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आतंकवादियों को समर्थन करना बंद करे पाकिस्तान: राजनाथ

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए आज कहा कि यदि पड़ोसी देश आतंकवादियों को समर्थन देना बंद कर दे, तो दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा। सिंह...

Admin Thu, 19 March 2015 01:22 PM
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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए आज कहा कि यदि पड़ोसी देश आतंकवादियों को समर्थन देना बंद कर दे, तो दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा। सिंह ने साथ ही कहा कि खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस भारतीय मुसलमानों को अपनी ओर आकर्षित करने में इसलिए असफल रहा है क्योंकि वे पूरी तरह से मुख्यधारा में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान देशभक्त हैं और किसी चरमपंथी विचारधारा के बहकावे में नहीं आए हैं। चरमपंथ उनकी प्रकति नहीं है।

गृह मंत्री ने कहा कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों का सबसे बड़ा स्रोत सीमा पार है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वयं इतनी बड़ी कीमत चुकाने के बाद भी पाकिस्तान और उसके साथियों को यह समझने में मुश्किल हो रही है कि अच्छे या बुरे आतंकवादी जैसा कुछ नहीं है।

राजनाथ ने आतंकवाद रोधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उदघाटन करने के बाद कहा कि आतंकवादियों के बीच अच्छे या बुरे वर्ग के आधार पर फर्क करने का विचार बुरी तरह असफल रहा है। यदि आईएसआई और पाकिस्तानी सेना आतंकवादी संगठनों को समर्थन देना बंद कर दें, तो मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार होगा।

गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को छदम युद्ध के माध्यम के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करने की अपनी रणनीति पर गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए और यह उसके स्वयं के राष्ट्रीय हित में होगा। उन्होंने कहा कि भारत पिछले कई दशकों से सीमा पार से आतंकवाद का शिकार रहा है। सीमा पार से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को संरक्षण मिला है। इन संगठनों ने भारतीय जमीन पर कई आतंकवादी करतूतों को अंजाम दिया है।

सिंह ने कहा कि आज की डिजिटल दुनिया में आतंकवाद का खतरा काफी बढ़ गया है और अब विश्व के एक कोने की घटना से हजारों मील दूर भी तत्काल प्रतिक्रिया हो सकती है और जहां कोई एक खुराफाती दिमाग ऑनलाइन जाकर यह जान सकता है कि घर से बाहर निकले बिना हमला कैसे किया जाता है। उन्होंने आईएसआईएस का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय युवाओं पर इस्लामिक स्टेट का प्रभाव नगण्य है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी खुफिया एजेंसियों के अनुसार केवल मुट्ठीभर भारतीय युवक आईएसआईएस में शामिल हुए हैं और कुछ अपने परिवार द्वारा समझाने के बाद घर लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि भारत को एक देश के तौर पर अपनी विविधता पर गर्व है और यहां इंडोनेशिया के बाद दूसरे नंबर पर विश्व की सर्वाधिक मुस्लिम आबादी रहती है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत मुस्लिमों के सभी 73 फिरकों का घर है और यहां एक ऐसा गिरजाघर है जो मानव इतिहास के सबसे पुराने गिरजाघरों में से एक है। हम सदियों से शांतिपूर्ण सह अस्तित्व का दर्शन अपना रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि कई आतंकवादी अपनी मान्यताओं और कामों का प्रचार करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने में दक्ष हैं। वे अतिसंवेदनशील मन वाली वहद जनसंख्या तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर आधुनिक तकनीक इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा, उनका ऑनलाइन प्रचार युवकों को कटटर बना रहा है। यह चिंता का विषय है कि वे सीधे साधे लोगों के दिमागों में जहरीले उकसावे के बीज बो रहे है और उन्हें दूसरों के प्रति बेरहमी से असहिष्णु और हिंसक बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

तीन दिवसीय इस सम्मेलन में आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों में अवैध आव्रजन एवं सीमा सुरक्षा, साइबर स्पेस, सोशल मीडिया एवं आतंकवाद और आतंक व्यापार हथियार, नशीले पदार्थ एवं नकली मुद्रा जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लै, पूर्व सेना प्रमुख जनरल (अवकाशप्राप्त) वीपी मलिक, बीएसएफ के पूर्व प्रमुख प्रकाश सिंह समेत कई हस्तियां भाग लेंगी। इस सम्मेलन में श्रीलंकाई सेना के पूर्व प्रमुख सरत फोंसेका और अमेरिका के कोहेन समूह के वरिष्ठ काउंसलर एड़मिरल जेम्स लॉय समेत कई विदेशी प्रतिभागी भी हिस्सा लेंगे।

 

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