रेलवे स्टेशन और अंतरराज्यीय बस अड्डा भी आएंगे, यानी जयपुर के बाहर से आने वाले यात्री भी मेट्रो का सफर कर गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।

खास बात यह है कि जयपुर मेट्रो का सफर देश की अन्य सभी मेट्रो से ज्यादा सुरक्षित और ज्यादा आरामदायक होगा। जयपुर मेट्रो में कई ऐसी सुविधाएं जो कि अन्य शहरों की मेट्रो में नहीं है। आइये आपको बताते हैं जयपुर मेट्रो में क्या है खास...

पावरफुल डिस्क ब्रेक
आपने अन्य शहरों की मेट्रो में कई झटके झेले होंगे, लेकिन जयपुर मेट्रो में ऐसे डिस्क ब्रेक लगे हैं, जिससे आपको झटके नहीं लगेंगे। इससे व्हील्स बबलिंग नहीं करते, झटका नहीं लगता। इससे आपकी यात्रा आसान और आरामदायक होगी।

स्मॉर्ट ऑप्शन
आपात स्थिति में यात्रियों का मेट्रो ट्रेन के ड्राइवर से सीधा संपर्क हो सकेगा। ट्रेन के हर कोच में प्रत्येक गेट के पास एक-एक स्मार्ट फोन लगाया गया है। फोन के साथ एक कैमरा भी लगा है। संचालन का तरीका भी यहां लिखा हुआ है। किसी भी घटना, विशेष परिस्थिति के दौरान यात्री इसका उपयोग कर सकेंगे।

स्मोक प्रूफ है मेट्रो
जयपुर मेट्रो ट्रेन को पूर्णत: स्मोक प्रूफ बनाया गया है। जैसे ही कहीं जरा भी धुआं जैसी स्थिति बनेगी, फायर फाइटिंग सिस्टम काम करने लगेगा। जिससे सिगरेट या बीड़ी पीने वाले के बारे में पता चल जाएगा और उस पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अगर आग जाती है तो आग पर जल्द ही नियंत्रण हो सकेगा।

स्पीड के साथ पिकअप भी लाजवाब
जयपुर मेट्रो का पिकअप भी दिल्ली मेट्रो से अधिक है। जयपुर मेट्रो में बोल्स्टर लेस बोगी है। यह सिस्टम 9 तरह के वाइब्रेशंस को सहन कर जाता है, जिससे ट्रेन की स्पीड बढ़ जाती है और इसका पिकअप भी दिल्ली मेट्रो के मुकाबले ज्यादा है।

किराये की उत्तम व्यवस्था
जयपुर मेट्रो में किराए को लेकर भी काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। मेट्रो में 5 रुपये की सबसे सस्ती टिकट है और 15 रुपये की सबसे महंगी टिकट होगी। साथ ही बाद में अधिक भीड़ के आधार पर भी मेट्रो का टिकट तय किया जाएगा।

ट्रेन भिड़ने से खतरा नहीं
जयपुर मेट्रो की ट्रेन में एक ऐसा सिस्टम लगाया है जिसके आधार पर एक अगर एक ट्रेन दूसरी ट्रेन से भिड़ जाती है तो वो आपस में चिपक जाएगी। इससे ज्यादा नुकसान नहीं होगा। साथ ही जयपुर मेट्रो के आगे और पीछे के कोच में कोलिजन बीम लगाए गए हैं। इसके कारण टकराने पर मेट्रो कभी ट्रैक से नहीं उतरेगी।

ऑपरेटिंग सिस्टम है ऑटोमेटिक
जयपुर मेट्रो में ट्रेन ऑपरेटिंग सिस्टम पूरी तरह ऑटोमेटिक है। इसमें दो ऑपरेटर होंगे, जो सिस्टम पर निगरानी रखेंगे। पूरा कंट्रोल डिपो स्थिति कंट्रोल रूम व आपरेटर के पास रहेगा। ऐसे में दुर्घटना की संभावना भी कम होगी।

गेट पर लगे होंगे सीसीटीवी
जयपुर मेट्रो ट्रेन के गेट पर सीसीटीवी लगे हैं, जिस पर ट्रेन के ड्राइवर नजर रखेंगे और उसे देखकर ही वो ट्रेन चलाएंगे। जिससे यात्री अपने आप को ज्यादा महफूज करेंगे।

स्टेशन के साथ अन्य जानकारी भी
अन्य शहरों की मेट्रो में लगी एलसीडी में केवल स्टेशन के बारे में ही बताया जाता है, लेकिन जयपुर मेट्रों में आपकी मंजिल के साथ साथ अन्य जानकारी भी दी जाएगी और शहर के बारे में बताया जाएगा।

इको फ्रेंडली और पॉवर जनरेशन
जयपुर मेट्रो ट्रेन ईको फ्रेंडली भी है। मेट्रो में ऐसे उपकरण लगाए हैं, जिससे पॉवर की खपत कम से कम होगी। साथ ही मेट्रो में पॉवर जनरेशन के उपकरण लगाए गए हैं। साथ ही इसके पिलर ऐसे है जिनमें जल सरंक्षण का सिस्टम बनाया गया है। जिससे बारिश के पानी को बचाया जा सकता है।

 

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