घाटी में पांचवें दिन भी कर्फ्यू, अब तक 34 मरे, हिरासत में गिलानी
पंपोर और कुपवाड़ा शहरों समेत कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू जारी है। शेष घाटी में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध बरकरार है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुइ झड़पों में मरने वालों की...
पंपोर और कुपवाड़ा शहरों समेत कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू जारी है। शेष घाटी में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध बरकरार है। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुइ झड़पों में मरने वालों की संख्या 34 हो गई है। अधिकारियों ने झड़पों में सात और लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है। ये झड़पें हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की एक मुठभेड़ में हुई मौत के बाद शुक्रवार शाम को शुरू हुई थीं।
इस बीच प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में ले लिया। गिलानी ने प्रतिबंधों का उल्लंघन किया और शहर के निचले इलाके में शहीदों के कब्रिस्तान तक मार्च निकालने की कोशिश की थी।
गिलानी ने वर्ष 1931 में राजशाही के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाने वालों की 85वीं बरसी मनाने के लिए शहीदों के कब्रिस्तान की ओर मार्च निकालने की कोशिश की थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिलानी नजरबंद थे। उन्हें पुलिस ने हैदरपोर में उनके आवास के बाहर हवाई अड्डा सड़क पर हिरासत में ले लिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने हुर्रियत के कुछ अन्य नेताओं को भी हिरासत में लिया है।
अलगाववादियों का बंद
सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ों में नागरिकों की मौतों का विरोध करने के लिए अलगाववादियों ने बंद आयोजित किया है। इसके चलते बुधवार को लगातार पांचवें दिन भी सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। बंद के चलते दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। सार्वजनिक और निजी यातायात सड़कों से नदारद रहे।
कई सेवाओं पर असर
मोबाइल इंटरनेट और रेल सेवाएं अब भी निलंबित हैं। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में मोबाइल फोन सेवा आंशिक तौर पर निलंबित की गई है। मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद होने से नौकरीपेशा, डाॠक्टरों और छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, जगह जगह रेल पटरी के क्षतिग्रस्त होने से रेल सेवाएं बहाल होने में कुछ और दिन लगेंगे।
राजमार्ग पर लंबी कतारें
घाटी में भड़की हिंसा को देखते हुए लोग श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग से दिन की बजाय रात के वक्त निकलने को प्राथमिकता दे रहें हैं जिसके कारण वाहनों का लंबी कतारें लगी हुई हैं। हिंसा और तनाव के कारण लोग दिन के समय यात्रा करने से बच रहे हैं।