इंसान का दुलार पसंद करती है लेपर्ड सील
स्टोरी- -सील एक समुद्री जीव है, जो कई तरह की होती है। इन्हीं में से एक है लेपर्ड सील। इसे स्तनपायी जीवों की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि यह अपने बच्चों को दूध...
स्टोरी-
-सील एक समुद्री जीव है, जो कई तरह की होती है। इन्हीं में से एक है लेपर्ड सील। इसे स्तनपायी जीवों की श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि यह अपने बच्चों को दूध पिलाती है। सभी सीलों में इसे दूसरी सबसे बड़ी सील माना जाता है, जिसकी लंबाई 11.5 फीट तक होती है और वजन 600 किलोग्राम तक होता है।
-यह समुद्र के ठंडे क्षेत्र से लेकर गर्म रहने वाले क्षेत्र तक में रहती है। यह समुद्र के किनारे जमीन पर या बर्फ पर रेंग भी सकती है और अकसर अपने भोजन के लिए समुद्र के किनारे आ जाती है।
-यह अंटार्कटिक क्षेत्र से लेकर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के समुद्र में पाई जाती है, यह दो रंग की होती है- सुनहरा
और स्लेटी।
-सील की सभी प्रजातियों में लेपर्ड सील सबसे अधिक आक्रामक होती है। यह छोटे ग्रुप में रहती है और एक से दो साथी ही रखती है।
-इसका प्रमुख भोजन क्रिल, अन्य छोटी मछलियां, पेंग्विन और ्क्विवड होते हैं। यह पानी में तेजी से तैर लेती है और बर्फ पर भी तेजी से रेंग सकती है। इस कारण पेंग्विन का भी शिकार आसानी से कर लेती है।
-फीमेल लेपर्ड सील 11 महीने में बच्चे को जन्म देती है और तब तक अपने बच्चों का ख्याल रखती है, जब तक कि वे खुद को संभालने लायक न हो जाएं। जन्म के समय नन्हे सील का वजन लगभग 30 किलोग्राम
होता है और लंबाई लगभग 3 फीट होती है।
-मेल लेपर्ड सील लगभग साढ़े तीन साल में बड़ा हो जाता है, जबकि फीमेल लेपर्ड सील लगभग ढाई साल में बड़ी होती है। इनकी आयु लगभग 25 साल होती है।
-अनुमान लगाया जाता है कि अब लेपर्ड सीलों की संख्या दो लाख 50 हजार रह गई है। यह किलर ह्वेल का तो शिकार होती ही है, इंसान भी इसका शिकार करता रहा है। लेकिन अब अंटार्कटिका में लेपर्ड सील के शिकार पर प्रतिबंध लग गया है।
-इंसानों से इसका व्यवहार दोस्ताना होता है। समुद्र किनारे, खासकर बर्फीले इलाके में बैठे लोगों के पास लेपर्ड सील पहुंच जाती है और दुलार करवाने की कोशिश करती है। दुलार करने वालों के पास यह बैठकर आराम करती है और सो भी जाती है।