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सूबे का पहला कचरा मुक्त शहर बनेगा मुजफ्फरपुर

कचरा मुक्त शहर बनाने के लिए सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरामेंट और आईटीसी ने मुजफ्फरपुर के एमओयू (मेमरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर गुरुवार को हस्ताक्षर किया। मिठनपुरा स्थित होटल पार्क में समझौते पत्र पर...

सूबे का पहला कचरा मुक्त शहर बनेगा मुजफ्फरपुर
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 15 Dec 2016 09:48 PM
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कचरा मुक्त शहर बनाने के लिए सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरामेंट और आईटीसी ने मुजफ्फरपुर के एमओयू (मेमरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर गुरुवार को हस्ताक्षर किया। मिठनपुरा स्थित होटल पार्क में समझौते पत्र पर सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरामेंट की ओर से उपनिदेशक चंद्रभूषण और आईटीसी की ओर से पेपरबोर्ड एंड स्पेशलिटी डिविजन के महाप्रबंधक जीएन मूर्ति, नगर निगम की ओर से मेयर वर्षा और नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने हस्ताक्षर किये।

नमामि गंगे योजना से मुजफ्फरपुर को जोड़ने की घोषणा

इस दौरान मुजफ्फरपुर को भी नमामि गंगे योजना से जोड़े जाने और ठोस कचरा प्रबंधन के लिए एक महीने की कार्ययोजना तैयार करने की घोषणा की गई। साथ ही घोषणा की गई कि शहर को कचरा मुक्त बनाने के लिए एक महीने में सिटी सैनिटेशन प्लान तैयार किया जाएगा और मुजफ्फरपुर बिहार का पहला कचरा मुक्त शहर बनेगा। इस पहल से शहर को स्मार्टसिटी की सूची में शामिल कराने में भी मदद मिलेगी।

बीमारू शहरों में मुजफ्फरपुर में 523 वें स्थान पर

इस अवसर पर आयोजित कार्यशाला की शुरुआत करते हुए सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरामेंट के उपनिदेशक चंद्रभूषण ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छता, स्वास्थ्य और समृद्धि है। कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन में सीएसई के साथ-साथ आईटीसी भी नगर निगम की मदद करेगा। उनका कहना था कि कचरा प्रबंधन पर कारगर पहल नहीं होने से मुजफ्फरपुर एक बीमारू शहर हो चला है। उन्होंने हेल्थ इंडेक्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश के बीमारू शहरों में मुजफ्फरपुर में 523 वें स्थान पर है।

आधी बीमारी सिर्फ प्रदूषण व गंदगी के कारण: डॉ. टीके झा

शहर के प्रख्यात कालाजार विशेषज्ञ डॉ. टीके झा ने भी कहा कि आधी बीमारी सिर्फ प्रदूषण व गंदगी के कारण है। यहां वाटर बॉर्न डिजिज के अधिक होने का कारण नाले और पेयजल के पाइपलाइन का साथ-साथ गुजरना है। उन्होंने कहा कि नाले का लेवल सही नहीं होने के कारण अधिकांश नालों से गंदे जल की निकासी नहीं हो पाती है। साथ ही नाले का पानी भू-जल को प्रभावित कर रहा है। यदि नगर निगम सिर्फ दो काम मसलन नाले से गंदे पानी की निकासी और घर-घर में साफ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कर लें तो बीमारी खुद ब खुद कम होती जाएगी।

पढ़े-लिखे भी स्वच्छता की करते अनदेखी करते: मेयर

मेयर वर्षा सिंह ने कहा कि नगर निगम अपनी तरफ से सफाई में कोई कोताही नहीं बरत रहा है। सुबह-सुबह निगम के सफाई कर्मचारी लोगों के घरों तक जाकर कचरा उठाते हैं। इसके बावजूद लोग सफाई के बाद घर का कूड़ा सड़क या नाले पर डाल देते हैं। अनपढ़ ही नहीं, पढ़े-लिखे लोग भी इस तरह का काम करते हैं। नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरामेंट के उपनिदेशक को बधाई देते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। गीले और सूखे कचरे के लिए गरीबों को दो अलग-अलग रंग के डस्टबिन देने की घोषणा की।

कचरे से की जा सकती है कमाई: जीएन मूर्ति

कार्यशाला में आईटीसी की ओर से पेपरबोर्ड एंड स्पेशलिटी डिविजन के महाप्रबंधक जीएन मूर्ति ने बताया कि कचरे के बेहतर प्रबंधन से न सिर्फ स्वच्छता संभव है, बल्कि इससे कमाई भी की जा सकती है। इसके लिए लोगों को अपनी आदत में परिवर्तन करने की जरूरत है। दरअसल कचरे से खाद तैयार कर बागवानी कर सकते है।

इससे पूर्व कार्यशाला का उद्घाटन नगर विधायक सुरेश शर्मा, मेयर वर्षा सिंह, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, बीएनमंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ.रिपुसूदन श्रीवास्तव, बिहार राज्य मोटर फेडरेशन के अध्यक्ष उदयशंकर प्रसाद सिंह और नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम को नॉर्थ बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मोतीलाल छापड़िया, वार्ड पार्षद राजा विनीत कुमार,संजय कुमार एवं आनंद कुमार महतो ने भी संबांधित किया।

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