योग के समर्थन में आया दारुल उलूम, कहा मजहब से जोड़ना गलत
योग दिवस पर मचे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिमों की प्रमुख धार्मिक संस्था दारुल उलूम का समर्थन मिला है। दारूल उलूम ने कहा है कि किसी भी तरह योग को मजहब से जोड कर नहीं देखना चाहिए,...
योग दिवस पर मचे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिमों की प्रमुख धार्मिक संस्था दारुल उलूम का समर्थन मिला है। दारूल उलूम ने कहा है कि किसी भी तरह योग को मजहब से जोड कर नहीं देखना चाहिए, यह तो एक शारीरिक व्यायाम है।
संस्था के प्रवक्ता ने एक समाचार चैनल से कहा कि चूंकि इस्लाम में सिर्फ अल्लाह की इबादत करने की बात कही गयी है, इसलिए सूर्य नमस्कार का समर्थन और उसकी इबादत तो हम नहीं कर सकते, लेकिन योग को व्यायाम के तौर पर लिया जाये तो इससे कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि उन्होंने इसे धर्म से जोडने पर आपत्ति जतायी है।
मालूम हो कि दारूल मुसलिम धर्मवालंबियों की एक प्रमुख शैक्षणिक संस्था है, जो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंध में स्थित है।
वहीं, मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खालिद रशीद फिरंगीमहली ने भी कहा है कि बोर्ड ने 21 जून पर हो रहे योग दिवस का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अगर इसमें मंत्रोच्चार व सूर्य नमस्कार को नहीं जोडा जाता है और इसे सिर्फ व्यायाम के तौर पर लिया जाता है तो कोई इसका विरोध नहीं करेगा।
गौरतलब है कि योग पर ढीला रवैया अपनाने को लेकर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने सरकार की आलोचना भी की है और कहा है कि इस मामले में सूर्य नमस्कार पर मुसलिमों को वीटो लगाने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।