इस बार की होली में वृन्दावन में टूटेगी ये परंपरा
परम्पराओं को तोड़कर पहली बार वृन्दावन की लगभग एक हजार विधवाएं कल भगवान श्रीकृष्ण मंदिर परिसर में होली खेलेंगी। मंदिर परिसर में पिछले कई दशकों से रह रहे...
परम्पराओं को तोड़कर पहली बार वृन्दावन की लगभग एक हजार विधवाएं कल भगवान श्रीकृष्ण मंदिर परिसर में होली खेलेंगी।
मंदिर परिसर में पिछले कई दशकों से रह रहे संस्कृत के विद्यार्थियों और पंडितों ने वृन्दावन और वाराणसी की विधवाओं को होली मनाने के लिए सहमति दे दी है।
सामाजिक क्षेत्र की संस्था सुलभ इन्टरनेशनल के संस्थापक ने बताया कि मंदिर परिसर में विधवाओं को होली खेलने की अनुमति मिल गयी है। यह पहली बार होगा कि विधवाएं भगवान कृष्ण मंदिर परिसर में होली खेलेंगी।
पिछले साल वाराणसी और वृन्दावन के आश्रमों में रह रही एक हजार विधवाओं ने चार दिन की होली का भरपूर आनन्द उठाया।
होली के लिए 1200 किलोग्राम गुलाल और 1500 किलोग्राम गुलाब और गेंदे की पंखुडिया मंगायी गई हैं। सफेद रंग की साड़ी पहने ये महिलाएं एक दूसरे पर रंग लगाएंगी।
देश के कई हिस्सों में विधवाओं के होली खेलने पर सामाजिक पाबन्दी है। उन्हें इस कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने देने की परंपरा है।
श्री पाठक ने बताया कि विधवाओं को इस होली में शामिल होने के लिए संस्कृत भाषा के कई छात्रों और पंडितों को राजी किया गया है। सुलभ इंटरनेशनल आश्रम में वहां रह रही विधवाओं के लिए पिछले तीन साल से होली का आयोजन कर रहा है।