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यूं मनाई जाती है जापानी और थाई दिवाली: IN PICS

टहनियों पर झूलती लालटेनें... (जापान) तुम्हें यह जानकर हैरानी होगी कि जापान में लोग दिवाली के मौके पर अपना घर नहीं, बल्कि बगीचा सजाते हैं। वे कागज से बनी सुंदर-सुंदर लालटेनों को अलग-अगल तरीकों से...

यूं मनाई जाती है जापानी और थाई दिवाली: IN PICS
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 26 Oct 2016 01:47 PM
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टहनियों पर झूलती लालटेनें... (जापान)
तुम्हें यह जानकर हैरानी होगी कि जापान में लोग दिवाली के मौके पर अपना घर नहीं, बल्कि बगीचा सजाते हैं। वे कागज से बनी सुंदर-सुंदर लालटेनों को अलग-अगल तरीकों से पेड़ों पर टांगते हैं। फलदार पेड़ों की डालियों से लटकती हुई असंख्य लालटेनें पूरे बगीचे को रोशन कर देती हैं। लोग रात भर म्यूजिक और डांस में मगन रहते हैं। वहां इस मौके पर नए कपड़े पहनने और नाव की सवारी करने का भी चलन है। इतना ही नहीं, यहां मंदिरों को खूबसूरत वॉलपेपर्स से सजाने की परंपरा भी है। बच्चे कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं। जापान स्थित योकोहामा के यमाशिता पार्क में हर साल मनाई जाने वाली दिवाली देखने लायक होती है।

 


जब रात पहनती है सितारों वाली ड्रेस (थाईलैंड)
यहां दिवाली को ‘लोय क्रथांघ’ पर्व कहा जाता है।  इस दिन लोग केले के पत्ते से बने लैंप को नदी में प्रवाहित करते हैं। ऐसा गौतम बुद्ध और जल देवता के सम्मान में किया जाता है। सरसों के तेल से जलाए गए इस लैंप से वातावरण शुद्ध होता है। इस दिन यहां नाव परेड भी होती है। बैंकॉक की चाओ फ्राया नदी के घाट पर इस पर्व की रौनक देखने लायक होती है। इसमें कागज की लालटेनों के अंदर बांस के स्टैंड में मोमबत्ती रखी जाती है। हॉट एयर बैलून जैसी इन लालटेनों को आसमान में उड़ाया जाता है। जब ये झिलमिलाती हैं तो ऐसा लगता है कि रात ने भी दिवाली पर अपनी मम्मा से जिद करके खरीदी गई सितारों वाली ड्रेस पहन ली हो। 


‘लिटिल इंडिया’ की बिग दिवाली  (सिंगापुर)
तुम्हारे कई शरारती दोस्त तेज धमाका करने वाले बम और बहुत ऊपर जाने वाले रॉकेट छुटाते होंगे। लेकिन अगर उनका घर सिंगापुर में होता तो वे ऐसा न कर पाते। वजह यह कि यहां फुलझड़ी के अलावा कोई और पटाखा छुटाना एकदम मना है! लेकिन इसके बावजूद यहां दिवाली बहुत अच्छी तरह मनाई जाती है। इस दौरान ‘लिटिल इंडिया’ के नाम से जानी जाने वाली यहां की सेरानगून रोड की रौनक देखने लायक होती है। इसे रंगबिरंगी लाइट्स, फूलों की लड़ियों और दीपों से सजाया जाता है। बच्चे खुले मैदान में अपने मम्मी-पापा के साथ जाकर फुलझड़ी छुटाते हैं।


सबसे बड़ा यूरोपीय स्ट्रीट फेस्टिवल  (ब्रिटेन)
यहां की लेस्टर बेलग्रेव रोड का दिवाली सेलीब्रेशन दुनिया भर में मशहूर है। लेस्टर दिवाली पर्व का आयोजन करने वाला ब्रिटेन का पहला शहर था। यहां 35000 से ज्यादा लोग हर साल आते हैं। यहां का दिवाली पर्व आयोजन यूरोप का सबसे बड़ा स्ट्रीट फेस्टिवल है। इसे लेस्टर सिटी काउंसिल और लेस्टर हिंदू काउंसिल मिल कर आयोजित करते हैं। यहां की दिवाली में तकनीक के कई कमाल देखने को मिलते हैं, जैसे एक बार रावण की ऐसी मूर्ति बनाई गई थी, जो अपने आप जलती रहती थी। दिवाली से पहले यहां ‘लाइट्स स्विच ऑन सेरेमनी’ होती है, जिसमें लिसेटर बेलग्रेव रोड की सारी लाइट्स जलाई जाती हैं। 


‘हरी दिवाली’ मनती है यहां (मलेशिया)
इस देश में पटाखे छुटाना मना है। यहां के लोग दिवाली को ‘हरी दिवाली’ कहते हैं। दिवाली के मौके पर यहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग दूसरे समुदाय के लोगों को ‘ओपेन हाउस एक्टिविटी’ के लिए बुलाते हैं, जिसमें सबके बीच मेल-मिलाप होता है। छोटे बच्चों को पीले या बैंगनी लिफाफे में तोहफे दिए जाते हैं। दिवाली के कुछ हफ्ते पहले से ही यहां के शॉपिंग मॉल्स के बाहर फर्श पर आकर्षक कोेलम (दक्षिण भारतीय रंगोली) बनाई जाती है।

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